कुंवर प्रसून व आंदोलनकारी मंगसिरी देवी को मरणोपरांत सुंदरलाल बहुगुणा स्मृति सम्मान, ‘हिमालय प्रहरी 2024″
देहरादून,16 मई। प्रखर पत्रकार, चिंतक व आंदोलनकारी स्वर्गीय कुंवर प्रसून व आंदोलनकारी स्वर्गीय मंगसिरी देवी को मरणोपरांत पद्द्मविभूषित सुंदरलाल बहुगुणा स्मृति सम्मान, ‘हिमालय प्रहरी 2024″ सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। प्रत्येक वर्ष की तरह यह सम्मान पद्म विभूषण सुंदरलाल बहुगुणा जी की पुण्यतिथि पर दिया जाता है, बहुगुणा जी की तृतीय पुण्यतिथि पर यह कार्यक्रम देहरादून में 21 मई को इंजीनियर भवन, निकट ISBT फ्लाईओवर में आयोजित किया जाएगा।
पांच सदस्य चयन समिति द्वारा स्वर्गीय कुवर प्रसून व स्वर्गीय मंगशिरी देवी के नाम को सर्वसम्मति से चयन किया गया। इस वर्ष हिमालय प्रहरी सम्मान पहली बार महिला वर्ग को भी दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर ऑल इंडिया पिंगलवाड़ा चैरिटेबल सोसायटी अमृतसर के प्रधान पद्म भूषण डॉ इंद्रजीत कौर व मुख्य वक्ता के रूप में प्रखर गांधीवादी विचारक, जेपी आंदोलन के सकीय कार्यकर्ता व जयप्रकाश जी के सहयोगी श्री कुमार प्रशांत जी की गरिमयी उपस्थिति रहेगी। इस सम्मान समारोह में ‘पर्वतीय विकास की दिशा और दशा बहुगुणा की जुबानी’ पर विचार गोष्ठी भी की जायेगी। पर्वतीय क्षेत्र के विकास को लेकर बहुगुणा जी के कार्य को आगे बढ़ाने और पहाड़ के वर्तमान स्वरुप पर बातचीत की जायेगी ।
स्वर्गीय कुंवर प्रसून जी का चयन उनकी बेवाक पत्रकारिता एक प्रखर आआंदोलनकारी व चितक के रूप में किया गया है। चिपको आदोलन, शराब विरोधी आदोलन, टिहरी बांध विरोधी आंदोलन व जन सरकारों से जुड़े अनेक आदोलन में कुवर पसून जी की सक्रिय भागीदारी रही है। वे शोषित समाज की आवाज के रूप में जाने जाते रहे।
स्वर्गीय मंगशिरी देवी का चयन उनके जीवत जुझारुपन और सामाजिक सरोकारों के प्रति निष्ठा के लिए चयन किया गया चिपको आंदोलन के दौरान वह वडियारगढ़ के जंगलों में एक महीने तक देह बचाने के लिए रही वह जंगलों को ठेकेदारों के खिलाफ लड़ाई लड़ती रही टिहरी बाध विरोधी आदोलन में एक महीने तक जेल में आआंदोलनकारी के साथ रही। 1975 में सरला बहिन जी की हीरक जयन्ती यात्रा में वे सहयोगी रही।
कार्यक्रम का आयोजन हिमालय बचाओ आदोलन व पर्वतीय नवजीवन मडत आश्रम के ट्वारा किया जा रहा है।