प्रमुख तुअर उत्पादक राज्यों में तुअर की खरीद जारी
In order to incentivize the farmers contributing for the enhancement of domestic production of pulses and to reduce the dependence on imports, the Government has approved the procurement of Tur, Urad and Masur under Price Support Scheme (PSS) equivalent to 100% of the production of the state for the procurement year 2024-25. The Government has also made an announcement in Budget 2025 that the procurement of Tur (Arhar), Urad and Masur would be undertaken 100% of the production of the State for another four years up to 2028-29 through Central Nodal Agencies namely NAFED and NCCF to achieve self- sufficiency in pulses in the country.
नयी दिल्ली, 23 अप्रैल। दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने में योगदान देने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए, सरकार ने खरीद वर्ष 2024-25 के लिए राज्य के उत्पादन के 100% के बराबर मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत तुअर, उड़द और मसूर की खरीद को मंजूरी दी है।
सरकार ने बजट 2025 में यह भी घोषणा की है कि देश में दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों अर्थात् NAFED और NCCF के माध्यम से 2028-29 तक अगले चार वर्षों के लिए राज्य के उत्पादन का 100% तुअर (अरहर), उड़द और मसूर की खरीद की जाएगी।
तदानुसार, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने खरीफ 2024-25 सीजन के दौरान मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश राज्यों में कुल 13.22 लाख मीट्रिक टन तुअर (अरहर) की खरीद को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री ने किसानों के हित में आंध्र प्रदेश में खरीद अवधि को 90 दिनों से आगे 30 दिन बढ़ाकर 22 मई 2025 तक करने को भी मंजूरी दी है।
आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में नैफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से एमएसपी पर खरीद जारी है और 22 अप्रैल 2025 तक इन राज्यों में कुल 3.92 लाख मीट्रिक टन तुअर (अरहर) की खरीद की गई है, जिससे इन राज्यों के 2,56,517 किसान लाभान्वित हुए हैं। तुअर की खरीद नैफेड के ई-समृद्धि पोर्टल और एनसीसीएफ के ई-संयुक्ति पोर्टल पर पूर्व पंजीकृत किसानों से भी की जाती है। सरकार केंद्रीय नोडल एजेंसियों अर्थात् नैफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से किसानों द्वारा दी जाने वाली एमएसपी दर पर तुअर की 100% खरीद करने के लिए प्रतिबद्ध है।