आज देहरादून में पीएम मोदी, 18 हजार करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास-लोकार्पण करेंगे

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देहरादून ,4 दिसंबर (उ हि )।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार को जनसभा के जरिये उत्तराखंड में 2022 के विधानसभा चुनाव का आगाज करेंगे। मौसम की उलटबासी के बीच पार्टी ने रैली स्थल परेड मैदान में एक लाख से अधिक लोगों की भीड़ जुटाने का लक्ष्य बनाया है। लक्ष्य हासिल करने के लिए पार्टी ने मंत्रियों से लेकर प्रदेश पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को मोर्चे पर उतारा हुआ है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री को सुनने के लिए लोगों में खासा उत्साह है। दूरदराज के लोग अपने साधनों से देहरादून पहुंच रहे हैं। वह 18 हजार करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे।लेकिन जिन योजनाओं को सौगात बता कर प्रचारित किया जा रहा है उनका प्रचार काफी पहले से हो रहा है। इन योजनाओं को BJP काफी पहले से अपनी उपलब्धियों के रूप में कैश करती रही है। इनमें चार धाम ऑल वेदर रोड भी शामिल है जिसके कुछ हिस्सों को आज लोकार्पित किया जाना हे।

प्रधानमंत्री इन येजनाओं का करेंगे लोकार्प

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1-व्यासी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट/व्यासी जलविद्युत परियोजना

उत्तराखण्ड के लिये 3 दिसम्बर का दिन ऊर्जा क्षेत्र में एक और मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। इस दिन मा0प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मा0 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी नब्बे के दशक से अधूरी पड़ी 120 मेगावाट की व्यासी जलविद्युत परियोजना को प्रदेश और राष्ट्र को समर्पित कर रहे हैं। यमुना नदी पर बनी इस परियोजना पर बिजली उत्पादन शुरू हो जाने से प्रदेश की जलविद्युत उत्पादन क्षमता में 120 मेगावाट की वृद्धि होने जा रही है। इससे राज्य को 375.22 मिलियन यूनिट बिजली प्राप्त होगी। यह परियोजना रन ऑफ द रिवर है जिसमें यमुना नदी पर 86 मीटर ऊंचा बांध बना है जिसका पानी 2.7 किमी लम्बी हेड रेस सुरंग से पावर हाउस तक लाया गया है। सन् 2002 के बाद राज्य क्षेत्र की उत्पादन शुरू करने वाली यह पहली बड़ी परियोजना है।

2-देव प्रयाग श्रीकोट राष्ट्रीय राजमार्ग (एन.ए-58)

मा0 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-58 पर देवप्रयाग से श्रीकोट के बीच चार धाम ऑल वेदर रोड के 38 किमी लम्बे पैच का लोकपर्ण कर रहे हैं। सामरिक और चारधाम यात्रा के साथ ही प्रदेश के विकास की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण लगभग 800 किमी लम्बी चार धाम ऑल वेदर रोड परियोजना का यह पैच सबसे पहले तैयार हो कर यातायात के लिये शुरू हो रहा है। कुल 257 करोड़ रु0 लागत से बने चार धाम मार्ग के इस हिस्से के साथ ही परियोजना का कार्य सम्पन्न होने की शुरूआत हो गयी है।

3-ब्रह्मपुरी-कौडियाला (एन.एच-58)

ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग पर ब्रह्मपुरी से कौडियाला के बीच ऑल वेदर रोड के 33 किमी लम्बे हिस्से के चौड़ीकरण का कार्य सम्पन्न होकर सुगम और निर्वाध आवागमन के लिये तैयार हो गया है। कुल 248 करोड़ की लागत से तैयार यह मार्ग भी लोकार्पण की प्रतीक्षा कर रहा है। अब 10 मीटर राइडिंग सरफेस के साथ सुलभ एवं सुरक्षित आगमन सुनिश्चित हो गया है।

4-भूस्खलन शमन

उत्तराखण्ड जैसे हिमालयी राज्य में भूस्खलन एक गंभीर समस्या रही है। भूस्खलन के कारण न केवल चारधाम यात्रा बल्कि पहाड़वासियों का सामान्य आवागमन भी प्रभावित होता है। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति तक रुक जाती है। विशेषकर बदरीनाथ के निकट लामबगड़ में यह समस्या बहुत लम्बे समय से चली आ रही थी। इस स्थान पर कई दुर्घटनाएं होने के साथ ही तीर्थ यात्री लम्बे समय तक वहां फंसे रह जाते थे। स्लाइडिंग जोन में 108 करोड़ रु0 लगात के भूस्खलन शमन कार्य अब लामबगड़ में मार्ग सुरक्षित और सुगम हो गया है।

