सुरक्षा

रक्षा मंत्री ने बेंगलुरु में एशिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी के 15वें संस्करण का उद्घाटन किया

“Aero India 2025, a confluence of critical & frontier technologies, will provide a platform to further strengthen relations among like-minded countries based on mutual respect, mutual interest and mutual benefit to deal with today’s uncertainties,” said Raksha Mantri Shri Rajnath Singh while inaugurating the 15th edition of Aero India at the Yelahanka Air Force Station in Bengaluru, Karnataka on February 10, 2025. He exuded confidence that Aero India 2025 will showcase the country’s industrial capability and technological advancements to the world, while further strengthening symbiotic relations with friendly countries. Lasting peace can only be achieved if nations become stronger together and work for a Better World Order, he said. 

 

Glimpses of inauguration of Karnataka Pavilion by the Union Minister for Defence, Shri Rajnath Singh at 15th Aero India in Bengaluru, Karnataka on February 10, 2025.

बेंगलुरु, 10 फरबरी। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने   सोमवार को  कर्नाटक के बेंगलुरु में येलहंका एयरफोर्स स्टेशन पर एयरो इंडिया के 15वें संस्करण का उद्घाटन करते हुए कहा कि महत्वपूर्ण और अग्रणी प्रौद्योगिकियों का संगम, एयरो इंडिया 2025, आज की अनिश्चितताओं से निपटने के लिए आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी लाभ के आधार पर समान विचारधारा वाले देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एयरो इंडिया 2025 देश की औद्योगिक क्षमता और तकनीकी प्रगति को विश्‍व के समक्ष प्रदर्शित करेगा, साथ ही मित्र देशों के साथ सहजीवी संबंधों को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि स्थायी शांति तभी प्राप्त की जा सकती है जब राष्ट्र एक साथ मजबूत बनें और बेहतर विश्व व्यवस्था की दिशा में कार्य करें।

रक्षा मंत्री ने कहा कि पांच दिवसीय इस कार्यक्रम में विश्‍व भर से सरकारी प्रतिनिधि, उद्योग प्रमुख, वायु सेना के अधिकारी, वैज्ञानिक, रक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ, स्टार्ट-अप, शिक्षाविद और अन्य हितधारक भाग लेंगे तथा यह संगम भारत के साझेदारों को सभी के लाभ के लिए करीब लाएगा।

The Union Minister for Defence, Shri Rajnath Singh in a group photograph during the CEOs Roundtable organised as part of Aero India 2025 in Bengaluru, Karnataka on February 10, 2025.

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम अक्सर खरीदार और विक्रेता के रूप में वार्तालाप करते हैं, जहां हमारे संबंध लेन-देन के स्तर पर होते हैं। हालांकि, दूसरे स्तर पर, हम अपनी साझेदारी को खरीदार-विक्रेता संबंध से आगे औद्योगिक सहयोग के स्तर तक ले जाते हैं। हमारे पास समान विचारधारा वाले देशों के साथ सह-उत्पादन और सह-विकास के कई सफल उदाहरण हैं। हमारे लिए, भारतीय सुरक्षा या भारतीय शांति अलग नहीं है। सुरक्षा, स्थिरता और शांति साझा निर्माण हैं जो राष्ट्रीय सीमाओं से परे हैं। हमारे विदेशी मित्रों की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि हमारे साझेदार एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के हमारे दृष्टिकोण को साझा करते हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के वर्तमान वातावरण के बावजूद भारत एक ऐसा बड़ा देश है जो शांति और समृद्धि का अनुभव कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया और न ही वह किसी महाशक्ति के साथ प्रतिद्वंद्विता में शामिल रहा है। हम हमेशा शांति और स्थिरता के समर्थक रहे हैं। यह हमारे मूल आदर्शों का हिस्सा है। श्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर उपस्थित रक्षा मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं के प्रतिनिधियों से कहा कि वैश्विक शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए भारत के साथ उनका सहयोग महत्वपूर्ण है।

श्री राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि भारत एक परिवर्तनकारी दौर से गुजर रहा है, जो तेजी से विकासशील से विकसित राष्ट्र की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा एक ठोस, सतत और सुविचारित प्रारूप के कारण देश में एक जीवंत और संपन्न रक्षा उद्योग पारिस्थितिकी व्‍यवस्‍था बनाई गई है। उन्होंने कहा कि रक्षा औद्योगिक क्षेत्र, जिसे पहले राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के घटक के रूप में नहीं देखा जाता था, आज समग्र अर्थव्यवस्था के साथ पूरी तरह से एकीकृत हो गया है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र अब एक मोटर की तरह है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास इंजन को शक्ति प्रदान कर रहा है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट 2025-26 में रक्षा मंत्रालय को 6.81 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड आवंटन, जिसमें पूंजी अधिग्रहण के लिए 1.80 लाख करोड़ रुपये शामिल हैं, इस बात का प्रमाण है कि सरकार रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र मानती है। उन्होंने कहा कि पिछले बजट की तरह, आधुनिकीकरण बजट का 75 प्रतिशत हिस्सा घरेलू स्रोतों से खरीद के लिए आरक्षित किया गया है, जिसका उद्देश्य भारत के रक्षा औद्योगिक परिसर की क्षमताओं को व्यापक और सघन बनाना है।

