जोशीमठ में इंद्रमणि बडोनी की जन्म शताब्दी पर विचार गोष्ठी आयोजित
जोशीमठ, 25 दिसंबर (शास्त्री)। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जोशीमठ के एडुसैट सभागार में उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के महत्वपूर्ण स्तंभ, गांधीवादी राजनीति और विचारधारा के प्रखर प्रवक्ता स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी की जन्म शताब्दी वर्ष पर एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई। ‘उत्तराखंड के गांधी’ के नाम से विख्यात बडोनी जी की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर पुष्प अर्पित किए गए।
महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर प्रीति कुमारी ने कहा कि इंद्रमणि बडोनी न केवल पृथक उत्तराखंड राज्य आंदोलन के एक सशक्त योद्धा थे, बल्कि मूल्य-आधारित एवं संतुलित विकास की जिस अवधारणा की आज आवश्यकता महसूस की जा रही है, उसकी भी वे महत्वपूर्ण प्रेरणा हैं।
गढ़वाली भाषा में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल के संस्थापक सदस्य रहे बडोनी जी के पास हिमालयी राज्य की संस्कृति और प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर एक अनूठी दृष्टि थी, जिस पर गांधीवाद की स्पष्ट छाप दिखाई देती है।
राजनीति विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजेंद्र सिंह ने गढ़वाली भाषा में कुशल मंच संचालन करते हुए विषय की विस्तृत भूमिका प्रस्तुत की। पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष एवं इतिहास विषय में परास्नातक के छात्र सौरभ सती ने ‘उत्तराखंड के गांधी’ का विस्तार से जीवन परिचय देते हुए उन्हें समकालीन उत्तराखंडी राजनीति के लिए एक बड़ी प्रेरणा बताया।
बीए प्रथम सेमेस्टर की छात्रा प्रभा ने कहा कि अपने पारदर्शी और सादगीपूर्ण चरित्र के दम पर बडोनी जी ने उत्तराखंड—तत्कालीन उत्तर प्रदेश—की राजनीति में विशिष्ट स्थान बनाया और देश की राजनीति के सामने एक आदर्श प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर सत्यनारायण राव सहित सभी शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
