टीएमयू को यूजीसी ने दी 12-बी की बड़ी सौगात
ख़ास बातें
- अब टीएमयू देश की 16 प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में शामिल
- 12-बी की मान्यता के बाद यूपी कीं बनी पांचवीं यूनिवर्सिटी
- यूजीसी की 12-बी के कठोर मानकों पर खरी उतरी टीएमयू
- शैक्षणिक और प्रशासनिक उत्कृष्टता के बूते मिली मान्यता
- 12-बी का दर्जा सपनों के साकार होने जैसाः कुलाधिपति
प्रो. श्याम सुंदर भाटिया
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-यूजीसी ने अविस्मरणीय दीपावली गिफ्ट दिया है। उपहार के तौर पर यूजीसी ने टीएमयू को 12-बी का दर्जा दिया है। उल्लेखनीय है, यह दर्जा पाकर अब टीएमयू देश की 16 प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में शामिल हो गई है, जबकि यूपी में 05वीं यूनिवर्सिटी हो गई है। टीएमयू ने अपनी शैक्षणिक और प्रशासनिक उत्कृष्टता के बूते यह दर्जा हासिल किया है। अब टीएमयू के स्टुडेंट्स और फैकल्टी को अपनी शोध परियोजना, केंद्रीय प्रोजेक्ट्स और केंद्रीय अनुदान मिलने के द्वार खुल गए हैं। यूजीसी से वित्तीय अनुदान मिलने पर शोधार्थी और फैकल्टी नई उड़ान भरेंगे। टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन मानते हैं, हमारी यूनिवर्सिटी को 12-बी का दर्जा मिलना बड़े सपनों के साकार होने जैसा है। टीएमयू हमेशा शोध के प्रति संजीदा रही है। हमारे मेधावी छात्रों और टीचर्स की झोली में अब तक 2,000 प्लस रिसर्च पब्लिकेशन और 300 प्लस पेटेंट हैं।
उल्लेखनीय है, 12-बी की मान्यता देने के लिए यूजीसी के नियम कठोर हैं। 12-बी का दर्जा मिलने से पूर्व यूजीसी की टीम ने विश्वविद्यालय का इंफ्रास्ट्रक्चर, रिसर्च डवलपमेंट जैसे प्रमुख मापदंडों पर अपनी कसौटी पर कसा। छह सदस्यीय इस टीम ने अगस्त में यूनिवर्सिटी का सघन मुआयना किया था। दरअसल 12-बी किसी भी यूनिवर्सिटी के लिए एक तरह का स्टेटस होता है। 12-बी की मान्यता मिलने के बाद केंद्रीय वित्तीय अनुदान का रास्ता साफ हो गया है। अब शोध परियोजना, केंद्रीय प्रोजेक्ट्स और केंद्रीय अनुदान का सीधा लाभ टीएमयू के स्टुडेंट्स को उच्च शिक्षा के लिए मिल सकेगा। उल्लेखनीय है, 2008 में जैन अल्पसंख्यक श्रेणी में यूपी के मुरादाबाद में स्थापित इस यूनिवर्सिटी में अमूमन देश के सभी सूबों से स्टुडेंट्स अध्ययनरत हैं। इसका इंफ्रास्ट्रक्चर वैश्विक उच्च संस्थानों के मानिंद है। टीएमयू की फैकल्टी और गेस्ट फैकल्टी उच्च शिक्षित और अनुभवी है। 12-बी की मान्यता मिलने से ग्रुप वाइस चेयरमैन श्री मनीष जैन, एमजीबी श्री अक्षत जैन गदगद हैं। कहते हैं, टीएमयू यूजीसी के मानकों पर हमेशा खरा उतरेगी। वीसी प्रो. रघुवीर सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, एसोसिएट डीन प्रो. मंजुला जैन ने उम्मीद जताई, अब हमारे शोधाथियों को उड़ान के लिए नया आकाश मिलेगा।