धर्म/संस्कृति/ चारधाम यात्रा

बदरीश पंडा पंचायत ने किया बदरी – केदार समिति के लिए धार्मिक संवर्ग सेवा नियमावली का समर्थन

प्रकाश कपरूवाण की रिपोर्ट –

बदरीनाथ, 29 सितंबर।श्री बदरीश पंडा पंचायत की प्रबंधकारिणी समिति की महत्वपूर्ण बैठक में श्री बदरीनाथ मंदिर एवं धाम में पूजा-पाठ से संबंधित पुरातन काल से चली आ रही परम्पराओं और हक-हकूकों के सम्बन्ध में कुछ लोगों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम व दुष्प्रचार पर कड़ी आपत्ति जताई गयी। चेतावनी दी गयी कि दवाब बनाकर परंपराओं व हक़-हकूकों में किसी भी प्रकार के फेरबदल एवं छेड़छाड़ का विरोध किया जाएगा। बैठक में श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा बनायी गयी धार्मिक संवर्ग सेवा नियमावली को स्वागत योग्य कदम बताया गया।

श्री बदरीश पंडा पंचायत की बैठक में कहा गया कि एक समाज विशेष द्वारा लगातार कुछ समय से बदरीनाथ के मुख्य पुजारी के रूप में अपना परिचय एवं अधिकार जताया जा रहा है, जो कि घोर आपत्तिजनक है। कहा गया कि बदरीनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी के लिए पूर्व से निर्धारित हक- हकूक मात्र केरल प्रांत के नंबूदरी ब्राह्मणों का है, जो कि रावल और नायब रावल के रूप में नियुक्त होते हैं। इनके अतिरिक्त भगवान बद्री विशाल जी की पूजा का अधिकार किसी को भी नही है।

बैठक में कहा गया कि अन्य समाज केवल सहयोगी के रूप में अलग-अलग व्यवस्था को देखते हैं, जिनके लिए पूर्व से ही नियम और व्यवस्था सुनिश्चित है। उन्हें सेवादार या अन्य आधिकारिक नामों से पुकारा जाता है। वक्ताओं ने यह भी कहा कि देवप्रयाग समाज के ब्राह्मण श्री बदरीनाथ धाम आने वाले देशभर के सम्पूर्ण यात्रियों के पंडा- पुरोहित हैं, जबकि डिमरी समाज मात्र गढ़वाल व कुमाऊं क्षेत्र से आने वाले यात्रियों का तीर्थ पुरोहित है।
बैठक में कहा गया कि मुख्य पुजारी और श्री बदरीनाथ धाम के समस्त मंदिरों के पुजारी के रूप में अपना अधिकार बताना गलत है। यह पूर्व से स्थापित परंपराओं पर अतिक्रमण करना जैसा है, जो कि विरोध योग्य है। कहा गया कि श्री बदरीनाथ धाम की मर्यादा और व्यवस्था बनाएं रखने के सभी सकारात्मक क़दमों का स्वागत है।

बैठक में अध्यक्ष प्रवीन ध्यानी, उपाध्यक्ष सुधाकर बाबुलकर, सचिव रजनीश मोतीवाल, कोषाध्यक्ष अशोक टोडरिया, सहसचिव राजेश पालीवाल, पंचायत सदस्य प्रदीप गौरी भट्ट, पंचायत सदस्य अजय बंदोलिया, युवा संगठन अध्यक्ष श्रीकांत बडोला, सचिव गौरव पंचभैया, पूर्व अध्यक्ष मुकेश प्रयागवाल, पूर्व उपाध्यक्ष टीका प्रसाद रैवानी, पूर्व कोषाध्यक्ष प्रदीप शास्त्री, पूर्व सदस्य राजेंद्र त्रिपाठी, आशीष कोटियाल, प्रफुल्ल पंचभैया, दुर्गा प्रसाद ध्यानी, धीरज मोनू पंचभैया, राकेश कर्नाटक, मिथलेश ध्यानी, मनीष कोटियाल, नन्दन टोडरिया, पं भास्कर राजपुरोहित, विनोद टोडरिया, सुदर्शन डोभाल, विजय कोटियाल, आशुतोष भट्ट, प्रशान्त भट्ट, देवकीनंदन कोटियाल, प्रदीप कोटियाल, सिद्धार्थ पालीवाल, सोमनाथ त्रिपाठी, अवधेश ध्यानी, गगन कोटियाल, सुनील टोडरिया, आदर्श टोडरिया, दिनेश डोभाल, हरिओम उनियाल, राकेश बंदोलिया, संजय तिवाड़ी, राहुल बाबुलकर, लक्ष्मीनारायण ध्यानी, अरुण रैवानी, सुभाष लक्की पंचपुरी, भगवती प्रसाद कोटियाल, अशोक तिवाड़ी, अशोक जोशी, अतुल कोटियाल, दुर्गेश पंचपुरी, प्रमोद कोटियाल, रोहित कोटियाल, राहुल ध्यानी, उत्तम तिवाड़ी, जगदम्बा पंचपुरी, सूर्य प्रकाश ध्यानी, अंकित ध्यानी के साथ साथ बहुसंख्या में पुरोहित शामिल हुए।

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