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उत्तराखंड इंसानियत मंच की मांग ; पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा बिना शर्त वापस हो !

 

देहरादून, 19 मई। उत्तराखंड इंसानियत मंच ने चारधाम यात्रा में अव्यवस्था की खबर छापने वाले पत्रकार मनमीत और गजेंद्र रावत  के खिलाफ मुकदमें दर्ज करने की कड़ी निन्दा की है और यह मुकदमा बिना शर्त वापस लेने की मांग की है। मंच ने कहा है कि सरकार और प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद चारधाम यात्रा पूरी तरह अव्यवस्थित हालत में है, जिससे तीर्थयात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। मंच ने इस तरह की अव्यवस्थाएं जल्द से जल्द दूर करने की मांग की है।

मंच की एक बैठक में चारधाम यात्रा व्यवस्था में सामने आ रही कमियों के साथ ही राज्य के कई अन्य मुद्दों पर भी बातचीत हुई। मंच का कहना था कि उत्तराखंड सरकार चारधामों के कपाट खुलने से पहले तैयारियों को लेकर कई तरह के दावे करती रही। लगातार बैठकें भी हुई, लेकिन यात्रा शुरू होते ही सारे दावे हवा हो गये हैं। मंच का कहना था कि तीर्थयात्रियों के सामने सरकार ने अपनी लापरवाही और कुप्रबंधन के कारण कई तरह की चुनौतियां पैदा कर दी हैं।

बैठक में कहा गया कि चारों धामों में क्षमता से ज्यादा तीर्थयात्रियों को जाने की अनुमति देना खतरनाक है। यदि सरकार ने पंजीकरण अनिवार्य किया हुआ है तो फिर एक साथ इतनी संख्या में यात्री कैसे इन धामों में पहुुंच रहे हैं। इसके अलावा सरकार ने हर धामों के प्रतिदिन तीर्थयात्रियों की जो संख्या तय की है, उसका पालन क्यों नहीं किया जा रहा है।

बैठक में इस अव्यवस्था को उजागार करने वाले पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किये जाने पर भी नाराजगी जताई गई और पत्रकार गजेन्द्र रावत और मनमीत के खिलाफ दर्ज किये गये मुकदमे बिना शर्त वापस लेने की मांग की गई। सदस्यों का कहना था कि यदि ये मुकदमें वापस नहीं लिये गये तो आने वाले दिनों में आंदोलन किया जाएगा।

मंच ने देहरादून के खलंगा में दो हजार पेड़ काटे जाने की योजना पर भी सवाल खड़े किये। सदस्यों का कहना था कि राज्य सरकार ने इन पेड़ों को न काटने का आदेश जारी किया है, लेकिन सरकार जो कार्यप्रणाली रही है, उसे देखते हुए इस तरह के आदेशों पर विश्वास नहीं किया जा सकता। मंच से खलंगा का जंगल बचाने के लिए आने वाले दिनों में होने वाले हर आंदोलन में भागीदारी करने का ऐलान किया है। इस बैठक में कमला पंत, बिज्जू नेगी, नन्दनन्दन पांडेय, विजय भट्ट, इंद्रेश नौटियाल, त्रिलोचन भट्ट आदि ने हिस्सा लिया।

उत्तराखंड महिला मंच ने भी एक बयान जारी कर पत्रकार मनमीत के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग की है। मंच की ओर से निर्मला बिष्ट ने एक बयान में कहा कि सरकार अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए इस तरह की कार्रवाई कर रही है। उन्होंने मनमीत और गजेन्द्र रावत के खिलाफ दर्ज मुकदमे बिना शर्त वापस लेने की मांग की है।

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