पिंडर के किनारे लगा स्टोन क्रेशर फैला रहा नदी में प्रदूषण, हुयी डीएम चमोली से शिकायत
-हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट-
थराली, 22 मार्च । एक बार फिर से तहसील मुख्यालय थराली से लगें हुए सुनला गांव में स्थापित अभ्युदय स्टोन क्रेशर पर एनजीटी के मानकों को ताक पर रख कर संचालन करने का आरोप लग रहा हैं। मामले में जिला खनन अधिकारी ने जांच कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजे जाने की बात कही है।
दरअसल तहसील मुख्यालय थराली से लगें सुनला गया में पिंडर नदी के किनारे लगा स्टोन क्रेशर पर समय-समय पर कई तरह के सवालात उठते रहे हैं।इन दिनों इस क्रेशर का एक वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायर हों रहा है। जिसमें दिखाई पड़ रहा हैं कि क्रेशर संचालक के द्वारा खुलेआम एनजीटी के नियमों धजिया उड़ाते हुए क्रेशर की मशीनों से निकलने वाले दूषित पानी को ड्रेजिंग टैंक से एक पाइप के जरिए सीधे पिंडर नदी में प्रवाहित किया जा रहा है।
जिस स्थान पर पानी का पाइप लेजाकर छोड़ा गया हैं वहां से आगे नदी का किनारा गंदला पानी साफ दिखाई पड़ रहा हैं। क्रेशर संचालक के द्वारा बरती जा रही इस बड़ी लापरवाह पर प्रशासन क्यों मौन साधे हुए हैं। बड़ा सवाल बनकर उभरता जा रहा है।
मजेदार बात हैं कि जहां पर क्रेशर स्थापित किया गया है,वह ग्वालदम- सिमली राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है और प्रत्येक दिन प्रशासनिक अधिकारी इस मार्ग से इधर,उधर गुजरते हैं। किंतु किसी भी अधिकारी ने इस क्रेशर की ओर झुकना तक उचित नही समझा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में मामला तेजी से वायरल होने के बाद जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने संज्ञान लेते हुए जिला खनन अधिकारी को जांच के निर्देश दिए हैं।
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उन्होंने अभ्युदय स्टोन क्रेशर पर लगाएं जा रहे आरोपों की जांच कर ली है।वे इसकी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं और आज शनिवार को ही वे रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप देंगे। जिलाधिकारी ही इस संबंध में अधिक जानकारी दें पाएंगे।
जिला खनन अधिकारी
चमोली-गोपेश्वर