सुरक्षा

उत्तराखंड में हैं 50 हजार से अधिक पूर्व सैनिकों की विधवायें

पूर्व सैनिकों की विधवाओं के लिए विभिन्न योजनाएं

नयी दिल्ली, 11 मार्च।  भारत में  31 दिसंबर, 2024 तक  पूर्व सैनिकों की विधवाओं की कुल संख्या 7,40,766 है। उत्तराखंड में सैनिक विधवाओं  की संख्या 50,285 है, जिन्हे सरकार की ओर से विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध की जाती  हैं। यही नहीं सैन्य विधवाओं  को अधिकारी पड़ पर आरक्षण की व्यवस्था भी है।

यह जानकारी रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने सोमवार को राज्य सभा में श्री निरंजन बिशी और श्रीमती सुलता देव को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। रक्षा राज्य मंत्री के अनुसार पूर्व  सैनिकों की विधवाओं का राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार आंकड़ा नीचे दिया गया है:

क्रम सं. राज्य/संघ राज्य क्षेत्र पंजीकृत विधवाओं की संख्या

 

1 आंध्र प्रदेश 26,879
2 अरुणाचल प्रदेश 211
3 असम 10,700
4 बिहार 12,558
5 छत्तीसगढ़ 1,525
6 दिल्ली 14,273
7 गोवा 510
8 गुजरात 5,392
9 हरियाणा 58,083
10 हिमाचल प्रदेश 40,232
11 जम्मू एवं कश्मीर 22,761
12 झारखंड 5,105
13 कर्नाटक 30,552
14 केरल 71,570
15 मध्य प्रदेश 12,506
16 महाराष्ट्र 67,757
17 मणिपुर 2,113
18 मेघालय 1,517
19 मिजोरम 2,495
20 नगालैंड 993
21 ओडिसा 5,988
22 पंजाब 75,821
23 राजस्थान 61,080
24 सिक्किम 416
25 तमिलनाडु 58,283
26 त्रिपुरा 727
27 तेलंगाना 8,109
28 उत्तराखंड 50,285
29 उत्तर प्रदेश 72,071
30 पश्चिम बंगाल 15,808
31 अंडमान एवं निकोबार (यूटी) 203
32 चंडीगढ़ (यूटी) 2,490
33 पुदुचेरी (यूटी) 886
34 लद्दाख (यूटी) 867
कुल 7,40,766

 

विधवाओं को मासिक सहायता पारिवारिक पेंशन के रूप में प्रदान की जा रही है। वेतन आयोग की सिफारिशों और सरकार की स्वीकृति के आधार पर पारिवारिक पेंशन की समीक्षा की जाती है। महंगाई राहत, जिसका समय-समय पर मूल्यांकन किया जाता है, के परिणामस्वरूप पेंशन राशि में वृद्धि हो सकती है।

सरकार समय-समय पर युद्ध विधवाओं और सशस्त्र सेना कर्मियों के परिवारों के लिए कल्याणकारी उपायों की समीक्षा करती है। योजनाओं में किए गए संशोधन/वृद्धि का विवरण नीचे दिया गया है:

क्र. सं. योजना/अनुदान प्रभावी होने की तारीख के साथ पेंशन राशि (रुपये में)
1. बेटी की शादी के लिए अनुदान

(02 बेटियों तक)

(हवलदार रैंक तक पेंशनभोगी/गैर-पेंशनभोगी)

16,000/- से 50,000/- रु.

अप्रैल 2016 से प्रभावी

विधवा पुनर्विवाह अनुदान

(हवलदार रैंक तक पेंशनभोगी/गैर-पेंशनभोगी)

* यदि 21 अप्रैल, 2016 को या उसके बाद विधिवत विवाह हुआ हो।

2. दरिद्रता अनुदान – 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के ईएसएम और विधवाओं के लिए

(गैर-पेंशनभोगी हवलदार या समकक्ष रैंक तक)

1,000/- रुपये प्रति माह से 4,000/- रुपये प्रति माह

(जीवनभर)

अप्रैल 2017 से प्रभावी

3. 100 प्रतिशत विकलांग बच्चा

01 अप्रैल 2022 से जेसीओ तक बढ़ाया गया

1,000/- रुपये प्रति माह से 3,000/- रुपये प्रति माह

01 अप्रैल 2021 से प्रभावी

4. अनाथ अनुदान

(सभी रैंकों के लिए पेंशनभोगी/गैर-पेंशनभोगी)

