खेल/मनोरंजन

इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में फिल्म निर्माण की कला एवं शिल्प के बारे में मास्टरक्लास सत्र होंगे

-uttarakhandhimalaya.in-

माइकल डगलस, पंकज त्रिपाठी, जोया अख्तर, क्या इनमें आपको कोई जानी–पहचानी बात दिखाई देती है? ये सभी ऐसे विश्व-विख्यात फिल्म निर्माता/अभिनेता हैं, जिन्होंने फिल्म निर्माण/अभिनय में अपने रचनात्मक कौशल से असंख्य लोगों का दिल जीता है। ये सभी भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 54वें संस्करण में बातचीत सत्र आयोजित करेंगे। एक रोचक घटनाक्रम के तौर पर, यह महोत्सव फिल्म निर्माण की कला एवं शिल्प के बारे में मास्टरक्लास और बातचीत का सत्र आयोजित करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

इस वर्ष के इफ्फी में प्रख्यात फिल्म निर्माताओं, छायाकारों और अभिनेताओं के साथ 20 से अधिक मास्टरक्लास और बातचीत के सत्र आयोजित किए जायेंगे। ये सत्र गोवा के पणजी स्थित फेस्टिवल माइल में पुनर्निर्मित एवं नवीनीकृत कला अकादमी में आयोजित किए जायेंगे। इस वर्ष इन सत्रों में ब्रेंडन गैल्विन, ब्रिलेंटे मेंडोजा, सनी देओल, रानी मुखर्जी, विद्या बालन, जॉन गोल्डवाटर, विजय सेतुपति, सारा अली खान, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, केके मेनन, करण जौहर, मधुर भंडारकर, मनोज बाजपेयी, कार्तिकी गोंसाल्वेस, बोनी कपूर, अल्लू अरविंद, थियोडोर ग्लुक, गुलशन ग्रोवर तथा अन्य हस्तियां भी भाग लेंगी।

गहन अंतर्दृष्टि और सार्थक चर्चाओं के लिए एक अनूठे अवसर का बेसब्री से इंतजार है क्योंकि जाने-माने हॉलीवुड अभिनेता और निर्माता माइकल डगलस ‘क्या यह एक वैश्विक सिनेमा का समय है’ विषय पर एक विशेष वार्तालाप सत्र में शामिल होने वाले हैं। यह विश्व प्रसिद्ध अभिनेता इस वर्ष इफ्फी में प्रतिष्ठित ‘सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार भी ग्रहण करने वाले हैं।

‘मास्टरक्लास’ में न केवल फिल्म निर्माण प्रक्रिया की दुर्लभ झलक देखने को मिलेगी, बल्‍कि‍ इसमें शामिल होने वाले लोगों को व्यापक अनुभव भी होगा। दरअसल, इसमें कहानी कहने की कला, छायांकन और फिल्म निर्माण के व्यवसाय से जुड़ी रचनात्मक प्रक्रिया का समग्र विवरण प्रतिभागियों के समक्ष पेश किया जाएगा। इस सत्र में ‘फिल्म निर्देशन’ पर उद्योग के सर्वश्रेष्ठ ब्रिलेंटे मेंडोज़ा से सीखने का असाधारण अवसर भी मिलेगा। इसके साथ ही यह सत्र उभरते फिल्म प्रशंसकों का मूल्यवर्धन भी करेगा।

‘मास्टरक्लास’ और ‘संवाद’ सत्रों की इस अभिनव पद्धति में विश्वस्तरीय मास्टर्स/विशेषज्ञों की ओर से आत्म-चिंतन, यादें और वैचारिक उपाय बताए जाने से फिल्म निर्माण के विभिन्न विषयों का पता लगाने का विशिष्‍ट अवसर फिल्म प्रेमियों को जीवन में सिर्फ एक बार मिलेगा।

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