कांडई में भागवत कथा के चौथे दिन बोले कथावाचक,मनुष्य का मन ही बन्धन और मुक्ति का कारण
पोखरी, 27 फरबरी (राणा)। विकास खण्ड के तहत ग्राम पंचायत चंद्रशिला कान्डई निवासी विनय प्रसाद किमोठी द्बारा अपने पिता स्वर्गीय डा0 भास्करानंद किमोठी और ताऊ स्वर्गीय चक्रधर किमोठी के पित्र मोक्ष हेतू आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा पुराण के चौथे दिन कथावाचक आचार्य कालिका प्रसाद कुमेड़ी ने भक्तों को भगवान की सुन्दर कथाएं सुनाते हुए कहा कि मनुष्य का मन ही बन्धन और मुक्ति का कारण है।
कथावाचक ने कहा कि अगर मनुष्य का मन ससार की वस्तुओं मोह माया में लग गया तो वह ससार की मोह माया में फंस जाता है ।अगर मनुष्य का मन भगवान की भक्ति में लग जाता है तो वह जन्म मरण के बन्धन से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त कर लेता है । इसलिए मनुष्य को मुक्ति हेतू संसारिक वस्तुओं से दूर रहकर निरन्तर भगवान की अमृतमयी कथाओं में गोता लगाकर अपने और अपने कुल का उधार करना चाहिए। क्योंकि 84 लाख योनियों के बाद मनुष्य शरीर मिलता है ।जिसका हमें सदुपयोग करना चाहिए साथ ही भक्तों को जड भरत और भक्त प्रहलाद की कथा भी सुनाई ।
चौथे दिन बडी संख्या मे आस पास के गांवों ,क्षेत्र के लोग कथा श्रवण हेतू पहुंचे । इस अवसर पर कथावाचक आचार्य कालिका प्रसाद कुमेडी, पडित मायाराम कुमेडी, आचार्य शिव प्रसाद भट्ट, पडित अनिल कुमेडी, आचार्य सुभाष जोशी , आचार्य अंकित पत,कमला देवी किमोठी ,विनय किमोठी, उमा किमोठी, प्रान्जुल किमोठी ,मानसी ,शिवासी ,विजय प्रसाद किमोठी , रामेश्वर प्रसाद किमोठी, सतेशवर किमोठी , भगवंती प्रसाद किमोठी , चंद्रप्रकाश नौटियाल, दिनेश किमोठी , रमेश प्रसाद किमोठी, सजय किमोठी, ब्रह्मानन्द किमोठी , जगदीश किमोठी ,अनूप किमोठी, अनुसुइया प्रसाद किमोठी, एकाक्ष लखेडा ,इवान भट्ट, मोहन सिंह बर्तवाल, तेजपाल सिंह, बर्तवाल दशरथ सिंह बर्तवाल, शिशुपाल राणा, कमल सिंह राणा, लखपत राणा , अनुसुइया सिंह राणा, प्रेम सिंह राणा, अब्बल सिंह राणा, गजेंद्र सिंह राणा, गोविंद सिंह भण्डारी, बच्चन सिंह भण्डारी ,गुलाब सिंह भण्डारी, सहित तमाम परिवार के सदस्य और श्रोता मौजूद थे।