चमोली के आपदाग्रस्त कुन्तरी गांव बचाव दलों ने 3 लोगों को मलबे से जिन्दा निकाला, अब भी लापता
देहरादून,18 सितम्बर। चमोली जिले के नंदानगर तहसील के ग्राम कुन्तरी लगाफाली, कुन्तरी लगा सरपाणी और ग्राम धुर्मा में गुरुवार देर रात अतिवृष्टि के कारण भारी मलबा आने से व्यापक नुकसान हुआ। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार ग्राम कुन्तरी लगाफाली में आठ लोग लापता हैं, 15 से 20 भवन और गौशालाएँ क्षतिग्रस्त हुई हैं। यहाँ तीन लोगों (दो महिलाएँ और एक बच्चा) को स्थानीय पुलिस, डी.डी.आर.एफ. और राजस्व विभाग की टीम ने मलबे से सुरक्षित निकाला। लगभग 150–200 ग्रामीणों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया तथा घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नंदानगर में भर्ती कराया गया।
कुन्तरी लगा सरपाणी गाँव में दो व्यक्तियों के लापता होने और दो भवनों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। यहाँ भी लगभग 100 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया। वहीं ग्राम धुर्मा में मोक्ष नदी का जलस्तर बढ़ने से दो लोग लापता बताए गए हैं और आठ से दस भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं।
राहत और बचाव कार्य के लिए एस.डी.आर.एफ., एन.डी.आर.एफ., आई.टी.बी.पी. की टीमें घटनास्थलों पर भेज दी गई हैं, लेकिन लगातार वर्षा और भूस्खलन के कारण उन्हें पहुँचने में कठिनाई हो रही है। कई स्थानों पर दलों को पैदल मार्ग से आगे बढ़ना पड़ रहा है।
घटना की जानकारी मिलते ही सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, डीआईजी राजकुमार नेगी और अन्य अधिकारी राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुँचे और तुरंत राहत दलों को सक्रिय कर घटनास्थल रवाना किया। कंट्रोल रूम से बचाव अभियान पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर रात सचिव आपदा प्रबंधन से स्थिति की जानकारी ली और प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने घायलों के बेहतर इलाज, लापता लोगों की खोज, प्रभावित परिवारों के लिए राहत शिविरों में रहने, भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था तथा बिजली, पानी और क्षतिग्रस्त सड़कों की जल्द बहाली के निर्देश भी दिए।