पूर्व सैनिकों की बेटियां विवाह होने तक।

भूतपूर्व सैनिकों का एक पुत्र, 21 वर्ष की आयु तक।

 

1,000/- रुपये प्रति माह से 3,000/- रुपये प्रति माह

अप्रैल 2022 से प्रभावी

5. विधवाओं के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण अनुदान

(हवलदार रैंक तक पेंशनभोगी/गैर-पेंशनभोगी)

 

20,000/- से 50,000/- रुपये

(वन टाइम)

11 अगस्त 2023 से प्रभावी

6. चिकित्सा उपचार अनुदान

(गैर-पेंशनभोगी हवलदार रैंक तक)

30,000/- रुपये से 50,000/- रुपये (अधिकतम)

11 अगस्त 2023 से प्रभावी

7. गंभीर रोग अनुदान (स्वयं और पत्नी/विधवा के लिए गैर-पेंशनभोगी ईएसएम के सभी रैंकों पर लागू) 1.25 लाख रुपये से 1.50 लाख रुपये

11 अगस्त 2023 से प्रभावी

8. गृह ऋण पर सब्सिडी। केएसबी युद्ध में मारे गए लोगों, युद्ध में विकलांग हुए लोगों और शांति काल में हताहत हुए लोगों को घर बनाने के लिए बैंक/सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं से गृह ऋण पर सब्सिडी के माध्यम से ब्याज का 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति करता है। 1,00,000/- रुपये (अधिकतम) 1 लाख रुपये

 

 

9. प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना: पाठ्यक्रम की पूरी अवधि के लिए योग्यता के आधार पर पात्र बच्चों को कुल 5,500 छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। वित्तीय वर्ष 2019-20 से छात्रवृत्ति की दरें इस प्रकार हैं:

(क) लड़कों के लिए 2,500/- रुपये प्रति माह।

(ख) लड़कियों के लिए 3,000/- रुपये प्रति माह।

युद्ध विधवाओं को उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुसार अनुकंपा के आधार पर उपलब्ध कराए जा रहे रोजगार का विवरण इस प्रकार है:

  • अधिकारी : भारतीय सेना के अधिकारी चयन में भूतपूर्व सैनिकों की विधवाओं और युद्ध में हताहत हुए जवानों के बच्चों के लिए रिक्तियां आरक्षित हैं। उन्हें शॉर्ट सर्विस कमीशन (तकनीकी) और शॉर्ट सर्विस कमीशन (गैर-तकनीकी) महिला प्रवेश में वरीयता दी जाती है। रक्षा कर्मियों की विधवाओं को 35 वर्ष की आयु तक की छूट भी प्रदान की जाती है। भारतीय सेना में विभिन्न अधिकारी प्रविष्टियों के लिए निर्धारित रिक्तियां निम्नानुसार हैं:

 

क्र. सं. श्रेणी प्रवेश रिक्तियां
(1) रक्षा कार्मिक की विधवा लघु सेवा कमीशन (गैर-तकनीकी) 01
(ii) भारतीय सेना कार्मिकों के युद्ध हताहत वार्ड एसएससी राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) पुरुष 07
एसएससी राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) महिला 01

 

  • जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ)/अन्य रैंक (ओआर): सेवा के दौरान शहीद हुए रक्षा कर्मियों की विधवाएं महिला सैन्य पुलिस में नामांकन के लिए आवेदन करने के लिए पात्र हैं।
  • नागरिक सुरक्षा रोजगार : इस विषय पर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से दिनांक 02 अगस्त, 2022 के कार्यालय ज्ञापन (ओएम) संख्या 14014/1/2022-स्था.(डी) के तहत जारी निर्देशों के अनुसार, रक्षा नागरिक कर्मचारी के साथ-साथ सशस्त्र बल कार्मिकों के आश्रित परिवार के सदस्य को केवल ग्रुप ‘सी’ सीधी भर्ती के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकती है।

आवास योजना के अंतर्गत, सेना कल्याण आवास संगठन ने प्रत्येक परियोजना में विधवाओं के लिए 3 प्रतिशत कोटा आरक्षित किया है।

यह जानकारी रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने आज राज्य सभा में श्री निरंजन बिशी और श्रीमती सुलता देव को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

 

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