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बखान नयी शिक्षा नीति का और  मिडिल स्कूल के जीर्णशीर्ण भवन में चला रही है सरकार इंटर कॉलेज को  

पोखरी  से राजेश्वरी राणा

 भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और संसद महेंद्र भट्ट के गृह क्षेत्र उडामांडा में  मुख्य भवन के अभाव में  राजकीय इंटर कालेज दशकों  पुराने जीर्ण-शीर्ण भवन  में संचालित हो रहा है। भवन की दुर्दशा देखते हुए इसके कभी भी हादसाग्रस्त  होने की आशंका बनी हुयी है ।
इंटर  कॉलेज भवन की दुर्दशा को लेकर जिलाधिकारी को भेजे गए ज्ञापन में क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों  कहा  है कि अपने नौनिहालों को शिक्षा दिलाने के लिए  क्षेत्रीय जनता के  लम्बे सघर्ष के बाद।  राजकीय  इंटर कालेज  उडामाडा   की स्थापना   1975 में  जूनियर हाईस्कूल के रूप  में  हुई थी। छात्र संख्या में लगातार  बढ़ोतरी के कारण  जूनियर हाईस्कूल उडामाडा का  1985 में  उच्चीकरण  हाईस्कूल के  रूप   में हुआ।  आस पास के गांवों के नौनिहाल यहां से हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने के नागनाथ और कर्णप्रयाग जाने लगे जिससे गरीब परिवारों के विधार्थी इंटरमीडिएट की शिक्षा से वंचित  रह जाते थे ।
ज्ञापन में कहा गया कि स्थानीय जनता की मांग और छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए  सरकार और द्बारा  2005 में  हाईस्कूल उडामाडा को    इंटरमीडिएट कालेज  के रुप में उच्चीकृत तो कर दिया गया मगर छात्रसंख्या और कक्षाओं की आवश्यकतानुसार न तो भवन का विस्तार किया गया और न ही नया भवन बनाया गया। मतलब यह की इंटर कॉलेज को  जूनियर हाई स्कूल के पुराने जीर्णशीर्ण भवन में ही घुसा दिया गया।   जिस कारण  सन 2005  से वर्षो पुराने जीर्ण-शीर्ण भवन में कक्षाये संचालित हो रही है ।यही नहीं  यहाँ  प्रधानाचार्य का पद  भी वर्षो से रिक्त चल रहा है। मुख्य  भवन की मांग हेतु  बार बार  शासन प्रशासन , विभागीय उच्चाधिकारियों  शिक्षा मंत्री, विधायक को पत्र दिए गए लेकिन आज तक कालेज  मुख्य भवन नहीं बन पाया है ।
जबकि  यहां पर वर्तमान में छात्र संख्या 150 के करीब  है।   मुख्य भवन के अभाव में कालेज आज भी  1975 में क्षेत्रीय लोगों द्बारा श्रमदान  में बनाये गये पुराने जीर्ण शीर्ण भवन में संचालित हो रहा  है ।  इस भवन के टिन और लकड़ियां सड चुकी है । दीवारें ढहने के कगार पर पहुंच चुकी है ।अन्दर गड्डे बने हुए हैं । जबकि  सरकार  डिजिटल शिक्षा की बात कर रही है  । हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्र छात्राओं के लिए रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान,जीव विज्ञान, भुगोल विषयों केप्रैक्टिकल  के लिए कोई लैव की ब्यवस्था नहीं है ।जबकि  सरकार की शिक्षा नीति है कि छात्र छात्राओं को इंस्ट्रूमेंट दिखाकर  विषयों के प्रैक्टिकल करवाया जाए।  लेकिन लैव नहीं होने से छात्र छात्राओं के इन विषयों के प्रैक्टिकल भगवान भरोसे चल रहे हैं। वर्षात के समय थोड़ी भी वारिस होने से  इस भवन के अंदर पानी टपकने लगता है ।  ग्रामीणों के सहयोग से इस  पुराने जीर्ण शीर्ण  भवन में  तिरपाल डालकर  छात्र छात्राओं की  कक्षाये  संचालित करनी पड़ती है । भवन और लैब के अभाव में   अभिभावक  यहां से अपने   बच्चों को अन्य  कालेजों मे शिफ्ट  करने को मजबूर हैं ।
क्षेत्रीय प्रतिनिधियों ने मांग की है कि  छात्र छात्राओं के भविष्य को देखते हुए अविलम्ब  राजकीय इंटर कालेज उडामाडा में मुख्य भवन सहित भुगोल ,रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान,जीव विज्ञान विषयों के लैवो का निर्माण करवाकर प्रधानाचार्य की नियुक्ति की जाय वरना वे क्षेत्रीय जनता के साथ शिक्षा विभाग के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे ।
जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजने वालों में प्रमुख प्रीती भण्डारी, प्रधान संगठन के ब्लांक अध्यक्ष धीरेन्द्र राणा , विनगढ की प्रधान लक्षमी देवी,पूर्व प्रधान हर्षवर्धन चौहान,कुजासू के पूर्व प्रधान शिवराज राणा, सुदर्शन राणा ,पूर्व प्रमुख नरेंद्र रावत ,हरीश रावत, हरीश खाली, टीका प्रसाद खाली, भागवत रावत क्षेत्र पंचायत सदस्य सुभाष रावत आदि शामिल हैं।

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