गढ़भोज दिवस पर महाविद्यालय पोखरी क्वाली के NSS स्वयंसेवियों के साथ- साथ स्टाफ़ ने चखा गढ़वाली व्यंजनों का स्वाद
नरेन्द्रनगर, 8 अक्टूबर (डीपी उनियाल)।विकास खण्ड नरेन्द्रनगर के राजकीय महाविद्यालय पोखरी क्विली टिहरी गढ़वाल में कॉलेज प्राचार्य डॉ.शशी बाला वर्मा के निर्देशन में महाविद्यालय की एन.एस.एस. इकाई द्वारा गढ़ भोज का आयोजन कया गया ।
इस अयोजन के अंतर्गत उत्तराखंड में पाई जाने वाले भिन्न- भिन्न प्रकार के मोटे अनाज, दालों व गढ़वाल में बनने वाले व्यंजनों और औषधीय पौधों की प्रदर्शनी लगाई गई। प्रदर्शनी में पहाड़ों में पैदा होने वाले अनाजों झंगोरा, मंडुवा, कोदो, लाल चावल, भट्ट, गहत, नौरंगी दाल, सोयाबीन, राजमा, उड़द, गागली तुलसी, एलोवेरा ,गिलोय ,कड़ी पत्ता, टीमरू,पहाड़ी राजमा ,नौरंगी दाल , तोर दाल, माल्टा, नींबू,अरबी, हल्दी, मिर्च, सेब, अमरूद आदि को शामिल किया गया।
कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती सरिता देवी ने सभी खाद्य पदार्थों का परिचय दिया व उनके औषधि गुणों से अवगत कराया। प्रदर्शनी में प्रमुख आकर्षण का विषय अंकित सैनी द्वारा निर्मित चौलायी के लड्डू थे।श्रीमती अमिता ने चूड़कानी/भट्टवाणि बनाने का तरीका समझाया।
इस मौके पर नरेंद्र बिजल्वाण द्वारा बनाई गई गढ़वाली थाली जिसमें कोदे की रोटी के साथ मक्खन और यह सब मालू के पत्तों से निर्मित पत्तल की थाली और पुडखीं शामिल थी। इन्हीं के द्वारा बनाए गए व्यंजनों की विस्तृत जानकारी स्वयंसेवियों को दी। मालू की पत्तल मे कोदे की रोटी, पुडखीं में मक्खन लगा के गढभोज थाली ने सबका ध्यान किया अपनी ओर आकर्षित किया। स्वयंसेवियों ने भी उत्तराखंड के परंपरागत अनाजों और दालों को प्रदर्शनी में शामिल किया।
अंत में कॉलेज प्राचार्य डॉक्टर शशी बाला वर्मा ने स्वयंसेवियों व समस्त स्टाफ़ को स्थानीय व्यंजनों जिसमें उत्तराखण्ड पहाड़ी क्षेत्र गढ़वाल में बनने वाले व्यंजनों के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि पौष्टिकता और शुद्धता से भरपूर ये व्यंजन स्वास्थ्य, परंपराओं और संस्कृति के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यही कारण है कि आज लोग फिर से पारंपरिक व्यंजनों की और लौटने लगे हैं।
अंकित, श्रीमती अमित व नरेंद्र बिजल्वाण को उनके द्वारा बनाए गए व्यंजनों के लिए पुरुषकृत किया गया वह भविष्य में भी गढ़वाली संस्कृति वह भोज का प्रतिनिधित्व करने वाले कार्यक्रम आयोजित किए जाने की घोषणा की, अवसर पर डॉ. गणेश भागवत ,मुकेश सेमवाल , श्रीमती रचना, श्रीमती रेखा ,श्रीमती अमिता,मुकेश, नरेंद्र बिजल्वाण,नरेश ,श्रीमती सुनीता , दीवान सिंह, मूर्ति, अंकिता , प्रीति ,अंजलि,अंजना, निकिता,मानसी , पूजा ,प्रिया आदि उपस्थित रहे।