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राहुल गांधी ने फिर घेरा चुनाव आयोग को, उठाया वोटरलिस्ट से नाम हटाने का मुद्दा

 राहुल गांधी के आरोप, चुनाव आयोग का जवाब

नई दिल्ली, 19 सितंबर : कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि वोटर लिस्ट से बड़े पैमाने पर नाम हटाए जा रहे हैं, खासकर कांग्रेस समर्थक मतदाताओं को निशाना बनाकर। इस मुद्दे ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, जबकि चुनाव आयोग ने इन आरोपों को “बेबुनियाद और गलत” करार देते हुए सख्त जवाब दिया है।

राहुल गांधी के आरोप

राहुल गांधी ने 18 सितंबर को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक के कलबुर्गी जिले के आलंद विधानसभा क्षेत्र का हवाला देते हुए दावा किया कि वहां 6,018 वोटरों के नाम हटाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि एक ही मोबाइल नंबर से 10-12 नाम हटाने के लिए ऑनलाइन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हुआ। राहुल ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार पर “वोट चोरों की रक्षा” करने का आरोप लगाया और इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। इससे पहले, 7 अगस्त को लोकसभा में 1 घंटे 11 मिनट के प्रेजेंटेशन में भी उन्होंने इसी तरह के दावे किए थे।

कांग्रेस का कहना है कि यह भाजपा द्वारा प्रायोजित सिस्टमैटिक धांधली का हिस्सा है, जिससे “एक व्यक्ति, एक वोट” का सिद्धांत कमजोर हो रहा है। पार्टी ने कर्नाटक सीआईडी को 18 पत्र भेजने की बात कही, लेकिन जवाब न मिलने का दावा किया।

चुनाव आयोग का खंडन

चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वोटर लिस्ट से नाम हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और कानूनी है। आयोग ने स्पष्ट किया कि मतदाता पंजीकरण नियम 1960 के तहत फॉर्म 7 के जरिए नाम हटाने के लिए सत्यापन, नोटिस और सुनवाई की प्रक्रिया अनिवार्य है। ऑनलाइन या किसी अनजान व्यक्ति द्वारा नाम डिलीट करना असंभव है।

आलंद मामले पर कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि 6,018 नाम हटाने का दावा गलत है। वास्तव में केवल 24 नाम हटाए गए, जो गलत आवेदनों पर आधारित थे। इसकी जांच के लिए 2023 में एफआईआर दर्ज हुई थी, और जानकारी कलबुर्गी एसपी व कर्नाटक सीआईडी को दी गई थी।

17 अगस्त को सीईसी राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राहुल का प्रेजेंटेशन डेटा आयोग का नहीं है। उन्होंने 7 दिनों में हलफनामा दाखिल करने या माफी मांगने की चुनौती दी। आयोग ने जोर दिया कि वोटर लिस्ट रिवीजन में सभी पक्षों की भागीदारी होती है, और कोई भी व्यक्ति नेशनल वोटर्स सर्विस पोर्टल पर अपना नाम चेक कर सकता है।

राजनीतिक तनाव

यह विवाद 2024 लोकसभा चुनाव और आगामी महाराष्ट्र, हरियाणा, बिहार जैसे विधानसभा चुनावों के बीच गरमा गया है। कांग्रेस और आरजेडी जैसे विपक्षी दल इसे धांधली का हिस्सा बता रहे हैं, जबकि भाजपा ने राहुल के दावों को “झूठा प्रचार” करार दिया। आयोग ने सभी पक्षों से प्रक्रिया का सम्मान करने की अपील की है।

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