माणा एवलांच के बाद जागा प्रशासन ; खतरे की आशंका के बाद औली के होटल – रेस्तरां भी कराये गये खाली
– प्रकाश कपरुवाण-
ज्योतिर्मठ, 2 मार्च। माणा एवलांच घटना के बाद ऊंचाई वाले इलाकों मे एवलांच के खतरे को देखते हुए प्रशासन एलर्ट मोड पर है।और करीब साढ़े दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थिति हिमक्रीड़ा केन्द्र औली मे भी एवलांच के खतरे को देखते हुए वहाँ न केवल होटल -रेस्टोरेंट को खाली करा दिया गया बल्कि पर्यटक वाहनों को भी औली जाने से फिलहाल रोका गया है।
भू धसाव के खतरों से अभी जोशीमठ उभरा भी नहीं था कि क्या जोशीमठ के शीर्ष पर बसे औली पर भी एवलांच का खतरा मंडराने लगा है। मौसम विभाग की आगामी दिनों मे ऊंचाई वाले क्षेत्रों मे एवलांच की चेतावनी को देखते हुए जिला प्रशासन ने पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर ऐतिहातन यह कदम उठाया है।
औली मे होटल -रेस्टोरेंट सहित जीएमवीएन के सभी पर्यटक आवास गृहों को भी खाली करा दिया गया है।
जनवरी 2023 मे भू धसाव त्रासदी के दंश से जोशीमठ उभरा भी नहीं कि जोशीमठ के शीर्ष औली पर ही एक नई आफत आ खड़ी हुई है, हालांकि यह एवलांच को लेकर जारी चेतावनी के बाद सुरक्षा को लेकर उठाया गया कदम हो लेकिन औली जिसे बर्फ का ही इंतजार रहता है वहाँ बर्फबारी के बाद खाली कराने के कुछ तो मायने हैं।
औली बुग्याल जो अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हिमक्रीड़ा केन्द्र के रूप मे विकसित हुआ है, यहाँ आलिशान होटल व पर्यटक आवास ग्रहों का निर्माण भी हुआ है और बर्फबारी के बाद ही औली का पर्यटन व्यवसाय भी फल फूलता है, लेकिन बर्फबारी के बाद इस प्रकार एवलांच का खतरा मंडराता रहा तो आखिर औली की विश्व स्तरीय स्कीइंग रिसोर्ट की परिकल्पना कैसे पूरी हो सकेगी?।
बहरहाल एवलांच को खतरे को देखते हुए अग्रिम आदेशों तक औली को तो खाली करा दिया है, अब देखना होगा कि भविष्य मे औली को एवलांच के खतरों से बचाने के लिए किस प्रकार के उपाय होंगें ? इस पर विश्व विख्यात हिमक्रीड़ा केन्द्र औली एवं औली से जुड़े पर्यटन व्यवसायियों का भविष्य निर्भर करेगा।
जिला पर्यटन अधिकारी बृजेश पाण्डेय के अनुसार मौसम विभाग के एवलांच के पूर्वांनुमान एवं राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी निर्देश के क्रम मे पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा ऐतिहातन यह आदेश जारी किया है। यह आदेश न केवल औली बल्कि अन्य सीमावर्ती जनपदों के पर्यटक स्थलों के लिए भी जारी हुए हैं।