श्री राजनाथ सिंह ने इस समग्र विकास गाथा में निजी उद्यमियों की भागीदारी बढ़ाने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को मुख्यधारा में लाने में निजी क्षेत्र बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। अपनी प्रेरणा, उदारता और उद्यमशीलता के कारण यह क्षेत्र देश में समृद्धि की नई लहर लाने में सक्षम है। कई उन्नत देशों में निजी उद्योग ने रक्षा उत्पादन का नेतृत्व किया है। अब समय आ गया है कि यहां भी यह क्षेत्र रक्षा उद्योग में बराबर का भागीदार बने।

रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए रक्षा निर्माता सहयोगात्मक दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रहे हैं। उन्होंने गुजरात में सी-295 परिवहन विमान के उत्पादन के लिए टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और एयरबस के बीच संयुक्त उद्यम को इस सहयोग का एक शानदार उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि आज भारत एयरोस्पेस कंपोनेंट्स और कॉम्प्लेक्स सिस्टम असेंबली के लिए वैश्विक स्तर पर पसंदीदा गंतव्य बन गया है और सार्वजनिक क्षेत्र और निजी उद्योग इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

पिछले एयरो इंडिया से प्राप्त उपलब्धियों का उल्‍लेख करते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अस्त्र मिसाइल, नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल, ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल, मानवरहित सतह पोत, पिनाका गाइडेड रॉकेट जैसे कई उच्च तकनीक वाले उत्पाद देश में ही बनाए जा रहे हैं। उन्होंने आने वाले समय में 1.27 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादन और 21,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात के आंकड़े को पार करने और यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार के अटूट संकल्प को दोहराया कि रक्षा क्षेत्र अभूतपूर्व गति से आगे बढ़े। गौरतलब है कि कल शाम एयरो इंडिया 2025 की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया था कि 2025-26 के अंत तक रक्षा उत्पादन 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा और रक्षा निर्यात 30,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा।

रक्षा मंत्रालय में 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित किए जाने पर रक्षा मंत्री ने कहा कि यह केवल सरकारी नारा नहीं है, बल्कि सुधारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि सुधारों के लिए निर्णय केवल मंत्रालय स्तर पर नहीं लिए जा रहे हैं, बल्कि सशस्त्र बल और डीपीएसयू भी इस प्रयास में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुधारों के इस अभियान को और तेजी से आगे बढ़ाने के लिए रक्षा क्षेत्र के सभी हितधारकों की भागीदारी होनी चाहिए। मंत्रालय से जुड़े सभी हितधारकों के सुझावों का स्वागत है।

इससे पहले, श्री राजनाथ सिंह ने दुनिया भर से आए विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें अतिथि देवो भव की भारतीय परंपरा से अवगत कराया, जिसका अर्थ है ‘अतिथि ईश्‍वर के समान होता है’। उन्होंने कहा कि इसे पवित्र शहर प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ जहां आत्मनिरीक्षण का कुंभ है, वहीं एयरो इंडिया शोध का कुंभ है। जहां महाकुंभ आंतरिक शक्ति पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, वहीं एयरो इंडिया बाहरी शक्ति पर केंद्रित होगा। जहां महाकुंभ भारत की संस्कृति को प्रदर्शित करता है, वहीं एयरो इंडिया भारत की शक्ति को प्रदर्शित करेगा।

रक्षा मंत्री द्वारा उद्घाटन किए गए एशिया के सबसे बड़े एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी के 15वें संस्करण में अगले पांच दिनों में भारत की हवाई शक्ति और स्वदेशी अत्याधुनिक नवाचारों के साथ-साथ वैश्विक एयरोस्पेस कंपनियों के अत्याधुनिक उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा। ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन के अनुरूप, यह कार्यक्रम स्वदेशीकरण प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बनाने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा, जिससे प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के वर्ष 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के संकल्प को बल मिलेगा।

10 से 12 फरवरी को व्यावसायिक दिवस के रूप में आरक्षित किया गया है, जबकि 13 और 14 फरवरी को आम लोगों के लिए शो देखने के लिए सार्वजनिक दिन निर्धारित किए गए हैं। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन; सीईओ गोलमेज; भारत और आईडीईएक्स मंडपों का उद्घाटन; मंथन आईडीईएक्स कार्यक्रम; सामर्थ्य स्वदेशीकरण कार्यक्रम; समापन समारोह; सेमिनार; शानदार एयरशो और एयरोस्पेस कंपनियों की प्रदर्शनी शामिल है।

इस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ, नागालैंड के मुख्यमंत्री श्री नेफ्यू रियो, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री श्री डी.के. शिव कुमार, चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी, थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, कर्नाटक सरकार की मुख्य सचिव डॉ. शालिनी रजनीश, रक्षा सचिव श्री राजेश कुमार सिंह, सचिव (रक्षा उत्पादन) श्री संजीव कुमार और वायु सेना उप प्रमुख एयर मार्शल एस.पी. धरखर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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