बुलबुला फटने वाला है AI का ?
-Milind Khandekar
पिछले हफ़्ते Nvidia के शेयरों में फिर गिरावट आयीं. जून में यह दुनिया की सबसे क़ीमती कंपनी बन गई थी, तब से शेयर 22% गिर चुके हैं. उसके CEO हुआंग जेनसन की संपत्ति 100 बिलियन डॉलर के आँकड़े से नीचे आ गई है. दुनिया में ऐसे दर्जन भर ही अमीर है जो 100 बिलियन डॉलर से ज़्यादा संपत्ति के मालिक हैं. अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या Artificial Intelligence ( AI) भी बुलबुला है ? हिसाब किताब में चर्चा AI के बारे में
AI की ओर दुनिया का ध्यान गया क़रीब दो साल पहले जब ChatGPT लाँच हुआ. दो महीने में इसके दस करोड़ यूज़र्स हो गए. इसे दुनिया में उतना ही बड़ा बदलाव माना गया जैसे बिजली बनना या इंटरनेट का आना. शेयर बाज़ार यह मानकर चल रहा था कि AI से टेक्नोलॉजी कंपनियाँ मोटा मुनाफ़ा कमाएँगी. स्टार्ट अप में भी डॉलर लगे. AI पर काम कर रहे 200 यूनिकॉर्न है यानी इन कंपनियों की क़ीमत एक बिलियन डॉलर से ज़्यादा है. AI अगर आदमी की जगह या साथ में काम करने लगता है तो कंपनियों के खर्च भी कम और मुनाफ़ा ज़्यादा होने की उम्मीद है .
पिछले कुछ दिनों में अलग अलग रिपोर्ट आ रही हैं जो कहती हैं कि AI से पैसा बनने में 10-15 साल लग सकते हैं. AI को चलाने के लिए कंपनियों को काफ़ी खर्च करना पड़ रहा है जैसे मॉडल को जवाब देने या काम करने की ट्रेनिंग देना, बड़े बड़े डेटा सेंटर मेंटेन करना. ChatGPT को रोज़ चलाने का खर्च क़रीब 1 मिलियन डॉलर है जबकि साल का रेवेन्यू है 3 बिलियन डॉलर. अभी साल का घाटा है 5 बिलियन डॉलर. एक अनुमान है कि AI इंडस्ट्री को 600 बिलियन डॉलर बनाने की ज़रूरत है जबकि अभी सबसे बड़ी कंपनी 3 बिलियन डॉलर बना रही है.
माइक्रोसॉफ़्ट के CFO ने कहा कि इन्वेस्टमेंट की रिकवरी में 15 साल तक लग सकते हैं. फिर यह भी स्पष्ट नहीं है कि AI आदमी की जगह लेगा या उसके साथ काम करेगा. बाज़ार को सिर्फ़ इस बात से मतलब है कि कंपनियों का खर्च कम होगा या नहीं. इसी उम्मीद में बाज़ार पैसे लगा रहा था. Nvidia का बिज़नेस AI की ग्रोथ से जुड़ा हुआ है. उसकी चिप AI मॉडल को ट्रेनिंग देने में , डेटा प्रोसेसिंग में इस्तेमाल हो रही है. इस बाज़ार में उसका शेयर 80% से ज़्यादा है. उसके ताज़ा रिज़ल्ट में भी पिछले साल के मुक़ाबले दो गुना मुनाफ़ा हुआ है.गिरावट के बाद भी इस साल की शुरुआत से उसके शेयर का दाम दोगुना है . फिर भी बाज़ार माँग रहा है