धातु की सतहों को साफ करने और जंग रोकने के लिए लेजर-आधारित यंत्र विकसित
Scientists from International Advanced Research Centre for Powder Metallurgy & New Materials (ARCI), an autonomous institute of the Department of Science and Technology (DST), Govt. of India, at its Centre for Laser Processing of Materials, have brought out a single-step method to develop super-hydrophobic functional surfaces that have ability to repel water. Such surfaces do not allow water to cling long enough to evaporate and leave behind residue.
-BY-USHA RAWAT
पर्यावरण के अनुकूल स्वत:साफ होने वाली सतहें, जो जैव चिकित्सा और अन्य अनुप्रयोगों को जंग लगने और उनमें बैक्टीरिया विकसित होने से बचा सकती हैं,जल्द ही अल्ट्राफास्ट लेजर-आधारित प्रक्रिया के साथ एक वास्तविकता हो सकती है जिसे वैज्ञानिकों ने किसी लेप या अतिरिक्त सतह का उपयोग किए बिना धातु की सतहों पर लगाने के लिए विकसित किया है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार के एक स्वायत्त संस्थानइंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यूमटीरियल्स (एआरसीआई),के वैज्ञानिकों ने सामग्री के अपने लेजर प्रसंस्करण केंद्र मेंसुपर-हाइड्रोफोबिक कार्यात्मक सतहों को विकसित करने के लिए एक एकल-चरण विधि का इजाद किया है जिसमें पानी को दूर ही रखने की क्षमता है। इस तरह की सतहें पानी को लंबे समय तक चिपके रहकर वाष्पीकरण के जरिए उसपर किसी तरह का अवशेष नहीं छोड़ने देती हैं।
इस स्वदेशी लेज़र प्रोसेसिंग को पत्रिका ‘मटीरियल्स परफॉरमेंस एंड कैरेक्टराइजेशन’में प्रकाशित किया गया है। यह प्रक्रिया सामग्री की एक विस्तृत श्रृंखला पर तेज़ और लचीली सुपर-हाइड्रोफोबिक सतहों के निर्माण की अनुमति देता है। इस विधि में लेजर प्रोसेसिंग मापदंडों को समायोजित करकेसंरचना पैटर्न को सटीक रूप से नियंत्रित करना और संपर्क कोण और कई प्रकार के अध:स्तर (सब्सट्रेट्स) के गीला होने के गुणों को ठीक करना संभव है। यह एक मजबूत,सरल,तेज,सटीक,और पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रिया है और इसका उपयोग प्रभावी रूप से मजबूत सुपर-हाइड्रोफोबिक सतहों को गढ़ने के लिए किया जा सकता है। इसमें बड़े स्तर पर उपयोग किए जाने की उच्च क्षमता है।
वर्तमान मेंसुपर-हाइड्रोफोबिक गुण किसी सतह को खुरदुरा करके और रासायनिक लेप की मदद से उतार वाली सतह विकसित करके प्राप्त किए जाते हैं जो ज्यादातर दो-चरण प्रक्रियाएं हैं। पहला कदम भौतिक या रासायनिक तरीकों से किसी सतह को खुरदुरा बनाना और दूसरे चरण में रासायनिक लेप की मदद से उतार वाली सतह बनाना शामिल हैं। हालांकि,इन सुपर-हाइड्रोफोबिक लेप सतहों में फ्लोरिनेटेड विषाक्त अभिकर्मक और खराब यांत्रिक स्थिरता का उपयोग जैसी कई पाबंदियां हैं।
इसके विपरीत, एआरसीआई के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एकल-चरण प्रक्रिया में एक फेमटोसेकंड लेजर(कुछ फेमटोसेकंड और सेकंड के 10-15की अवधि के लेजर प्रकाश छोड़ता है) का उपयोग करके सतह संशोधनशामिल है जो गैर-तापीय और पर्यावरण के अनुकूल है।
[पेटेंट:
रवि बाथे, के.एस. श्रीन, और जी. पद्मनाभम, “मैथड फॉर प्रिपेयरिंग मल्टीफैक्शनल एंड आइसोट्रोपिक, यूनी डायरेक्शनल अल्ट्राफास्ट सुपरहाइड्रोफोबिक सरफेसेस यूजिंग अल्ट्राफास्ट लेजर” इंडियन पेटेंट फाइल्ड (24512/2020 / DEL; दिनांक 27/05/2020)
प्रकाशन लिंक: https://doi.org/10.1520/MPC20180090
अधिक जानकारी के लिए डॉ रवि एन बाथे (ravi@arci.res.in) से संपर्क करें]