व्यवस्थित निवेश योजना (SIP यानी Systematic Investment Plan) सही है?
-Milind Khandekar-
SIP करो और भूल जाओ. म्यूचुअल फंड में से SIP यानी Systematic Investment Plan से हर महीने पैसे लगाओ और कुछ सालों करोड़पति बन जाओगे. यह बात SIP करने वाले को लगने लगी थी. इधर बाज़ार गिरने लगा तो लोग डरने लगे. इस डर को ICICI Prudential AMC के CIO एस नरेन्द्र के भाषणने और बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि SIP का रिटर्न आने वाले वर्षों में निगेटिव भी हो सकता है. निवेशकों को मिडकैप या स्मॉलकैप फंड के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए. लार्ज कैप या हाईब्रिड फंड में SIP करना चाहिए.
पिछले दस सालों में SIP ने ज़बर्दस्त रिटर्न दिया है. आपने हर महीने ₹10 हज़ार की SIP की है तो 12 लाख रुपये लगाए. लार्ज कैप का रिटर्न 12% के आसपास रहा है यानी रक़म लगभग दोगुना हो गई है. यही रक़म आपने मिड कैप में लगाईं है तो रिटर्न तीन गुना है और स्मॉलकैप में चार गुना. इससे SIP का क्रेज़ बढता चला गया. 2021-22 में SIP से ₹96 हज़ार करोड़ आए थे और 2023-24 में यह आँकड़ा दोगुना से ज़्यादा होकर ₹दो लाख करोड़ तक पहुँच गया. इस वित्त वर्ष में जनवरी तक ₹2.37 लाख करोड़ आ चुके हैं.
लोग बिना सोचे समझे पैसे लगाए जा रहे हैं. म्यूचुअल फंड के विज्ञापन के साथ चेतावनी दी जाती है कि Past Performance is not guarantee for future return. यही चेतावनी नरेन ने दी है. उनका कहना है कि SIP undervalue asset में कीजिए जिसकी क़ीमत कम है तब आगे फ़ायदा होगा. वो कह रहे हैं कि Small और Mid Cap शेयरों की क़ीमत बहुत ज़्यादा है. Price Earning Ratio (PE) 43 है. कंपनी एक रुपया मुनाफ़ा कमाएगी इसके लिए आप शेयर की क़ीमत 43 रुपये लगा रहे हैं. उनकी सलाह है कि लोग मिड और स्मॉलकैप से निकलें और लार्ज कैप में पैसे लगाए वरना रिटर्न आने वाले समय में निगेटिव हो सकता है.
यह भाषण तो 20 जनवरी को दिया था, लेकिन वायरल अभी हो रहा है. शेयर बाज़ार में भी लगातार गिरावट हुई है. स्मॉलकैप और मिड कैप इंडेक्स इस साल ज़्यादा गिरा है, इसलिए बड़ी कंपनियों में निवेश ज़्यादा बेहतर है . SIP से आने वाले पैसे ने भी बाज़ार को सँभाल रखा है, विदेशी निवेशकों की बिक्री से बाज़ार नीचे जा रहा है. ऐसे में SIP से पैसा आना कम हुआ तो आगे चलकर बाज़ार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.