5-क्रोनिक भूस्खलन उपचार

ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग पर ही सुगम यातायात के लिये लम्बे समय से गंभीर समस्या बने साकनीधार, श्रीनगर और देवप्रयाग एनएच -58 पर रु0 76 करोड़ लगात से 1.1 किमी लम्बा वैकल्पिक मार्ग तैयार है। भूस्खलन के स्थाई उपचार तथा चौड़ीकरण से यातायात में समय की बचत और आवागमन सुरक्षित तथा सुलभ होगा।

6-हिमालयन संस्कृति केन्द्र देहरादून:-

उत्तराखण्ड की राजधानी में प्रदेश की समस्त सांस्कृतिक गतिविधियों, सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिये अत्याधुनिक राज्य स्तरीय संग्रहालय/ प्रेक्षागृह बन कर तैयार हो गया है। प्रदेश की सांस्कृतिक विधिता एवं अनूठी सांस्कृतिक धरोहरों को संजाये रखने और सांकृतिक उन्नयन की दृष्टि से यह केन्द्र उत्तराखण्ड के लिये एक बड़ी सौगात है। कुल रु0 67 करोड़ लगात के केंद्र बनने से अब उत्तराखंड की सभी विधाओं के रचनाधर्मियों को अपनी कल्पनाओं को मूर्त रूप देने, प्रतिभा को विकसित और प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा। इस सेंटर में अत्याधुनिक ऑडिटोरियम, राज्य स्तरीय संग्रहालय, ओपन थिएटर समेत अन्य सुविधाएं एक छत के नीचे उपलब्ध है।लोककलाओं के संरक्षण के साथ ही लोक संस्कृति के संवाहकों को उचित मंच प्रदान करने के मकसद से इस सांस्कृतिक केंद्र की पहल को धरातल पर उतारा गया है। सांस्कृतिक केंद्र में 2518 वर्गमीटर क्षेत्र पर 825 सीटर और विशेष रूप से दिव्यांगजनों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त ऑडिटोरियम का निर्माण किया गया है।

7-स्टेट ऑफ आर्ट परफ्यूमरी एण्ड एरोमा लैबोरेटरी सेंटर फॉर एरोमेटिक प्लांट्स, देहरादूनः-

हिमालय की गोद में बसा उत्तराखण्ड अपनी विशिष्ट जैव विधिता के लिये विश्व विख्यात है। इसके अनोखी पादप विविधता का एक उदाहरण विश्व विख्यात फूलों की घाटी भी है। यहीं वह द्रोणागिरी पर्वत है जहां से हनुमान जी संजीवनी बूटी लेकर गये थे और तब जाकर मूर्छित लक्ष्मण जी को बचाया जा सका था। संजीवनी जैसी जड़ी बूटियों के सदुपयोग के लिये 40 करोड़ की लागत से यह केन्द्र स्थापित किया गया है जो कि राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के साथ मिल कर अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को संचालित करेगा। इससे उत्तराखण्ड में जड़ी बूटियों के कृषिकरण को भी बढ़ाव मिलेगा जिससे प्रदेश की ग्रामीण आर्थिकी में उछाल आयेगा।

इन योजनाओं का होगा शिलान्यास

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1-दिल्ली-देहरादून एक्प्रेस वे:

दिल्ली, ईपी जंक्शन से देहरादून 175 किमी (लागत रु0 8,600 करोड़) तक के एक्सप्रेस वे से हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, शामली, यमुनानगर, बागपत, मेरठ और बड़ौत से कनेक्टिविटी के लिये 7 इंटरवेज से आमजन को आवागमन में भारी सुविधा होगी। देश की राजधानी दिल्ली को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से जोड़ने के लिए एक्सप्रेस वे का शिलान्यास माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर कमलों से होने जा रहा है। यह एक्सप्रेस वे 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा जिससे दिल्ली से देहरादून सिर्फ 2.30 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। अभी दिल्ली से देहरादून जाने में 6 से 7 घंटे का समय लगता है। नए एक्सप्रेस वे के बनने से दिल्ली से देहरादून की दूरी 248 किमी से घटकर 180 किमी रह जाएगी। इस एक्सप्रेस वे के निर्माण पर 8 हजार 600 करोड़ रुपए लागत आयेगी। सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 26 फरवरी 2021 को इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। परियोजना को चार चरणों में 2024 तक पूरा किया जाना है और इसे ईपीसी यानी इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण मॉडल पर तैयार किया जा रहा है। एक्सप्रेस-वे से रुड़की और हरद्विार को भी जोड़ा जाएगा और इसके लिए 45 किलोमीटर लंबे लिंक रोड का प्रस्ताव है।

