टीएमयू फार्मेसी कॉलेज में माइक्रोमेडेक्स पर हुई वर्कशॉप

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–प्रो. श्याम सुंदर भाटिया

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ फार्मेसी में डाइनो प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली की ओर से माइक्रोमेडेक्स- सॉफ्टवेयर के उपयोग के तौर-तरीकों को विस्तार से समझाया गया। वर्कशॉप में स्नातक, परास्नातक छात्रों, शोधार्थियों के साथ-साथ फार्मेसी फैकल्टी ने भी शिरकत की। वर्कशॉप में माइक्रोमेडेक्स के प्रतिनिधि श्री दिगंबर सिंह ने बतौर मुख्य वक्ता कहा, माइक्रोमेडेक्स एक ऑनलाइन उपकरण है। यह दवाइयों, बीमारियों, बाल चिकित्सा दवाइयों के उपयोग और टॉक्सिकॉलोजी के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सॉफ्टवेयर ड्रग इंटरैक्शन, टॉक्सिसिटी और प्रबंधन पर फार्मास्युटिकल विशेषज्ञता भी प्रदान करता है। इसका रोगी परामर्श में सुधार के लिए भी अहम रोल है। इस सॉफ्टवेयर में एंटीडोट प्रयोगशाला मूल्य गणना के साथ-साथ चिकित्सीय सूचकांक दवा गणना भी शामिल है।

इस वर्कशॉप में सूचना डेटाबेस के बारे में बहुत उपयोगी बातें हुईं। मुख्य वक्ता श्री सिंह ने विस्तार से भारतीय संदर्भ में बताया, रोगियों में फास्ट रिकवरी के रिजल्ट ओरियंटेशन पर भी प्रकाश डाला। दो घंटे चली इस वर्कशॉप में कॉलेज ऑफ फार्मेसी के प्राचार्य प्रो. अनुराग वर्मा ने बहुमूल्य सुझाव दिया कि इस इन्फॉर्मेशन सॉफ्टवेयर के डेटाबेस का विस्तार किया जाए ताकि इसमें फार्मास्युटिकल फॉर्मूलेशन भी शामिल हो सकें। प्रो. वर्मा ने उम्मीद जताई, यह प्रशिक्षण भविष्य में फार्मेसी के छात्रों के लिए मूल्यवान होगा। सेमिनार हॉल में आयोजित इस वर्कशॉप में कॉलेज ऑफ फार्मेसी के 100 से अधिक छात्र-छात्राओं और संकाय सदस्यों ने भाग लिया। वर्कशॉप में डॉ. पीयूष मित्तल डॉ. एई एल्फाइन प्रभाकर, डॉ. एससी डिंडा, डॉ. मिलिंद पांडे, डॉ. मयूर पोरवाल, डॉ. वैभव रस्तोगी, डॉ. केके शर्मा, श्री अरिन्जय जैन, श्री गौरव राजौरिया आदि फैकल्टी की गरिमामयी मौजूदगी रही।

 

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