उत्तराखंड रोडवेज ने भारी घाटे को मात दे कर पहली बार 56 करोड़ का मुनाफा कमाया
UTC is a public sector passenger road transport corporation providing services in the state of Uttarakhand and other adjoining states in North India. With a fleet size of around 1247 buses and operates over 3.87 lakh kilometers catering to the travel needs of over 1.20 lakh people every day.
देहरादून, 23 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के गुड गवर्नेंस को उत्तराखंड रोडवेज (परिवहन निगम) ने धरातल पर उतारकर राज्य में नई नजीर पेश की हैं। निगम ने धामी सरकार के ढाई साल में न केवल 20 साल के घाटे को मात दी, बल्कि रिकॉर्ड 56 करोड़ का मुनाफा कमाकर रोडवेज की बसों को नई रफ्तार दी हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री ने आज सचिवालय में परिवहन निगम के सचिव श्री अरविंद सिंह ह्यांकी एवं प्रबंध निदेशक डॉ आनद श्रीवास्तव को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
राज्य बनने के करीब तीन साल बाद यानी 2003 में उत्तराखंड परिवहन निगम उत्तर प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आया। इस दौरान रोडवेज के हिस्से यूपी से नई, पुरानी करीब 957 बसें आईं। नए राज्य में नई व्यवस्था से रोडवेज का संचालन शुरू हुआ। लेकिन खटारा बसें, खराब सड़कें, कुप्रबंधन और यूपी की देनदारी से परिवहन निगम लगातार घाटे में चलता गया। इससे परिवहन निगम के सामने नई बसों की खरीद, संचालन और कर्मचारियों को वेतन देने तक के लाले पड़ गए। इस बीच मार्च 2020-21 में तो कोरोना संक्रमण काल ने निगम की कमर तोड़ कर रख दी। इस दौरान निगम का घाटा 2020 से पहले 250 करोड़ से 2022 तक सीधे 520 करोड़ तक पहुंच गया। इससे निगम की हालत खराब होती गई। इसी दौरान राज्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने कमान संभाली और सभी विभागों को गुड गवर्नेंस के साथ काम करने का फरमान दिया। चूंकि परिवहन निगम आमजनों से जुड़ी महत्वपूर्ण सेवा थी, मुख्यमंत्री धामी ने इसकी खुद समीक्षा की और सुधार की जिम्मेदारी दी गई। नतीजन 2022 में परिवहन निगम ने 520 करोड़ के घाटे और सभी खर्चों को पूरा कर रिकॉर्ड 29 करोड़ का मुनाफा कमाया। निगम की यह रफ्तार यहीं नहीं अटकी और धामी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी निगम ने करीब 27 करोड़ का मुनाफा कमाते हुए राज्य में गुड गवर्नेंस का बड़ा उदाहरण पेश कर दिखाया। अब धामी सरकार के ढाई साल में निगम ने सभी खर्चों की पूर्ति कर करीब 56 करोड़ की कमाई की है, जो उत्तराखंड के इतिहास में बड़ा रिकॉर्ड है। अब निगम की इस सफलता से राज्य के दूसरे विभाग को भी प्रेरणा मिलेंगी और वो भी नई नजीर पेश करेंगे।
जल्द निगम के बेड़े में जुड़ेंगी 330 नई बसें
उत्तराखंड परिवहन निगम के पास वर्तमान में 1350 बसें हैं। इनका संचालन राज्य के भीतर और दूसरे राज्यों में किया जा रहा है। खासकर 151 सीएनजी युक्त बसें दिल्ली रूट पर चल रही हैं। निकट भविष्य में 200 सीएनजी बसें पहाड़ और मैदानी रूट पर संचालन के लिए खरीदने की योजना हैं। जबकि पहाड़ी मार्गों के लिए 130 बसों को खरीदने की प्रक्रिया अंतिम चरणों में चल रही हैं। इससे काफी हद तक राज्य की परिवहन व्यवस्था पटरी पर आ जाएंगी।
राज्य में 8 स्टेशन तैयार, 13 पर चल रहा कार्य
उत्तराखंड में बेहतर परिवहन व्यवस्था के लिए निगम लगातार सुधार कर रहा है। खासकर घाटे से उभरने के बाद निगम ने 8 बस स्टेशन तैयार कर दिए हैं। जबकि 13 बस स्टेशन का काम प्रगति पर हैं। इसके अलावा हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी और काठगोदाम में 4 आईएसबीटी प्रस्तावित हैं। साथ ही श्रीनगर, कोटद्वार, रुड़की, रानीखेत, काशीपुर में पांच वर्कशॉप बनाने के प्रस्ताव हैं।
राज्य में पहली बार परिवहन निगम घाटे से उभरा है। लगातार दो साल से निगम मुनाफे में है। इससे कर्मचारियों के वेतन से लेकर सेवाओं में सुधार और व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने में मदद मिल रही है। अब जल्द नए रूट और नई बसों को भी धरातल पर उतारा जाएगा।
डॉ आनंद श्रीवास्तव, एमडी परिवहन निगम
सरकार पहले दिन से ही गुड गवर्नेंस पर काम कर रही हैं। 20 साल के इतिहास में परिवहन निगम घाटे से उभरा है। यह गुड गवर्नेंस का बड़ा उदाहरण है। परिवहन निगम आमजनों से जुड़ा विभाग है। सरकार आमजनों की सुविधाओं को देखते हुए इसमें सुधार ला रही है।