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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर हरिद्वार में निवेश, आयुष, पर्यटन और संस्कृति पर रणनीतिक बैठक आयोजित

A special meeting was organized in Haridwar on the occasion of International Yoga Day, attended by ambassadors, high commissioners, and representatives from various countries. The objective of the meeting was to promote cooperation in the areas of investment, AYUSH, tourism, and culture in Uttarakhand. Diplomats and senior officials from Mexico, Fiji, Nepal, Suriname, Mongolia, Latvia, Sri Lanka, and Russia participated in the meeting. Representing the Government of Uttarakhand were Mr. Vinay Ruhela, Vice Chairman of the State Disaster Management Authority; Mr. Sachin Kurve, Secretary; Mr. Dheeraj Gabryal, Mr. Jugal Kishore Pant, Mr. Abhishek Rohilla, Mr. Vijay Kumar Jogdande (Additional Secretaries); and officials from the departments of Industries, AYUSH, Tourism, and Culture.

देहरादून, 21 जून । हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न देशों के राजदूतों, उच्चायुक्तों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस बैठक का उद्देश्य उत्तराखंड में निवेश, आयुष, पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना था।

बैठक में मेक्सिको, फिजी, नेपाल, सूरीनाम, मंगोलिया, लातविया, श्रीलंका और रूस के राजनयिकों एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। उत्तराखंड सरकार की ओर से राज्य आपदा प्रबंधन के उपाध्यक्ष श्री विनय रुहेला, सचिव श्री सचिन कुर्वे, श्री धीराज गबर्याल, श्री जुगल किशोर पंत, अपर सचिव श्री अभिषेक रोहिल्ला, श्री विजय कुमार जोगदंडे तथा उद्योग, आयुष, पर्यटन और संस्कृति विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

पर्यटन क्षेत्र की संभावनाएं

सचिव श्री सचिन कुर्वे ने राज्य की पर्यटन क्षमताओं पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया:

  • राज्य में तीन परिचालित हवाई अड्डे — देहरादून, पंतनगर और पिथौरागढ़ — तथा आठ हेलीपोर्ट हैं जो दूरस्थ क्षेत्रों से संपर्क बनाए रखते हैं।

  • करीब 46,000 किलोमीटर का सड़क नेटवर्क राज्य को सालभर तीर्थ, सीमावर्ती और ग्रामीण क्षेत्रों से जोड़ता है।

  • रोपवे परियोजनाएं मसूरी, यमुनोत्री और पूर्णागिरि में प्रगति पर हैं।

  • टिहरी झील को जल और हवाई खेलों के केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।

  • जॉर्ज एवरेस्ट एस्टेट का पुनर्विकास हो चुका है।

  • केदारनाथ और बद्रीनाथ को प्लास्टिक-विनियमित क्षेत्र घोषित किया गया है।

  • जैव-डाइजेस्टर शौचालयों की स्थापना और संचालन किया गया है।

  • पिछले 3 वर्षों में 5500 से अधिक युवाओं को आतिथ्य क्षेत्र में प्रशिक्षित किया गया है।

साहसिक और विशेष पर्यटन

  • ट्रेकिंग: केदारकांठा, फूलों की घाटी और हर की दून प्रमुख आकर्षण हैं।

  • पैरा-ग्लाइडिंग: नौकुचियाताल, दयारा बुग्याल और धनोल्टी में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

  • राफ्टिंग: ऋषिकेश, टोंस, काली, अलकनंदा, धौलीगंगा में सफेद पानी की राफ्टिंग लोकप्रिय है।

  • मत्स्य पर्यटन: कोसी, सुपिन और टोंस नदियों में गोल्डन महाशीर और ट्राउट की प्रजातियाँ पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।

  • वन्यजीव पर्यटन: राज्य का 45% क्षेत्र वनाच्छादित है; यहां 6 राष्ट्रीय उद्यान और 7 वन्यजीव अभयारण्य हैं।

  • खगोल पर्यटन: ‘नक्षत्र सभा’ पहल के तहत रात्रिकालीन आकाश दर्शन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

  • जायरोकॉप्टर राइड्स: पर्यटकों के लिए एक अनोखा हवाई अनुभव।

आयुष और वेलनेस

अपर सचिव श्री विजय कुमार जोगदंडे ने आयुष क्षेत्र की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड:

  • अपनी प्राकृतिक सुंदरता, हिमालयी जलवायु और आध्यात्मिक वातावरण के कारण ‘आयुष भूमि’ के रूप में प्रसिद्ध है।

  • यहां कुशल जनशक्ति और विकसित आयुष अवसंरचना मौजूद है।

  • पारदर्शी नीतियां और कानून-व्यवस्था राज्य को आयुष और वेलनेस उद्योग के लिए एक उत्कृष्ट निवेश गंतव्य बनाती हैं।

उद्योग एवं निवेश

निदेशक उद्योग श्री जी. एम. चंदोला ने राज्य की निवेश-अनुकूल नीतियों पर प्रस्तुति दी और बताया कि उत्तराखंड सरकार किस प्रकार से उद्योगों के विकास और निवेश आकर्षण हेतु कार्य कर रही है।

प्रमुख अतिथि

बैठक में शामिल प्रमुख विदेशी प्रतिनिधियों में शामिल थे:

  • श्री फेडेरिको सालास (भारत में मैक्सिको के राजदूत)

  • श्री रिकार्डो डेनियल डेलगाडो (मेक्सिको दूतावास)

  • श्री जगन्नाथ सामी (भारत में फिजी के उच्चायुक्त)

  • डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा (भारत में नेपाल के राजदूत)

  • श्री अरुणकुमार हार्डियन (भारत में सूरिनाम के राजदूत)

  • श्री डंबाजाविन गैंबोल्ड (भारत में मंगोलिया के राजदूत)

  • श्री मार्क्स डीतॉन्स (लातविया दूतावास, भारत)

  • श्री लक्ष्मेंद्र गेशन डिसनायके (श्रीलंका उच्चायोग, भारत)

  • सुश्री क्रिस्टिना अनानीना और सुश्री कैटरीना लज़ारेवा (रूसी दूतावास)


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