इस संज्ञा (WATCH) का संज्ञान लेना जरूरी है ! -एक विचार
-G P Bahuguna
कुछ संज्ञाएं Reversible की भांति प्रयुक्त हो सकती हैं जैसे कि अंग्रेजी के इस Watch शब्द को ही देख लें-
*WATCH* से कई शब्द बने हैं लेकिन इसका वास्तविक अर्थ है देखना, परीक्षण करना, जांचना, निगाहों में रखना, चौकीदारी करना, जासूसी करना आदि। Watchman तो चौकीदार कहलाता है जो किसी के द्वारा घर-द्वार की चौकीदारी के लिए नियुक्त नौकर होता है लेकिन WatchDog का ओहदा कुछ बड़ा बना दिया गया । कुछ संविधान विशेषज्ञों ने संविधान की *संरक्षक* न्यायपालिका और प्रेस को लोकतंत्र के WatchDog की संज्ञा दी है । लेकिन मेरे विचार से प्रेस और न्यायपालिका को WatchDog कहना ग़लत होगा, क्योंकि Dog एक ऐसा जानवर है, जो स्वामी भक्त तो जरूर होता है, लेकिन कभी ऐसा भी होता है कि वह मालिक के अलावा भी जो कोई उसको रोटी – बोटी का टुकड़ा डालेगा वह फिर उसी के पीछे दुम हिलायेगा।
-देश-विदेश में अनेक उदाहरण इतिहास में मिल जायेंगे जहां कोई जज किसी सत्तासीन गुनाहगार व्यक्ति को क्षमा दान/राहत देने के एवज में सेवानिवृत्ति के बाद पुरस्कृत किए जाते हैं … इसी तरह प्रेस के जो लोग सत्तासीन की चरण वंदना में रुचि लेते हैं , उन्हें पद्मभूषण जैसे अलंकरणों से खुश किये जाने केक्षकई उदाहरण उपलब्ध हैं इसलिए WatchDog पर यह कथन बिल्कुल फिट होता है कि घड़ी को जैसा सेट करोगे वह वैसे ही चलेगी,-
“Clocks will go as they are set, but man, irregular man, is never constant, never certain.” -GPB