55,000% रिटर्न देने वाली RRP Semiconductor का सच क्या है?

BY- MILIND KHANDEKAR
RRP Semiconductors के शेयरों में आपने पिछले साल की शुरुआत में ₹500-600 लगाएं होते तो आज उसकी क़ीमत एक लाख रुपये होती. इस कंपनी ने 20 महीने में 55,000% का रिटर्न दिया है. अब इस कहानी में ट्विस्ट आ गया है. Bloomberg के मुताबिक़ कंपनी का रेवेन्यू ज़ीरो भी नहीं निगेटिव है. इसमें सिर्फ़ दो कर्मचारी काम करते हैं. कंपनी सेमीकंडक्टर भी नहीं बनाती है. शेयर बाज़ार के Regulator SEBI ने अब इस शेयर में हफ़्ते में एक बार ट्रेडिंग की अनुमति दी है. शेयरों में उछाल की जाँच भी की जा रही है.
हिसाब किताब में हम पहले से AI Bubble को लेकर चेतावनी देते रहे हैं लेकिन यह तो बुलबुले से भी बड़ी चीज है. GD Trading & Agencies Limited बहुत पहले से BSE में लिस्ट है. काम था इलेक्ट्रॉनिक्स सामान की ख़रीद फरोख्त. महाराष्ट्र के राजेंद्र कमलाकांत चोडनकर ने इस साल मई में क़रीब 74% शेयर ख़रीदें. काम बताया इलेक्ट्रॉनिक और सेमीकंडक्टर की ख़रीद फरोख्त. कंपनी के शेयर पहले से चढ़ रहे थे लेकिन नाम बदलने के बाद भागने लगे. सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल AI यानी Artificial Intelligence में होता है. दुनिया भर में AI कंपनियों में तेज़ी है. यही सोचकर निवेशक इसके पीछे भागने लगे. रोज अपर सर्किट लगने लगा. इसका एक कारण यह भी था कि बाज़ार में बहुत कम शेयरों में ही कारोबार हो रहा था. शेयरों की संख्या कम होने से भी माँग बढ़ती रही.
इस तेज़ी को हवा देने का काम किया राजेंद्र की एक और कंपनी RRP इलेक्ट्रॉनिक्स. पिछले साल इसके कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ सचिन तेंदुलकर भी शामिल थे. कार्यक्रम को यह कहकर किया था कि महाराष्ट्र का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट खुलेगा, लेकिन इस कंपनी का काम Outsourced Semiconductor Assembly and Testing. OSAT का है मतलब सेमीकंडक्टर कोई और बनाता है. ये कंपनी पैकेजिंग और टेस्टिंग करती है. इस काम में भी उसे अभी तक सिर्फ साढ़े छह करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है. और ऑर्डर मिले हैं तो इसकी जानकारी सार्वजनिक रुप से उपलब्ध नहीं है.
SSP Electronics के OSAT प्लांट के उद्घाटन में पिछले साल राजेंद्र के साथ एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और सचिन तेंदुलकर
RRP Semiconductor और RRP electronics के कंफ्यूजन को खुद कंपनी ने दूर किया. पिछले महीने कंपनी ने शेयर बाज़ार को बताया कि ना तो वो सेमीकंडक्टर बनाती है ना ही उसे सरकार से कोई मदद मिली है. किसी Celebrity ने उसे सपोर्ट नहीं किया है. सचिन तेंदुलकर को लेकर इन्वेस्टमेंट की खबरें आ रही थीं. तब से शेयरों के दाम गिरे हैं. अब SEBI सक्रिय है . कंपनी का रेवेन्यू साल 31 करोड़ रुपये थी वो अब इस साल दूसरे क्वार्टर में निगेटिव हो गया. निगेटिव होने का मतलब यह है कि पिछले साल जो बिक्री बताई गई होगी वो नहीं हुई इसलिए इस साल अकाउंट ठीक किया गया होगा. ऐसी कंपनी का शेयर दस हज़ार रुपये में बिक रहा है तो इसे क्या कहेंगे?
अमेरिका में AI bubble की बात हो रही है लेकिन वहाँ कंपनियाँ कुछ बना रही है . सवाल यह उठ रहा है कि जितना पैसा लगाया है वो रिकवर कैसे होगा लेकिन हमारे यहाँ तो बिना सेमीकंडक्टर बनाए कंपनी का वेल्युशन एक बिलियन डॉलर पार गया है और राजेंद्र कमलाकांत चोडनकर अरबपति बन गए हैं.
