टीएमयू परिवार की प्रो. अजय पंत को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि
मुरादाबाद, 29 जुलाई । तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के ऑडी का मंजर बेहद जुदा-जुदा सा नजर आया। टीएमयू मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर के प्राचार्य रहे प्रो. अजय पंत को पुष्पांजलि, स्वरांजलि और शब्दांजलि देने के लिए पूरा टीएमयू परिवार ऑडी में जुटा। हमेशा हॉलीवुड और बॉलीवुड के सुरों और गीतों से गुलजार रहने वाला ऑडी शुक्रवार को प्रो. पंत की मधुर स्मृतियों के सागर में बार-बार डूबता दिखा। पिन ड्रॉप साइलेंट यह ऑडी भजनों, हारमोनियम और तबले की मद्धिम-मद्धिम संगत के बीच प्रो. पंत केे स्मृति सुमरिन का अविस्मरणीय साक्षी बना। इस कार्यक्रम में टीएमयू परिवार के संग-संग प्रो. पंत के दोस्त, नजदीकी रिश्तेदार और उनको चाहने वाले दूर-दूर से जुटे। डेढ़ घंटे चले इस कार्यक्रम का अंत दो मिनट के मौन और राम धुन के बीच प्रो. पंत के चित्र पर पुष्पांजलि के साथ हुआ। प्रो. पंत को सर्वप्रथम श्रद्धांजलि कुलाधिपति श्री सुरेश जैन ने दी। इसके बाद प्रो. पंत के परिजनों, मित्रों, शुभचिंतकों, फैकल्टीज़ और एमबीबीएस, एमडी और एमएससी के स्टुडेंट्स ने बारी-बारी से दी। स्मृति सुमरिन सभा का संचालन डॉ. माधव शर्मा ने किया।
प्रो. पंत का टीएमयू से अटूट रिश्ता रहा: कुलाधिपति
टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन ने प्रो. अजय पंत की मेडिकल सेवाओं, सौम्यता, मृदुभाषी, समर्पण, संकल्प सरीखी विशेषताओं का स्मरण करते हुए कहा, टीएमयू मेडिकल कॉलेज की स्थापना से ही प्रो. पंत का अटूट रिश्ता रहा है। अपने अति संक्षिप्त एवम् सारगर्भित श्रद्धांजलि संबोधन में श्री जैन ने कहा, प्रो. पंत से मेरा बड़े और छोटे भाई सरीखा संबंध रहा है। प्रो. पंत से संवाद किसी पुण्य आत्मा से संवाद करने जैसा था। प्रो. पंत को उन्होंने ऐसी शख्सियत के रूप में याद किया, जो ताउम्र याद रहते हैं और दिलों पर राज करते हैं। उन्होंने शोक सभा में मौजूद प्रो. पंत की धर्मपत्नी और सुपुत्री को इंगित करते हुए कहा, यह यूनिवर्सिटी उनका अपना घर है। कोई भी तकलीफ हो तो यूनिवर्सिटी के दरवाजे उनके लिए चौबीसों घंटे खुले हैं। इससे पूर्व प्रो. पंत की बेटी सुश्री स्वाति पंत ने पापा को याद करके ऑडी में मौजूद सभी अपनों को भाव-विभोर कर दिया। प्रो. पंत के बालसखा श्री अखिलेश कोठीवाल अपने 62 बरस की दोस्ती की चर्चा करते हुए बेहद भावुक हो गए। पूरे संबोधन में उन्होंने प्रो. पंत को अपना अज्जू ही कहा।
माटी के अंश सभी हम, माटी में मिल जाना है…
स्मृति सुमरिन सभा का प्रारम्भ स्वर श्रद्धांजलि के संग हुआ। संगीतज्ञ श्री आदर्श भटनागर ने हारमोनियम की धुनों पर हनुमान भजन, शिव स्तुति के संग एक-एक करके पांच भजनों की प्रस्तुति दी। तबले पर संगत श्री ब्रजेश कुमार ने दी। श्री भटनागर ने मंगल मूर्ति मारूति नंदन…, माटी के अंश हम सभी…, न जाने छूमंतर हो जाएंगे तेरे प्राण…, जगत में नेक करम कर भाई…, कृपा सिंधु भोला भंडारी, ओम नमः शिवाय…, ओ पिंजरे की मैना, भजन कर ले राम का… आदि भजनों पर संगीतमय स्वर श्रद्धांजलि दी। डॉ. माधव शर्मा ने भी हारमोनियम पर… इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकलें… सुनाकर प्रो. पंत को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रो. पंत ने टीएमयू में 14 बरस दीं सेवाएं
