क्षेत्रीय समाचार

अघोषित बिजली कटौती से पेयजल, सिंचाई व्यवस्था के साथ ही व्यवसाय भी लड़खड़ाया

गौचर, 27 मई (गुसाईं) ।क्षेत्र में लंबे समय से हो रही अघोषित विद्युत कटौती से जहां पेयजल, सिंचाई व्यवस्था भी लड़खड़ा गई है वहीं व्यापारियों के कारोबार पर भी बुरा असर पड़ रहा है।

कारण जो भी हो पिछले लंबे समय से क्षेत्रवासी अघोषित विद्युत कटौती का सामना करने को मजबूर हो गए हैं। तपती गर्मी में लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। विद्युत कटौती का असर क्षेत्र की पेयजल व सिंचाई व्यवस्था पर भी पड़ रहा है। यह समस्या पिछले लंबे समय से चलती आ रही है। उपभोक्ताओं से भारी भरकम विद्युत बिलों की वसूली करने के बाद भी ऊर्जा निगम समस्या का समाधान क्यों नहीं कर पा रहा है ‌यह बात किसी के समझ में नहीं आ रही है।

क्षेत्र की पेयजल व सिंचाई व्यवस्था भी विद्युत व्यवस्था पर निर्भर है। इन दिनों क्षेत्र के कास्तकार धान की बुवाई के लिए खेतों को सींचने में जुटे हुए हैं। लेकिन घड़ी घड़ी हो रही विद्युत कटौती से उनके सामने समस्या खड़ी हो गई है। यही हाल पेयजल व्यवस्था का भी है। प्राकृतिक जल श्रोतों पर पानी की मात्रा कम होने की वजह से क्षेत्र की पेयजल व्यवस्था भी लिफ्ट पंपों के भरोसे संचालित हो रही है।

लेकिन विद्युत कटौती इस व्यवस्था में अवरोधक बन गई है। व्यापार संघ अध्यक्ष राकेश लिंगवाल का कहना है कि इस संबंध में कई बार ऊर्जा निगम के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है उनका कहना है कि यह हाल तो ऊर्जा प्रदेश का है जहां जगह जगह बांध बनाकर विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है। उनका कहना है कि यह समस्या सरकार की नाकामी को दर्शाती है।

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