धर्म/संस्कृति/ चारधाम यात्रा

टीएमयू में भगवान वासुपूज्य मोक्षकल्याणक महोत्सव पर विश्व शांति यज्ञ

मुरादाबाद, 6 सितम्बर। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद में उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म दिवस और भगवान वासुपूज्य मोक्षकल्याणक महोत्सव के अवसर पर रिद्धि-सिद्धि भवन में विश्व शांति यज्ञ का आयोजन हुआ।

प्रतिष्ठाचार्य ऋषभ जैन शास्त्री के सान्निध्य में पंच परमेष्टि पूजन, समुच्चय चौबीसी जिन पूजा, चंद्रप्रभु भगवान पूजन, वसुपूज्य जिन पूजा, अनंतनाथ भगवान जिन पूजा, दशलक्षण पूजा, रत्न त्रय पूजा और सम्यक दर्शन-ज्ञान पूजन हुए।

श्रीमती वीना जैन ने निर्वाण कांड और श्रीमती ऋचा जैन ने तत्वार्थ सूत्र के अंतिम अध्याय का वाचन किया। मनीष जैन ने अभिषेक और शांतिधारा करने वाले श्रावक-श्राविकाओं को सम्मानित किया, जबकि अक्षत जैन ने भोजन व्यवस्था करने वालों को सम्मानित किया। निर्जल उपवास रखने वालों को भी श्रीमती ऋचा जैन ने सम्मानित किया। श्रीमती अंजलि सिंघई, श्रीमती निकिता जैन, श्रीमती आरती जैन और डॉ. नम्रता जैन ने अष्ट कुमारियों का सम्मान किया। लड्डू निर्माण करने वाले सौम्य जैन सहित कई अन्य ब्रह्मचारिणी, कलाकार और सहयोगियों को भी सम्मानित किया गया।

शनिवार की शाम रिद्धि-सिद्धि भवन में 1008 दीपों से महाआरती का आयोजन होगा। रविवार 7 सितंबर को कुलाधिपति आवास संवृद्धि में सुबह सात बजे से पारणा होगा, जिसमें जैन फैकल्टी के साथ बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं शामिल होंगी।

उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म दिवस पर स्वर्ण कलश से भगवान का अभिषेक किया गया। प्रथम कलश से वीसी प्रो. वी.के. जैन, द्वितीय और चतुर्थ कलश से ईडी अक्षत जैन, जबकि तृतीय कलश से ऋतिक जैन ने अभिषेक किया। शांतिधारा का क्रम भी विभिन्न श्रद्धालुओं द्वारा सम्पन्न किया गया। अष्ट प्रातिहार्य का सौभाग्य आठ कन्याओं को मिला।

मोक्ष कल्याणक पर प्रथम लड्डू चढ़ाने का अवसर प्रो. विपिन जैन, वीर प्रताप जैन, युक्ति जैन, हर्ष जैन, अनमोल जैन, आर्जव जैन, पर्व जैन, वर्धन जैन, चाहत जैन, दिव्यांश जैन और सम्यक जैन को मिला। द्वितीय लड्डू चढ़ाने का अवसर संभव जैन, विशाल जैन, संयम जैन, गौरव जैन, अनाया जैन, नियति जैन, राजकुमार जैन, अक्षत जैन, निखिल जैन, सुब्रत जैन, पायल जैन और निशंक जैन को प्राप्त हुआ। भक्तांबर पाठ का वाचन हर्ष और अर्श जैन ने किया।

उत्तम आकिंचन्य धर्म दिवस पर मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और मंगलाचरण के साथ ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक संध्या आयोजित हुई। इससे पहले दिव्य घोष के बीच जिनालय से रिद्धि-सिद्धि भवन तक आरती की शोभायात्रा निकाली गई।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में मंगलाचरण नृत्य के माध्यम से तीर्थंकरों के गुणों और आदर्शों को दर्शाया गया। टिमिट छात्रों ने 30 मिनट की नाट्य प्रस्तुति जियो और जीने दो के जरिए अहिंसा, करुणा और परस्पर सहयोग का संदेश दिया। सामूहिक नृत्य प्रस्तुतियों में जैन धर्म के सिद्धांतों को कलात्मक रूप से अभिव्यक्त किया गया। 20 मिनट के नुक्कड़ नाटक में हास्य-व्यंग्य के माध्यम से सामाजिक और आध्यात्मिक संदेश दिया गया।

कार्यक्रम के अंत में अंतिम वर्ष के जैन छात्रों को स्मृति-चिह्न और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।

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