भालू के बढ़ते हमलों से दहशत, पोखरी में मानव–वन्यजीव संघर्ष पर उबाल
पोखरी, 23 दिसंबर (राणा)। मानव–वन्यजीव संघर्ष और क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे भालू के हमलों को लेकर पोखरी ब्लॉक में चिंता गहराती जा रही है। इसी क्रम में मंगलवार को ब्लॉक सभागार में केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग गोपेश्वर के प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश कुमार दूबे की मौजूदगी में जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता क्षेत्र पंचायत प्रमुख राजी देवी ने की।
बैठक में जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने बंदर, लंगूर, जंगली सूअर, भालू और बाघों के बढ़ते आतंक पर गहरी नाराजगी जताई। वक्ताओं ने कहा कि वन्यजीवों के हमलों से खेती-बाड़ी पूरी तरह चौपट हो चुकी है, वहीं महिलाएं, बच्चे और छात्र-छात्राएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

जनप्रतिनिधियों ने जूनियर हाईस्कूल हरिशंकर में लगातार दूसरी बार भालू के हमले की घटना का उल्लेख करते हुए बताया कि इससे छात्रों में भय का माहौल बना हुआ है। इसके अलावा पाव और सिनाऊ पल्ला में घास काटते समय भालू के हमले में दो महिलाएं घायल हुईं, जबकि सेम सहित कई गांवों में भालुओं ने गौशालाएं तोड़कर गाभिन और दुधारू गायों को मार डाला।

इसी सिलसिले में सोमवार को जूनियर हाईस्कूल हरिशंकर में भालू के हमले में घायल छात्र-छात्राओं का हालचाल जानने के लिए डीएफओ सर्वेश कुमार दूबे और उप प्रभागीय वनाधिकारी मोहन सिंह नेगी वन कर्मियों के साथ विद्यालय पहुंचे। उन्होंने घायल कक्षा छह के छात्र आरब पुंडीर और कक्षा आठ की छात्रा कुमारी दिब्या चौधरी से मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और अभिभावकों व ग्रामीणों से बातचीत कर विभाग की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। विदित है कि विद्यालय परिसर में भालू ने आरब पुंडीर पर हमला कर उसे झाड़ियों में फेंक दिया था, जबकि उसे बचाने के प्रयास में दिब्या चौधरी को भी हल्की चोटें आई थीं। इससे पहले छात्र देवेश भी स्कूल जाते समय भालू के हमले में घायल हो चुका है।

डीएफओ और उप प्रभागीय वनाधिकारी ने आरब की माता नीमा देवी, दिब्या के पिता यदुवीर चौधरी सहित ग्रामीणों से वार्ता कर उनका हौसला बढ़ाया। इस दौरान वन विभाग की ओर से हरिशंकर क्षेत्र में भालू को पकड़ने के लिए पिंजरा भी लगाया गया। अधिकारियों ने बताया कि दोनों बच्चे पूरी तरह निर्भीक हैं और घटना के बावजूद उनमें किसी प्रकार का भय नहीं है।
ब्लॉक सभागार में आयोजित बैठक में प्रमुख राजी देवी, एडवोकेट श्रवण सती, धीरेन्द्र राणा, रवेन्द्र नेगी, कुंवर सिंह चौधरी, सन्तोष चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने वन्यजीव अधिनियम में संशोधन कर हिंसक वन्यजीवों से स्थायी निजात दिलाने की मांग की। चेतावनी दी गई कि यदि शीघ्र ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो क्षेत्रीय जनता व्यापक जन आंदोलन के लिए बाध्य होगी।
इस पर डीएफओ सर्वेश कुमार दूबे ने बताया कि मानव–वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए सोलर फेंसिंग, सेंसर आधारित अलर्ट सिस्टम विकसित किए जा रहे हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में पिंजरे और ट्रेंकुलाइज गन की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि हिंसक वन्यजीवों को मारने से संबंधित अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है। उप प्रभागीय वनाधिकारी मोहन सिंह विष्ट ने बताया कि पूरे डिवीजन में सुरक्षा के लिए 15 कर्मियों को मानदेय पर तैनात किया जाएगा, संवेदनशील क्षेत्रों में फेंसिंग की जाएगी और स्कूलों में बच्चों के लिए वाहन सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही भालू से मुकाबला करने वाले हरिशंकर विद्यालय के दो छात्रों को 26 जनवरी को सम्मानित किया जाएगा।
बैठक और विद्यालय भ्रमण के दौरान वन क्षेत्राधिकारी नवल किशोर नेगी, उप वन क्षेत्राधिकारी बीरेंद्र सिंह नेगी, वन दरोगा मोहन सिंह वर्तवाल, आनंद सिंह रावत, वन आरक्षी प्रकाश कंडारी, मकर सिंह राणा, ग्राम प्रधान रिंकी देवी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण और वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे। संचालन एडवोकेट श्रवण सती ने किया।
