जबरन पेंशन कटौती के विरोध में पेंशनर 62 दिन से धरने पर

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भिकियासैंण,24 अक्टूबर।

तहसील मुख्यालय पर उत्तराखंड पैंशनर्स संगठन के अनिश्चितकालीन धरने को आज 62 दिन पूरे हो गए हैं। परन्तु सरकार की ओर से अभी तक कोई पहल नहीं हुई है। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज सल्ट विकासखंड के पैशनर्स ने धरना दिया। परन्तु सरकार की ओर से अभी तक कोई पहल नहीं हुई है।

बैठक को सम्बोधित करते हुए संगठन के अध्यक्ष तुला सिंह तड़ियाल ने कहा कि,पैंशनर्स को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के नाम पर पैंशन से असंवैधानिक कटौती की जा रही है इसका कोई लाभ पैंशनर्स को नहीं मिल रहा है। इस पैसे की प्राधिकरण में लूट मची हुई है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि, उत्तराखंड स्वाथ्य प्राधिकरण की पहली वर्षगांठ पर तकरीबन साठ लाख रुपए का केक काटा गया। यह बात सुनने में आपको जरूर  अटपटी लग रही होगी लेकिन यह हकीकत है। सितंबर 2018 में उत्तराखंड राज्य अटल आयुष्मान योजना को चलाने के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण नाम का एक एनजीओ चिट फंड सोसाइटी के अन्तर्गत पंजीकृत किया गया प्रदेश भर के पैंशनर्स एवं सेवारत कर्मचारियों के पैंशन से जबरन उनके वेतनमान के अनुसार कम से कम 250 व अधिकत्तम 1000 रुपए की कटौती की जा रही है।

उत्तराखंड में करीब साढ़े तीन लाख पैंशनर्स व सेवारत कर्मचारी हैं जिनसे करीब ढाई अरब रुपए सालाना जमा होता है।  यह रुपए इसी प्राधिकरण के खाते में जमा हो रहे हैं। उन्होंने कहा वर्ष 2019 में प्राधिकरण की पहली वर्षगांठ को बड़ी धूमधाम से मनाया गया। जिसमें  5937008 रुपए खर्च की संवैधानिक स्वीकृति 05,फरवरी 2020 के प्राधिकरण की बैठक में ली गई। हैरत में डालने वाली बात यह है कि, रुपए खर्च किए गए वर्ष 2019 में और उसकी संवैधानिक स्वीकृति एक वर्ष बाद ली गई।

उत्तराखंड सरकार ने स्वाथ्य प्राधिकरण नाम का यह एनजीओ पैंशनर्स व सेवारत कर्मचारियों के पैंशन व वेतन से काटी गई राशि को ठिकाने लगाने के लिए बनाया गया है। इन रुपयों की वहां बन्दर बांट हो रही है। इस बंदर बांट को बन्द करने के लिए ही भिकियासैंण तहसील मुख्यालय पर पैंशनर्स पिछले 25अगस्त से अनिश्चितकालीन धरने पर हैं। ऐसा अत्भुत आन्दोलन देश में पहली बार देखने को मिल रहा है। लेकिन यहां की सरकार आंखें मूंद कर बैठी हुई है । बैठक को देब सिंह घुगत्याल, पूर्व प्रधानाचार्य गंगा दत जोशी, यू डी सत्यबली, लीलाधर जोशी, जयप्रकाश मौलेखी, मदन सिंह नेगी, आनन्द प्रकाश लखचौरा, किसन सिंह मेहता, मोहन सिंह नेगी, डॉ विश्वम्बर दत्त सती, राम राम सिंह बिष्ट, देबी दत्त लखचौरा, तुला सिंह तड़ियाल, देब सिंह बंगारी, आदि लोगों ने सम्बोधित किया। धरना स्थल पर आन्दोलनकारियों ने जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए। और प्रेणादायक जन गीत ले, मशालें चल पड़े हैं— गाये गये।

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