चुनावी सौगातें इतनी कि हर सौगात पे उत्तराखण्ड का दम निकले
-जयसिंह रावत
केन्द्र सरकार के भरोसे चल रहा उत्तराखण्ड एक ओर निरन्तर कर्ज के बोझ तले दबा जा रहा है और दूसरी ओर ठीक विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों में प्रदेश को लुटवाने की घोषणाओं की होड़ लग गयी है। इस होड़ में सत्ता के बाकी दावेदारों को पछाड़ने के लिये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणाओं की ऐसी झड़ी लगा दी जिनसे सत्ताधारी दल को विधानसभा चुनावों में बढ़त मिले या ना मिले मगर उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था का भट्टा अवश्य बैठ जायेगा। हाल ही में सम्पन्न विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सदन में पेश महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखण्ड राज्य 2019-20 तक ही 66 हजार करोड़ के कर्ज तले दब चुका था। उसके बाद त्रिवेन्द्र सरकार भी निरन्तर कर्ज के भरोसे राजकाज भी चलाती रही और दरियादिली भी दिखाती रही। इसलिये कर्ज का बोझ अब तक 70 हजार करोड़ तक पहुंच जाने का अनुमान है। जबकि 2007 में तिवारी जी केवल 13 हजार करोड़ का कर्ज छोड़ गये थे जिसे मुद्दा बना कर भाजपा ने चुनाव जीता था।
राजनीतिक दलों में लोक लुभावन वायदों की लगी होड़
आम आदमी पार्टी द्वारा वोटरों को लुभाने के लिये 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने तथा कांग्रेस के हरीश रावत द्वारा गैस के सिलेंडर पर 200 रुपये सबसिडी के साथ ही मुफ्त बिजली देने की घोषणा की जानी ही थी कि मुख्यमंत्री धामी ने भी जबाबी कार्यवाही के तौर पर ताबड़तोड़ सौगातों की झड़ियां लगानी शुरू कर दीं। जबकि इतनी सौगातों को पूरा करने के लिये न तो चालू बजट में कोई प्रावधान है और ना ही कर्ज में डूबा यह राज्य इतनी सौगातों का बोझ झेल सकता है। सरकार के अपने पहले के ही जो कमिटमेंट और अपने कमिटेड खर्चे हैं उनके लिये 57,400 करोड़ का बजट नाकाफी होने पर विधानसभा से 5,720 करोड़ का अनुपूरक बजट पास कराना पड़ा। अब सवाल उठता है कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में सौगातों का जो पिटारा (पैंडोराज बॉक्स) खोला है उसके लिये हजारों करोड़ कहां से आयेंगे। अगर सरकार इन घोषणाओं को पूरा करती है तो विकास कार्यों के लिये निर्धारित धनराशि उधर डाइवर्ट करनी पड़ेगी या फिर घोषणा कर भूल जाना पड़ेगा। इन घोषणाओं के लिये अगर अतिरिक्त कर्ज लिया जाता है तो भी इसका दुष्प्रभाव प्रदेश पर पड़ेगा। चालू वर्ष में ही सरकार को मौजूदा कर्ज का 6,052 करोड़ रुपये केवल ब्याज ही देना है। वैसे भी प्रदेश की जनता को गलतहमी में नहीं रहना चाहिये। क्योंकि किसी भी सरकार के अंतिम कुछ महीनों में नौकरशाही अपने ही हिसाब से काम करती है और अगर उसे लगता है कि मौजूदा सरकार या सत्ताधारी दल की वापसी की संभावना बहुत कम है तो वह उसकी घोषणाओं के ऊपर पालथी मार कर बैठ जाती है।
तिजोरी खाली तो सौगातों के लिए पैसा कहाँ से आएगा ?
