उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष महारा ने केदारनाथ के यात्रियों, पुरोहितों, मजदूरों और व्यवसयियों के मुद्दे उठाये
देहरादून, 15 सितम्बर। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि पार्टी की केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा का विधिवत समापन केदारनाथ मे जलाभिषेक और भैरव बाबा के मन्दिर में सनातन प्रेमियोें की ओर से अर्जी लगाकर केदारनाथ धाम के साथ हो रहे सरकारी षडयंत्रोें से रक्षा और न्याय की गुहार की।
कांग्रेस भवन में रविवार को आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए महारा ने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर स्थानीय व्यवसायों, तीर्थ पुरोहितों और मजदूर वर्ग के साथ भी लगातार सरकारी मनमानी की शिकायत सभी वर्गो ने की है। केदारनाथ यात्रा को लेकर सरकार बड़े -बड़े दावे कर रही थी लेकिन दुर्गम यात्रा होने के बावजूद रास्ते में कहीं भी स्वास्थ्य सेवायें नजर नही आई। उन्होंने कहा कहीं भी ऑक्सिजन पार्लर नजर नही आये। जबकि वहां सबसे अधिक परेशानी ऑक्सिजन की कमी के कारण ही होती है। रजिट्रेशन के नाम पर ना केवल कांग्रेस प्रतिष्ठा यात्रा प्रभावित हुई बल्कि स्थानीय व्यापारी भी पूरी तरह प्रभावित हुए। व्यापारियों ने जो बैंक कर्ज लिया है उसकी किश्त भी देनी मुश्किल है जिससे व्यापारियों में भारी आक्रोश देखने को मिला।
माहरा ने कहा कि स्थानीय हक हकूक धारियों से भी टेन्ट कॉलौनी के नाम पर 80 हजार रूपये प्रति टेन्ट वसूला गया है यात्रा ना चलने के कारण स्थानीय युवाओं को भारी नुकसान हुआ है यही नही 5,900 रूपये प्रति कच्ची दुकान का भी प्रशासन द्वारा पर्ची काटी गई उसके बाद उन्हीं दुकानदारों का वन विभाग द्वारा 10 हजार का चालान भी काटा गया जिससे स्पष्ट है कि सरकारी विभागों में कोई संवाद नही है आपसी संवाद ना होने क कारण स्थानीय बेरोजगार नौजवानों का सरकारी तौर पर आर्थिक शोषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि घोड़ा खच्चर संचालकों से प्रति घोड़ा एक चक्कर आने-जाने के 300 रूपये वसूले जाते हैं और उसके बावजूद जगह-जगह पर अवैध रूप से अगल से 1000-2000 के चालान भी काटे जा रहे हैैं जो सरासर अन्याय है।
उन्होंने कहा कि अतिक्रम के नाम पर लगातार बुलडोजर चलाकर लोगों के प्रतिष्ठानों को तोड़ा जा रहा है जिससे उनकी रोजी रोटी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। लेकिन सरकार अपनी मनमानी पर अड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि निर्माण के नाम पर एनजीटी के आदेशों की धज्जियां खुलेआम उडाई जा रही हैं। केदारनाथ धाम में एक मंजिल से अधिक का निर्माण प्रतिबंधित है परन्तु आज खुलेआम बहुमंजिला भवन धडल्ले से बनाये जा रहे है। जो कि बडी आपदा को खुला निमंत्रण है। केदारनाथ आपदा के समय जिस भीम शिला ने मंदिर की रक्षा की उसके पीछे भी बडी-बडी मशीनों से खुदाई की जा रही है वहां बडे निर्मााण की तैयारी की जा रही है जिससे निश्चित ही भविष्य बहुत बड़ा खतरा हो सकता है।
माहरा ने कहा कि 31 जुलाई को घटित आपदा में लापता और मृत व्याक्तियों का अभीतक सही -सही आंकड़ा प्रशासन के पास नही है और ना ही आपदा में हुए नुकसान का सही मूल्यांकन किया गया है। जिससे स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि ऑल वेदर रोड़ भी जगह-जगह आपदा ग्रस्त है लेकिन प्रशासनिक व्यवस्थायें नदारद हैं। जिससे श्रद्वालुओं और आम जनमानस को भारी परेेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पत्रकार वार्ता में महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. जसविन्दर सिंह गोगी, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट, वरिष्ठ नेता जयेन्द्र रमोला, नगर पालिका पिथौरागढ़ के पूर्व अध्यक्ष जगत सिंह खाती आदि उपस्थित रहे।