निर्वाचन आयोग ने प्रधानमंत्री आफिस द्वारा निर्वाचन आयुक्तों की वैठक बुलाने पर दी सफाई,विपक्ष इस बैठक को आयोग की स्वायत्तता का हनन बात रहा है, पूर्व चुनाव आयुक्त भी हैरान हैं

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नई दिल्ली,20 दिसंबर(उहि)।चुनाव सुधारों के संबंध में भारत के निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के कई प्रस्ताव लंबे समय से लंबित हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ने दिनांक 3.02.2011 को पत्र संख्या 3/1/2011/एसडीआर/480, दिनांक 14.05.2013 को पत्र संख्या 3/ईआर/2013/एसडीआर और दिनांक 08.07.2020 को पत्र संख्या 3/ईआर/2018/एसडीआर/409 सहित कई पत्र विधि मंत्री को संबोधित करते हुए कहा है कि लंबित सुधारों पर शीघ्र विचार किया जाए। विधि संबंधी विभाग निर्वाचन आयोग से संबंधित मामलों के संबंध में केन्‍द्रीय  विभाग है और ईसीआई और विधि संबंधी विभाग के अधिकारियों के बीच नियमित बातचीत होती है।

इससे पहले, कॉमन इलेक्टोरल रोल (समान मतदाता सूची) को लेकर कैबिनेट सचिव और पीएमओ द्वारा कई बैठकें की गई थीं। समान मतदाता सूची पर पीएमओ आईडी दिनांक 12.11.2021 के संबंध में 16.11.2021 को होने वाली बैठक कैबिनेट सचिव, विधि सचिव और सचिव, विधायी विभाग को संबोधित की गई थी। इसे मुख्य निर्वाचन आयुक्त को संबोधित नहीं किया गया था। चूंकि भारत के निर्वाचन आयोग के पास मतदाता सूची के संबंध में आवश्यक विशेषज्ञता और जनादेश है और मुख्य निर्वाचन आयुक्त के कानून मंत्री को संबोधित पिछले पत्रों के आलोक में, सचिव, विधायी विभाग ने इस बैठक में निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को आमंत्रित करना उचित समझा।

तदनुसार, अवर सचिव, विधि संबंधी विभाग ने 16.11.2021 की बैठक में भाग लेने के लिए सचिव, भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को पत्र संख्या एफ.सं.एच-11021/6/2020-लेग.2 दिनांक 5.11.2021 भेजा। पत्र सचिव को संबोधित किया गया था और पत्र के अंतिम परिचालन पैराग्राफ में भी सचिव, भारत निर्वाचन आयोग से बैठक में भाग लेने का अनुरोध किया गया था। ईसीआई द्वारा पत्र प्राप्त होने के बाद, मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने सचिव, विधि संबंधी विभाग से बात कर पत्र के मध्य भाग की भावाभिव्यक्ति पर अपनी नाराजगी व्यक्त की, जिससे यह आभास हुआ कि सीईसी के बैठक में भाग लेने की उम्मीद थी। सचिव, विधि संबंधी विभाग ने स्पष्ट किया कि पत्र सचिव या विषय से परिचित सीईसी के प्रतिनिधि के बैठक में भाग लेने के लिए था।

16.11.2021 को हुई यह बैठक वर्चुअल मीटिंग थी और पीएमओ में कोई फिजिकल मीटिंग आयोजित नहीं की गई थी. उक्त वर्चुअल बैठक में भारत सरकार के अधिकारी और भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारी शामिल हुए। अधिकारियों की बैठक के बाद, कुछ मुद्दों पर और सुधार की आवश्यकता थी। इन मुद्दों में मतदाता सूची के अपडेशन के लिए तारीखों की संख्या, आधार लिंकेज के कुछ पहलुओं और परिसर की मांग शामिल हैं।

आधिकारिक बैठक के बाद, मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो निर्वाचन आयुक्तों के साथ एक अलग अनौपचारिक बातचीत हुई। यह ध्यान दिया जा सकता है कि चर्चा ईसीआई के सभी तीन आयुक्तों के साथ और वर्चुअली की गई थी।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि चुनाव आयोग के साथ इन विचार-विमर्श के बाद, विधि संबंधी विभाग द्वारा एक प्रस्ताव तैयार किया गया था जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष विचार के लिए रखा गया था, जिसने संसद के वर्तमान के दौरान “चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक 2021” पेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

यह दोहराया जाता है कि विधि संबंधी विभाग चुनाव सुधार से संबंधित मामलों में निर्वाचन आयोग और अन्य संबंधित सरकारी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठकें आयोजित करता है। 16.11.2021 की बैठक कुछ सुधारों पर कैबिनेट नोट को अंतिम रूप देने के लिए थी और इसे वर्चुअली आयोजित किया गया था। मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्तों के साथ उसके बाद हुई बातचीत अनौपचारिक थी और अंतिम प्रस्ताव के लिए दो या तीन पहलुओं को सामने लाने के लिए थी।

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