भारत के भीतर तीन भारत
By- Milind Khandekar
शेयर बाज़ार में इस साल ₹45 लाख करोड़ का नुक़सान हो चुका है. अभी हम नुक़सान के कारणों में विस्तार से नहीं जा रहे हैं. शेयर बाज़ार भी आख़िर अर्थव्यवस्था के फ़ंडामेंटल पर टिका हुआ है.अर्थव्यवस्था अच्छी रहेगी तभी कंपनियों का माल बिकेगा. माल बिकेगा तो कंपनियों को फ़ायदा होगा . फ़ायदा बढ़ेगा तो शेयरों के दाम बढ़ेंगे क्योंकि जिस कंपनी के आप शेयर होल्डर है वो मुनाफ़ा कमा रही है. दिसंबर क्वार्टर के अब तक जो रिज़ल्ट घोषित हुए हैं उसमें मुनाफ़ा 8% बढ़ा है. पिछले साल यही ग्रोथ 15% थीं. कंपनियों की बिक्री नहीं बढ़ रही है. सितंबर की तिमाही में 3400 कंपनियों की बिक्री 1.2% बढ़ी है जो महंगाई की दर से भी कम है.
इसकी जड़ में है अर्थव्यवस्था की सच्चाई जिसकोBlume की Indus Valley Reportने सामने रखा है. यह रिपोर्ट कहती है कि भारत में 100 करोड़ लोग ऐसे हैं जिनके पास खर्च करने के लिए कुछ नहीं बचता है. यहाँ याद रहे कि 84 करोड़ लोगों को मुफ़्त राशन देने का वादा खुद सरकार करती है. रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत के अंदर तीन भारत है.
इंडिया 1 में 14 करोड़ लोग हैं. इनकी प्रति व्यक्ति आय $15 हज़ार है यानी क़रीब ₹13 लाख. यह मेक्सिको जैसा देश है आबादी और आय के हिसाब से. भारत में जो भी खपत होती है उसका दो तिहाई खर्च यही लोग करते हैं. देश की आबादी 100 है तो यह दस लोग है. देश की खपत ₹100 है तो ₹66 यही दस लोग करते हैं.
इंडिया 2 में 30 करोड़ लोग हैं. आबादी और आय के हिसाब से यह इंडोनेशिया के क़रीब बैठता है. इसकी प्रति व्यक्ति आय $3 हज़ार है. देश की खपत का एक तिहाई खर्च यही लोग करते है.
इंडिया 3 में 100 करोड़ लोग है. इनकी प्रति व्यक्ति आय $ 1 हज़ार है. यह अफ़्रीका के गरीब देशों की आमदनी जैसी है. Indus Valley Report कहती है कि इस आबादी के पास खर्च के लिए कुछ अतिरिक्त बचता ही नहीं है.
जब तक इंडिया 2 और इंडिया 3 की आमदनी नहीं बढ़ेगी तब तक कुछ नहीं हो सकता है. एक दिक़्क़त यह भी है कि इंडिया 1 का दायरा भी नहीं बढ़ रहा है. हवाई यात्रियों की संख्या, दो पहिया वाहनों की बिक्री, फ़ूड डिलीवरी का ग्राहकों की संख्या या तो जस की तस है या थोड़ी ऊपर नीचे हुई है.
2019 में हवाई यात्री 14 करोड़ थे 2024 में 15 करोड़
2019 में 2.10 करोड़ दोपहिया वाहन बिके थे जबकि 2024 में 1.80 करोड़
फ़ूड डिलीवरी की तादाद जरुर बढ़ी है. 2024 की शुरुआत में यह आँकड़ा 1.70 करोड़ था और अब 2 करोड़
जब तक लोगों की आमदनी नहीं बढ़ेगी तब तक वो खर्च नहीं करेंगे. खर्चे नहीं होने पर हम इसी इंडिया वन पर निर्भर रहेंगे. भारत सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है यह आपने फिर सुना होगा . यह सही है लेकिन यह भी सही है कि प्रति व्यक्ति आय में हमारा रैंक 149 वाँ है