2-दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे से हरिद्वार:-

हल्गोया, उत्तर प्रदेश से बहादराबाद ग्रीनफील्ड संरखण 51 किमी (लागत रु0 2,082 करोड़)। का शिलान्यास मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा।

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे पर 2082 करोड़ की लागत से 51 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट बनाया जाएगा। यह दिल्ली से हरिद्वार के बीच बहादराबाद और सहारनपुर के हलगोवा के बीच बनेगा। इसमें छह इंटरचेंज, चार फ्लाईओवर, छह प्रमुख पुल, दस माइनर, दो रेलवे ओवर ब्रिज और 10 वीयूपी होंगे। इस मार्ग के बनने से दिल्ली से हरिद्वार की कनेक्टिविटी निर्बाध हो जायेगी और समय की भी काफी बचत होगी।

3-देहरादून-पांवटा साहिब:

हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब से देहरादून तक निर्बाध कनेक्टिविटी के लिये पांवटा से बल्लूपुर चौक देहरादून तक रु0 1,695 करोड़ की लागत से 50 किलोमीटर लंबा मार्ग बनाया जाएगा। यह पौंटा साहिब से शुरू होकर बल्लूपुर चौक तक बनेगा। इसमें तीन बड़े, 43 छोटे पुल, एक फ्लाईओवर, 15 अंडरपास शामिल हैं। इससे हिमाचल से देहरादून की यात्रा काफी आसान हो जाएगी और भागोलिक तथा सांसकृतिक दृष्टि से दो सहोदर पहाड़ी प्रदेश यातायात के मामले में और करीब आ जायेंगे।

4-हरिद्वार रिंग रोड:

हरिद्वार शहर में यातायात की भीेड़ से नागरिकों को राहत दिलाने और विशेषकर पर्यटन सीजन के दौरान सुगम यातायात के लिये इस मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। इस मार्ग के बनने से स्नान पर्वों पर हरिद्वार में होने वाली ट्रैफिक संबंधी गंभीर समस्या से निजात मिलेगी। इसमें गांव और कस्बों को हाईवे से जोड़ने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के तहत हिरिर रिंग रोड का निर्माण होगा। यह रिंग रोड मनोहरपुर से कांगड़ी तक 15 किलोमीटर लंबा होगी, जिस पर रु0 1,602 करोड़ की लागत आयेगी। इससे कुमाऊं मण्डल की राजधानी देहरादून तथा कुंभनगरी हरिद्वार से कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी।

5-जलापूर्ति, सड़क एवं जलनिकासी प्रणाली का विकास:

प्रदेश की राजधानी में रु0 724 करोड़ लागत की इस परियोजना से 140 किमी तक 2,44,621 लोगों को बेहतर से बेहतरीन सुविधाओं का लाभ मिलेगा। जनसंख्या का दबाव निरन्तर बढ़ते जाने से प्रदेश की राजधानी में पेजयजल की मांग भी बढ़ती जा रही है। जबकि वर्तमान जलापूर्ति की व्यवस्था जनसंख्या के पुराने अनुमान के आधार पर है। इस परियोजना के पूर्ण होने से देहरादूनवासियों की पानी की किल्लत दूर हो जायेगी।

6-मेडिकल कॉलेज हरिद्वार:

अक्सर डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी से जूझ रहे उत्तराखण्ड को एक और मेडिकल कालेज की सौगात मिलने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विकासशील सोच के बदौलत आज हरिद्वार मे मेडिकल कॉलेज का सपना पूरा होने जा रहा है। यह मेडिकल कॉलेज शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों क्षेत्रों में मील का पत्थर साबित होगा। कुल रु0 538 करोड़ की लागत से कुंभनगरी हरिद्वार में बनने वाले इस मेडिकल कॉलेज से प्रदेश के युवाओं को बेहतरीन मेडिकल शिक्षा एवं मरीजांे को उत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। हरिद्वार मेडिकल कालेज में 2022 में पहला बैच षुरू हो जाएगा। नगर निगम विधिवत रुप से मेडिकल कष्लेज के निर्माण के लिए 70.5 एकड़ जमीन चिकित्सा षिक्षा विभाग को पहले ही हस्तांतरित कर चुका है। केंद्र और राज्य सरकार मेडिकल कष्लेज के निर्माण के लिए बजट जारी कर चुकी है।

