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बबाल के बाद गौचर में भय का माहौल जारी, अल्पसंख्यकों का पलायन शुरू

गौचर, 18 अक्टूबर (गुसाईं) । मंगलवार को दो समुदायों के बीच हुए विवाद के चौथे दिन भी समुदाय विशेष के लोगों की दुकानें नहीं खुल पाई हैं। जो लोग नाम बदलकर व्यापार कर रहे थे उन्होंने भी हालात की गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार को अपनी दुकानों पर ताला लटका दिया है।

दुकान के आगे स्कूटी खड़ी करने को लेकर दो समुदायों के बीच हुई मारपीट के बाद भले ही परगना मजिस्ट्रेट ने गौचर व कर्णप्रयाग में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए धारा 163 लगा दी हो लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय में व्याप्त भय दूर होने का नाम नहीं  ले रहा है। बताया जा रहा है कि समुदाय विशेष के कई लोग अपने परिवार सहित कहीं अन्यत्र चले गए हैं कई लोग जाने की तैयारी कर रहे हैं।

गौचर पालिका क्षेत्र में कई समुदाय विशेष के लोगों ने अपनी पहचान छुपाकर हिंदू देवी देवताओं के नाम से ज्वैलर्स की दुकानें खोली हुईं थी उन्होंने भी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार से अपनी दुकानों पर ताला लटका दिया है।

समुदाय विशेष के वे लोग भारी मुसीबत में फंस गए हैं जिन्होंने  जमीन खरीदकर मकान बना ली। शुक्रवार को मुख्य बाजार में फ्ड़ लगाकर पटाखे बेचने वाले को भी स्थानीय व्यापारियों ने चलता कर दिया है। इस मामले में स्थानीय व्यापारियों में मतभेद देखने को मिला।

शुक्रवार को कुुििि ििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििि

 

शुक्रवार को कुछ खास राजनीतिक विचारधारा से जुड़े लोगों से प्रभावित कुछ लोगों ने घर घर जाकर उन लोगों से आग्रह किया जिनके  मकानों व दुकानों पर समुदाय विशेष के लोग किराए पर रह रहे हैं कि वे अपने मकान दुकान से समुदाय विशेष के लोगों को हटा दें। शुक्रवार को भले ही चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती रही हो लेकिन करवाचौथ का त्योहार नजदीक होने की वजह से बाजार में महिलाओं की भारी भीड़ भी देखने को मिली है।

मंगलवार को मारपीट के बाद हुए बबाल को लेकर पुलिस ने एकपक्षीय कार्यवाही के केवल एक समुदाय के लोगो को गिरफ्तार किया जबकि तोड़फोड़ और उत्पात मचाने वालों को छुआ तक नहीं। बताया जा रहा है कि पुलिस ने जिन चार समुदाय विशेष के लोगों को जेल भेज दिया था वे जमानत पर बाहर आ गए हैं। जानकारी के अनुसार वे भी तामझाम समेटने की तैयारी कर रहे हैं। व्यापार संघ अध्यक्ष राकेश लिंगवाल, पंकज भंडारी आदि लोगों का कहना है कि व्यापार संघ की बैठक में जो प्रस्ताव पारित हुए हैं उसको हर हाल में अमल में लाया जाएगा।

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