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स्मार्ट सिटी में गन्दगी के ढेर ; कूड़ेदान उठा लिए मगर कूड़े के ढेर छोड़ दिये जहां तहां

 

-प्रभुपाल रावत –

देहरादून, 28 जनवरी। नगर इगम के वार्ड संख्या 73 विद्या विहार  के वसुन्धरा एन्कलेव, अवंतिका विहार, बहुगुणा कॉलोनी आदि निकटवर्ती कॉलोनियों की शिकायत है कि नगर निगम देहरादून द्वारा अनुबंधित कूड़ा उठान की गाड़ी चौथे पांचवें दिन आ रही है,तब तक घरों में ढ़ेर सारा कूड़ा जमा हो रहा है।यह सिलसिला काफी दिनों से चल रहा है।

स्मरण रहे कि मुख्य सचिव, उत्तराखंड का एक आदेश कुछ दिन पूर्व आया था कि” कूड़ा फेंकने वालों की फोटो खीचो और इनाम पाओ” । इनाम पाने की बात तो दूर रही। घरों में कूड़ा चार पांच दिन जमा रहने से कीचन में बदबू फैल रही है तथा बीमारी होने का अंदेशा है।  सडकों के किनारे से डस्टबीन भी हटा दिए गए हैं। अब सवाल उठता है कि कूड़ा फेंके तो कहाँ फेंके? ऐसे कागजी फरमानों का क्या महत्व रह जाता है?फिर कहते हैं नगर निगम पुरस्कार पाने में फिसड्डी रह गया।

आज जब कूड़ा उठान के वाहन संख्या UK07 CB 5751 चालक अनवर से पूछा कि आप चार दिन बाद क्यों आ रहे हो? उसका जवाब था कि मैं आज ही आया हूँ। वाहन चालक दूसरा कोई है। फिर कूड़ा उठान हेल्पलाइन नंबर 8938888973 पर तैनात महिला कर्मचारी से पूछा कि आपकी कूड़ा उठान की गाड़ी चार पांच दिन बाद आती है तो वह भी सकारात्मक व सन्तुष्ट जवाब नहीं दे पायी।

महिला कर्मचारी को भी बार-बार फोन से अवगत कराया जाता रहा है।अब ऐसे में सुन्दर दून साक्षर दून,अमृतकाल महोत्सव, देश का नम्बर वन राज्य, उत्तराखंड का दशक है,आदि स्लोगन कैसे सफल होगें। ये सिलसिला कब तक चलेगा।

ये भी बता दें इसी लापरवाही के कारण अधिकांश लोगों ने कूड़ा कचरा कूड़ा वाहन में डालने से छोड़ दिया है।तथा कूड़ा कचडा सडको के किनारे,खाली प्लाटों आदि में चोरी छिपे फेंकने को मजबूर हो रहे हैं। लगभग 50% घरों से वाहन में कूड़ा डालना बन्द हो चुका है।क्या इस व्यवस्था को सुचारु करने में सुधार होगा या कागजों में चलता रहेगा।लोग अब उस समय का इन्तजार कर रहे हैं कि देहरादून कब कूड़ा मुक्त हो।

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