सब देखो अपना देश : सैर कर दुनिया की गाफिल जिंदगानी फिर कहां ! !

 

There were 10.93 million Foreign Tourist Arrivals (FTAs) in India during pre-pandemic year 2019. Tourism Industry has shown good signs of revival after the Covid-19 pandemic. According to the latest information received from the Bureau of Immigration, India received 6.19 million Foreign Tourist Arrivals (FTAs) during 2022 as compared to 1.52 million during the same period of 2021.

—-उषा रावत

देश की विविध और समृद्ध सांस्कृतिक, प्राकृतिक और ऐतिहासिक विरासत को देखते हुए, भारत में पर्यटन विकास की असीम संभावनाएं है। भारत विश्व का सातवां आश्चर्य ताजमहल, गोवा के समुद्र तट, केरल के बैकवाटर, हिमालय के मनोरम दृष्य और दिल्ली, मुंबई और बैंगलोर जैसे दर्शनीय शहर हैं। विश्व पर्यटन संगठन के अनुसार, भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते पर्यटन स्थलों में से एक है, जहां 2019 में 10 मिलियन से अधिक विदेशी पर्यटकों का आगमन दर्ज हुआ। कोविड -महामारी से पूर्व  भारत में वर्ष 2019 में  10.93 मिलियन विदेशी पर्यटक पहुंचे थे। पर्यटन उद्योग ने कोविड-19 महामारी के बाद पुनरुत्थान के अच्छे संकेत दिखाए हैं। ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन से प्राप्त नवीनतम जानकारी के अनुसार, भारत में  2022 के दौरान 6.19 मिलियन विदेशी पर्यटकों का आगमन हुआ , जबकि 2021 की इसी अवधि के दौरान यह संख्या 1.52 मिलियन थी।

इसके अतिरिक्त, भारत में घरेलू पर्यटन बाजार भी महत्वपूर्ण दर से बढ़ रहा है, हर साल लाखों भारतीय देश के भीतर यात्रा करते हैं। कुल मिलाकर, भारत में पर्यटन उद्योग का भविष्य उज्ज्वल है, और सही नीतियों और निवेश के साथ, यह देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन में एक प्रमुख योगदानकर्ता बन सकता है।

कभी देश में  आम लोगों के लिए घुमक्कड़ी कोई शौक नहीं था, लेकिन आज घरेलू पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। देश में राहुल सांस्कृत्यायन भारत के बड़े यायावर अथवा यात्री थे, जिन्होंने पूरा जीवन दर्जनों देशों की यात्रा करने में बिताया. उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ में जन्मे राहुल ने अपने जीवन के 45 वर्ष भारत, तिब्बत, रूस, श्रीलंका, यूरोप और कई एशियाई देशों की दुर्गम यात्राओं में गुजारे थे। साथ ही उन्होंने यात्राओं के संस्मरण भी लिखे, जो हिंदी साहित्य की अमूल्य धरोहर  बन चुके हैं। ‘अथातो घुमक्कड़ जिज्ञासा’ उनकी महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो घूमने के शौकीनों के लिए किसी धर्म ग्रंथ से कम नहीं है।

पर्यटन आज दुनिया ही नहीं अब भारत में भी एक बड़ा उद्योग का दर्जा पा चुका है, लेकिन बीते हजारों वर्षों में दुनिया को जोड़ने, खोजने, समझने और साहित्य, कला संस्कृति के साथ विज्ञान को भी एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचाने का काम भी यात्रियों व पर्यटकों ने ही किया है। कम से कम भारत जैसे विविधताओं और विभिन्नता वाले देश में पर्यटन ही एक ऐसा मजबूत माध्यम रहा है, जिससे विभिन्न संस्कृतियां एक दूसरे के नजदीक तेजी आयीं। विदेशों से भारत में आने वाले सैलानियों के साथ ही अब घरेलू पर्यटकों की संख्या में भी भारी वृद्धि गत वर्षों में हुई है।  ‘देखो अपना देश’, ‘सभी के लिए पर्यटन’ और ‘पर्यटन एवं शासन व्यवस्था’ जैसे लक्ष्यों को लेकर एक बड़ा अभियान  है, जिसमें देश के पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण के बीच मौजूद सभी राज्यों में भव्य व विस्तृत कार्यक्रम किए जा रहे हैं।

उत्तराखंड जैसे  प्रदेशों में पर्यटकों के आंकड़े बढ़ने के लिए पर्यटन और तीर्थाटन में घालमेल कर दिया गया है, जबकि  पर्यटक और यात्री में फर्क होता है। पर्यटक उन्हीं चीजों को देखने जाता है, जिसके बारे में वह पहले से जानता है, लेकिन यात्री नये स्थलों को खोजता है और नई जानकारियां जुटाता है। अगर मार्को पोलो व वास्कोडिगामा जैसे यात्री ना होते तो  दुनिया के तमाम देशों को  दूसरे  अज्ञात देशों की जानकारी ना हो पाती। इसी तरह चीनी यात्रियों फाह्यान व ह्वेनसांग आदि की वजह से बौद्ध धर्म व प्राचीन भारतीय संस्कृति का संपर्क चीन के साथ हो सका। देश में उत्तर भारत को दक्षिण से जोड़ने और पश्चिम को पूर्वी भारत से जोड़ने का काम आजादी के बाद पर्यटन उद्योग ने ही किया। इन्हीं सब उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से देश में घूमने और उसकी विविधता को समझने का आह्वान किया था।

दुनिया में पर्यटन उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। यही कारण है कि वर्ष 2016 में लगभग 123 करोड़ पर्यटकों ने विश्व भ्रमण किया। विश्व जीडीपी में पर्यटन उद्योग का योगदान 10.2% है. वहीं भारत के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन उद्योग का 9.6 प्रतिशत का योगदान है। देश में उपलब्ध रोजगार में से 9.3 प्रतिशत रोजगार इस क्षेत्र से मिल रहा है। विदेशी पर्यटकों को सुविधा प्रदान करने के लिए सैलानियों को 16 हवाई अड्डों पर ई-पर्यटक वीजा उपलब्ध कराने का काम पहले ही शुरू कर दिया गया था। इससे विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। इस वर्ष जनवरी से मार्च के सिर्फ 3 माह में 4.67 लाख विदेशी यात्री इ-वीजा के माध्यम से देश में आए।

पर्यटन उद्योग में रोजगार के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर असीम संभावनाएं हैं और इसके लिए युवाओं को पर्व के दौरान जानकारी दी जाएगी। यही नहीं कई राज्यों में टैक्सी, ऑटो, रिक्शा चालकों, होटल व्यवसायियों व अन्य लोगों को पर्यटकों के साथ अच्छे व्यवहार करने व उनकी मदद करने  के तरीकों की भी जानकारी दी जा रही है। पर्व का यह पूरा अभियान भारत के पर्यटन उद्योग का परिदृश्य बदल देगा। इससे जहां घरेलू पर्यटकों का आवागमन बढ़ेगा, वही विदेशी सैलानियों को और अनुकूल वातावरण देश में उपलब्ध हो सकेगा।

 

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