क्षेत्रीय समाचार

खंड शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध शिक्षक संघ ने खोला मोर्चा, रवैया न सुधरने पर अनशन की चेतावनी दी

 

गोपेश्वर, 10 फरबरी (गुसाईं एमएस)। जिले के नंदानगर प्रखंड में खंड शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध शिक्षक संघ ने मोर्चा खोल दिया है और एक सप्ताह का अल्टीमेटम देते हुए वांछित कार्यवाही न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है।

आरोप है कि उक्त खंड शिक्षा अधिकारी का शिक्षकों के प्रति रवैया बेहद गैरजिम्मेदाराना है। उनके खिलाफ राजकीय जूनियर हाईस्कूल, पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ शाखा नंदानगर ने 8 सूत्रीय मांगों पर 17 फरवरी तक आवश्यक कार्रवाई नही करने पर 18 फरवरी को बीईओ कार्यालय नंदानगर पर उपवास पर रहने एवं उसके बाद भी कार्रवाई न किए जाने पर अनशन करने की चेतावनी देते हुए बीईओ को एक ज्ञापन भेजा है।

नंदानगर में शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष हिम्मत सिंह रावत की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में 8 बिंदुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय प्राणमती के दो स्थानांतरित शिक्षकों को आज तक कार्यमुक्त नही किया गया है, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय स्यांरी भेटी की दूरी हाईस्कूल स्यांरी भेटी से डेढ़ किमी से अधिक दूरी हैं, बावजूद इसके उसे अलग डाइस कोर्ड नहीं दिया गया है।

इसी तरह राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय लाखी के विज्ञान शिक्षक अब्बल सिंह फर्स्वाण के द्वारा दो माह पूर्व आला जखोली विद्यालय में समायोजित करने के लिए आवेदन के बावजूद उस पर आज तक कार्रवाई नहीं की गई है। इसके अलावा शिक्षकों की कई समस्याएं जिनका समाधान बीईओ स्तर पर होना था, उस पर बीईओ के द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही हैं।

बैठक में निर्णय लिया गया कि उक्त 8 बिंदुओं पर यदि आगामी 17 फरवरी तक बीईओ के द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है तो 18 फरवरी को बीईओ कार्यालय पर संघ के शिक्षक एक दिवसीय उपवास रखेंगे, इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा। बैठक में ज्ञापन भी तैयार कर बीईओ सहित अन्य अधिकारियों को भेजने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया।

बैठक में संघ की वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनीता भारती, मंत्री शैलेंद्र पुंडीर, कोषाध्यक्ष टीका प्रसाद सेमवाल, मण्डलीय सचिव सैन सिंह नेगी, बलबीर सिंह नेगी, भगवती प्रसाद पुरोहित, गोविंद सिंह खत्री, हरेंद्र सिंह कठैत, अनुपमा गुसाईं, नेत्री लाल, विजया पुरोहित, देवी प्रसाद मैंदोली, मनोज कुमार डिमरी आदि ने विचार व्यक्त किए।

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