पृथ्वी के पास से गुरुवार, 18 सितंबर को गुजरेगा इमारत जितना बड़ा उल्कापिंड
A massive asteroid about the size of a skyscraper is all set to fly by Earth on Thursday, September 18. The asteroid named 2025 FA22, deemed ‘potentially hazardous’, will fly past Earth at more than 24,000 mph. It was earlier reported that this massive space rock stood a slim chance of impacting Earth in 2089. This briefly made the 2025 FA22 top the list of major risks.

By- Jyoti Rawat-
पृथ्वी एक बार फिर अंतरिक्ष से गुजरते खतरे के बेहद करीब आने वाली है। वैज्ञानिकों के अनुसार, एक विशाल उल्कापिंड—जिसका आकार किसी ऊँची इमारत जितना बताया जा रहा है—गुरुवार, 18 सितंबर को पृथ्वी के पास से गुजरेगा। इस खगोलीय पिंड का नाम 2025 FA22 है, जिसे विशेषज्ञों ने ‘संभावित रूप से खतरनाक’ श्रेणी में रखा है। यह पृथ्वी के पास लगभग 24,000 मील प्रति घंटे की रफ्तार से निकलेगा। खास बात यह है कि कभी माना जाता था कि वर्ष 2089 में इस अंतरिक्ष चट्टान के पृथ्वी से टकराने की मामूली संभावना है, जिसके चलते यह लंबे समय तक वैज्ञानिकों की चिंता का कारण बना रहा।
2025 FA22 की खोज इसी वर्ष मार्च में हवाई स्थित पैन-स्टार्स–2 टेलीस्कोप द्वारा की गई थी। शुरुआती आकलन ने 2089 में इसके पृथ्वी से टकराने की 0.01 प्रतिशत संभावना जताई थी, जिसके चलते यह यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की प्रभाव जोखिम सूची में शीर्ष पर पहुँच गया था। हालांकि, बाद की विस्तृत टिप्पणियों से यह आशंका ख़ारिज हो गई और फिलहाल यह हमारे ग्रह के लिए कोई तात्कालिक खतरा नहीं है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस उल्कापिंड का आकार 427 से 951 फीट के बीच है। अगर यह पृथ्वी से टकराए, तो अपनी क्षमता से पूरे शहर को तबाह कर सकता है। यह गुरुवार की सुबह पृथ्वी से करीब 8.35 लाख किलोमीटर की न्यूनतम दूरी पर से गुजरेगा।
संभावित रूप से खतरनाक उल्कापिंड क्या हैं?
अंतरिक्ष में मौजूद अधिकांश उल्कापिंड मंगल और बृहस्पति के बीच स्थित क्षुद्रग्रह पट्टी में पाए जाते हैं। इनमें से अधिकतर पृथ्वी के लिए हानिरहित हैं, लेकिन कुछ उसकी कक्षा के बेहद करीब से गुजरते हैं। नासा के अनुसार, जो उल्कापिंड पृथ्वी से लगभग 3 करोड़ मील के दायरे में आते हैं, उन्हें निकट-पृथ्वी वस्तुएँ (NEOs) कहा जाता है। इन्हीं में से बड़े आकार वाले कुछ उल्कापिंड—जिनका व्यास कम-से-कम 460 फीट हो और जो 46.5 लाख मील की दूरी तक पृथ्वी से गुजर सकते हों—को ‘संभावित रूप से खतरनाक’ की श्रेणी में रखा जाता है।
विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि यदि इस श्रेणी का कोई उल्कापिंड सीधे पृथ्वी से टकरा जाए, तो यह भारी विनाश का कारण बन सकता है। नासा के CNEOS (निकट-पृथ्वी वस्तु अध्ययन केंद्र) के अनुसार अब तक लगभग 37,500 NEOs की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से करीब 2,500 को अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ का छोटा ग्रह केंद्र ‘संभावित रूप से खतरनाक’ मान चुका है।