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के तीर्थंकर महावीर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर के प्राचार्य प्रो. अजय पंत का अपोलो हॉस्पिटल में 18 जुलाई को देहावसान हो गया था। वह 68 साल के थे। प्रो. पंत ने टीएमयू में 14 बरस अपनी सेवाएं दीं। प्रो. पंत गमगीन माहौल में अपने पीछे धर्मपत्नी डॉ. ज्योत्सना पंत और पुत्री स्वाति पंत को छोड़ गए हैं। उत्तराखंड से संबद्ध प्रो. पंत का जन्म मुरादाबाद में हुआ था। प्रो.पंत के पिता डॉ. हरि शंकर पंत मुरादाबाद के प्रतिष्ठित डॉक्टरों में शुमार थे, जबकि दादा श्री भोलादत्त पंत भी वैद्य थे। उल्लेखनीय है, प्रो. पंत ने 1976 में केजीएमसी, लखनऊ से एमबीबीएस और वहीं से 1980 में ऑर्थों में एमएस की पढ़ाई की। टीएमयू से पूर्व प्रो. पंत केजीएमसी, लखनऊ, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर और एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज, बरेली में भी बतौर मेडिकल फैकल्टी अपनी सेवाएं दे चुके थे। श्री पंत का अंत तक उत्तराखंड की संस्कृति से अगाध जुड़ाव रहा। वह बाबा नीम करौली महाराज के अनन्य भक्त थे। मृदुभाषी, प्रतिभाशाली, प्रखर वक्ता, हंसमुख और जिंदादिल इंसान प्रो. पंत को उनके अजीज अज्जू कहकर बुलाते थे।
इनकी रही उल्लेखनीय मौजूदगी….
कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन, वीसी प्रो. रघुवीर सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एनके सिंह के अलावा प्रो. अजय पंत के स्मृति सुमरिन कार्यक्रम में डॉ. ज्योत्सना पंत (धर्मपत्नी), सुश्री स्वाति पंत (सुपुत्री), प्रो. पंत की बहनों- श्रीमती अर्चना पांडे, श्रीमती वंदना पंत और श्रीमती कल्पना पंत के संग-संग उनके दोस्तों और निकट के सर्किल में श्री नवनीत अग्रवाल, समाजसेवी सरदार गुरविन्दर सिंह, डॉ. नजमुल हुदा, श्री अशोक सिंघल, श्री विकास ममगई, श्री विरेन्द्र अरोड़ा, डॉ. वाईके गुप्ता आदि उपस्थित रहे। इनके अलावा प्रो. एमपी सिंह, प्रो. आरके द्विवेदी, श्री मनोज जैन, प्रो. हरबंश दीक्षित, प्रो. मनीष गोयल, प्रो. नवनीत कुमार, प्रो. रश्मि मेहरोत्रा, प्रो. सुशील सिंह, श्री रविन्द्र देव के अलावा श्री विनीत नेहरा, प्रो. निखिल रस्तोगी, डॉ. अनुराग वर्मा, प्रो. ज्योति पुरी, डॉ. अलका अग्रवाल, डॉ. पंकज गोस्वामी आदि मौजूद रहे, जबकि मेडिकल कॉलेज से प्रो. एसके जैन, प्रो. वीके सिंह, प्रो. प्रीथपाल सिंह मटरेजा, प्रो. सीमा अवस्थी, प्रो. सतीश पाठक, श्री गौरव अग्रवाल, डॉ. हर्षित जैन, डॉ. उमर फारूख, डॉ. जयबल्लभ सिंह, डॉ. मजहर मकसूद, डॉ. प्रोबल चटर्जी, डॉ. संगीता कपूर, डॉ. आशुतोष के अलावा एमबीबीएस, एमडी, एमएससी आदि के सैकड़ों छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।