अभिमन्यु का वध प्रसंग देख नम हुई दर्शकों की आंखें
गुप्तकाशी, 9 जनवरी (शास्त्री) । केदार घाटी के प्रमुख गांव ल्वारा में चल रहे पांडव नृत्य के क्रम में सोमवार को पारंपरिक चक्रव्यूह का मंचन हुआ। महाभारत के इस प्रसंग में वीर अभिमन्यु का कौरवों द्वारा छल से वध किए जाने के मंचन को देख दर्शकों की आंखें छलछला आई। क्षेत्र के तमाम गांवों से हजारों की संख्या में देखने लोग उमड़े थे। ल्वारा गांव में इससे पूर्व सात साल पहले वर्ष 2017 में पांडव नृत्य का आयोजन हुआ था। इस बार दर्शकों की संख्या में पिछली बार से अधिक इजाफा हुआ। ल्वारा गांव में पांडव नृत्य की वर्षों पुरानी परम्परा को ग्रामीण आज भी पूरे मनोयोग से संजोए हुए हैं। ग्राम प्रधान हुकम सिंह फरस्वाण बताते हैं कि ग्रामीण इस आयोजन को सिर्फ लोकरंजन नहीं बल्कि क्षेत्र की समृद्धि और खुशहाली के निमित्त एक अनुष्ठान के रूप में आयोजित करते आ रहे हैं।
चक्रव्यूह मंचन में अभिमन्यु की भूमिका का निर्वाह मातृका पुरोहित ने निभाई जबकि दयाल सिंह राणा ने दुर्योधन का किरदार निभाया। जयद्रथ के रूप में शिव सिंह राणा और द्रोणाचार्य के रूप में दुर्गेश बगवाड़ी, अस्वस्थामा अरविंद भट्ट, कर्ण के रूप में मद्महेश्वर सेमवाल, कृपाचार्य के रूप में भरत बगवाड़ी, शकुनी के रूप में सौरभ शुक्ला और भीम की भूमिका अंकुश बुटोला ने निभाई।
आयोजन में पांडव लीला समिति के अध्यक्ष देवी प्रसाद बगवाड़ी, उपाध्यक्ष अरविंद भट्ट, कोषाध्यक्ष मद्महेश्वर सेमवाल, सचिव हुकम सिंह फरस्वाण, संयोजक अशोक कुमार बगवाड़ी, क्षेत्र पंचायत सदस्य सुरजीत भट्ट, उपप्रधान शिब्बन कुमार, पूर्व प्रधान कैलाश पुरोहित व दिव्या देवी भट्ट और महिला तथा युवक मंगल दल के साथ समस्त ग्रामवासियों का विशेष सहयोग रहा।