आपदा/दुर्घटना

बारिस न होने से मुरझाने लगी हैं गौचर क्षेत्र में फसलें

-गौचर से दिग्पाल गुसाईं –
पिछले कई दिनों से क्षेत्र में बारिश न होने से जहां उमस भरी गर्मी से लोगों का जीना मुहाल हो गया वहीं तमाम फसलें मुरझाने लगी हैं इससे कास्तकार चिंतित हो गए हैं।

पहाड़ी क्षेत्रों में मानसून का आगमन के लगभग दस दिन से अधिक का समय बीत चुका है। हालांकि 6 व 7 जुलाई को क्षेत्र में प्री मानसून की बारिश हुई तो कास्तकारी ने तेजी पकड़ ली थी। इससे अनुमान लगाया जा रहा था कि अब क्षेत्र में बारिश का सिलसिला शुरू हो जाएगा।

मौसम विभाग ने भी दो दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी थी लेकिन इसका क्षेत्र में कोई असर देखने को नहीं मिला है। हालांकि 15 जून के बाद मानसून का सीजन माना जाता है। लेकिन जुलाई माह का दूसरा पखवाड़ा बीतने को है लेकिन बारिश न होने से जहां एक बार पुनः तपती गर्मी को प्रकोप बढ़ने से लोगों की परेशानी बढ़ गई गई है वहीं फसलें भी मुरझाने लगी हैं।

पिछले एक दो दिन हुई बारिश के बाद काश्तकारों ने धान की रोपाई का शुरू कर दिया था लेकिन अब बारिश न होने से रोपाई की गई धान की पौधें भी मुरझाने लगी हैं। इससे कास्तकारों को इस बात की चिंता सताने लगी है कि समय रहते बारिश नहीं हुई तो उनको नुक़सान उठाना पड़ सकता है। अब कास्तकारों ने बारिश के लिए देबी देवताओं की शरण में जाना शुरू कर दिया है। उनकी मनौती क्या रंग लाती है यह देखने वाली बात होगी।

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