7-इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास कार्य:

करोड़ों सनातन धर्मावलम्बियों की आस्था के केन्द्र बदरीनाथ धाम में रु0 220 करोड़ लागत से अवसंरचना विकास का शिलान्यास माननीय प्रधानमंत्री के कर कमलों से। इस परियोजना के तहत बदरीनाथ धाम को स्मार्ट अध्यात्मिक टाउनशिप के रूप में विकसित किया जाना है। जिससे देश विदेश के करोड़ों श्रद्धालुओं के लिये सुविधाएं विकसित होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशानिर्देशों पर बदरीनाथ धाम को आध्यात्मिक हिल टाउन के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे आगामी 100 सालों के हिसाब से यात्रियों की क्षमता व आवश्यकता केे देखते हुए 85 हेक्टेयर भूमि पर चरणबद्ध तरीके से मास्टर प्लान के कार्य किए गये हैं। मास्टर प्लान के पहले चरण में रीवर फ्रंट डेवलपमेंट, बद्रीश झील, शेष नेत्र झील, कमांड कंट्रोल, पर्यटन प्रबंधन सेंटर, आईएसबीटी भवन का निर्माण किया जाएगा।

8-सड़क चौडी़करणः

नजीबाबाद से कोटद्वार के बीच रु0 86 करोड़ की लागत से 15 किमी लम्बे मार्ग का चौड़ीकरण किया जाना है। इससे समय और ईधन की बचत के साथ ही दुर्घटनाओं में भी कमी आयेगी। यह मार्ग वर्तमान में दो लेन है जिसे नए सिरे से चौड़ीकरण कर चार लेन का राश्ट्रीय राजमार्ग कर दिया जाएगा। चार लेन का हाईवे बन जाने से बिजनौर, नजीबाबाद ही नहीं उत्तराखंड के कोटद्वार, पौड़ी जैसे स्थानों तक पहुंचना भी आसान हो जाएगा।

9-लक्ष्मण झूला पुल निर्माण:

ऋषिकेश में लक्ष्मणझूला पुल की भार क्षमता घट जाने की वजह से आवागमन बंद है। इसके पास ही 132.30 मीटर स्पान का 69 करोड़ की लागत से नया पुल बनाया जा रहा है। इसमें पैदल यात्रियों के लिए ग्लास डैक का प्रावधान किया गया है। इस पुल पर हल्के वाहन भी चल सकेंगे। इसमें ऋषिकेश की ओर 35 मीटर स्पान का अतिरिक्त एप्रोच ब्रिज भी बनेगा। लक्ष्मण झूला स्वर्गाश्रम क्षेत्र में जाने के लिए अब तक गरुड़चट्टी पुल और बैराज का रास्ता अपनाया जाता था। लेकिन, भविष्य में लोग लक्ष्मण झूला पुल पर हल्के वाहनों से आवाजाही कर सकेंगे।

10-चाइल्ड फ्रेंड्ली सिटी प्रोजेक्ट:

प्रदेश की राजधानी में रु0 58 करोड़ लगात से बच्चों के लिये चाइल्ड फ्रेंडली और कम्यूटर सेंट्रिक सिटी का निर्माण किया जाना है। जिससे बच्चों का बचपन निखरेगा। देहरादून में बढ़ती आबादी के कारण बढ़ती ट्रैफिक समस्या से निपटने और खास कर बच्चों तथा बुजुर्गों के सुगम और सुरक्षित आवागमन के लिये यह व्यवस्था शुरू की जानी है। इसमें बच्चों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिये उचित फुटपाथ, सड़कों और जंक्शनों पर साइन बोर्ड, स्ट्रीट लाइट, जैसी अन्य सुविधाएं भी विकसित की जानी हैं। बच्चों के लिये विशेष बसों की व्यवस्था भी होनी है।

11-इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास गंगोत्री-यमुनोत्री धामः

देवभूमि उत्तराखण्ड को विश्व में अध्यात्म का पंमुख केन्द्र बनाने के  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के के विजन के अनुसार हिमालयी तीर्थ गांगेात्री और यमुनोत्री में यात्रियों और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये रु0 54 करोड़ की लागत से इन धामों में अवसंरचना विकास की योजना तैयार की गयी है, जिसका शिलान्यास माननीय प्रधानमंत्री द्वारा होना है। उत्तरकाशी स्थित भागीरथी और यमुना के उद्गम स्थलों पर स्थित इन दोनों धामों में यह परियोजना एक साथ शुरू होने जा रही है।

 


 

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