चालू वर्ष के बजट को भी अगर ध्यान से देखें तो हकीकत सामने आ जाती है। सरकार ने बजट में केन्द्र से मिलने वाले राज्यांश और अन्य सहायताओं समेत सभी संसाधनों को निचोड़ने के बाद भी कुल 44,174 करोड़ की आय का अनुमान लगाया है। जबकि सभी जानते हैं कि आय के ये लक्ष्य कम ही पूरे होते हैं और खास कर कोरोना महामारी के इस दौर में तो यह लक्ष्य हासिल करना नामुमकिन नही ंतो आसान भी नहीं है। जबकि सरकार के खर्चे 57,400 करोड़ रुपये के प्रस्तावित थे। खर्चे बढ़ने पर ही सरकार को अनुपूरक बजट पास कराना पड़ा। अब स्वयं ही अनुमान लगाया जा सकता है कि सौगातों में हकीकत कितनी और फसाना कितना है।
वोटों के लिए प्रदेश को लुटवाने में भी गुरेज नहीं
चुनावी वर्ष में लगातार लोक लुभावन घोषणाओं के क्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी डिग्री कालेजों के छात्रों को टेबलेट देने, पुलिस और राजस्व विभाग के कर्मचारियों को कोविड प्रोत्साहन राशि देने और समूह ‘ख’ के पदों पर अभ्यर्थियों को अधिकतम आयुसीमा में एक साल की छूट देने की घोषणा की । विधानसभा के मॉनसून सत्र में धामी ने कहा कि प्रदेश के सरकारी डिग्री कॉलेजों में पढ़ने वाले सभी एक लाख छात्रों को भी मोबाइल टैबलेट दिया जाएगा और इस पर 100 करोड रू का व्यय आएगा । इस संबंध में उन्होंने कहा कि सरकार 10 वीं और 12 वीं के छात्रों को पहले ही ऐसे टैबलेट देने की घोषणा कर चुकी है जिनमें उनका पूरा पाठयक्रम भी लोड रहेगा ।मुख्यमंत्री ने सदन में 2020—21 के दौरान कोविड-19 के दृष्टिगत विधायक निधि में की गई एक करोड रू की कटौती को भी इस साल जारी करने की घोषणा की। धामी ने कहा कि कैंट बोर्डों में निवास करने वाले पूर्व सैनिकों के लिए भवन कर माफ करने के लिए यथोचित कार्यवाही होगी ।
कोविड-19 के दौरान पुलिस, राजस्व तथा ग्राम्य विकास अधिकारियों के योगदान की सराहना करते हुए धामी ने कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, उपनिरीक्षक, निरीक्षक, राजस्व विभाग में पटवारी, लेखपाल, राजस्व निरीक्षक एवं नायब तहसीलदार, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी और सहायक विकास अधिकारी को दस हजार रूपये की एकमुश्त प्रोत्साहन राशि देने की भी घोषणा की ।
हर किसी पर डोरे डालने की योजनाएं
धामी ने प्रदेश के सभी विद्यालयों में छात्राओं के लिए अलग से शौचालय बनाने की घोषणा की । उन्होंने मेधावी बच्चों के लिए शिवानंद नौटियाल छात्रवृत्ति की राशि 250 रू प्रतिमाह से बढाकर 1500 रू प्रतिमाह करने के साथ ही इसके लाभान्वितों की संख्या 11 से बढाकर 100 करने की घोषणा की । उन्होंने कहा कि श्रीदेव सुमन राज्य मेधावी छात्र वृत्ति को भी 150 रू प्रतिमाह से बढाकर 1000 रू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर घोषणा की कि 8 वर्ष से 14 वर्ष तक की आयु के 50-50 बालक बालिकाओं को उनकी खेल प्रतिभा के अनुसार चिन्हित कर उन्हें प्रति वर्ष मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। खिलाड़ियों का दैनिक भत्ता बढ़ाकर रू0 225/- किया जायेगा। महिला खिलाड़ियों के खेल कौशल विकास हेतु जनपद उधमसिंह नगर में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज स्थापित किया जाएगा। नेशनल गेम्स में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को उत्तराखंड राज्य परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान की जाएगी। नेशनल गेम्स के पदक विजेताओं को भी एशियन / कामनवेल्थ / वर्ल्ड / ओलंपिक पदक विजेताओं की भाँति सरकारी सेवा प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया को 25 लाख की धनराशि प्रदान की ।
मंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रमुख घोषणाएं
1-अतिथि शिक्षकों का वेतन रू15,000/- से बढ़ाकर रूपये 25,000/- किया जायेगा।
2-कार्यरत अतिथि शिक्षकों को प्राथमिकता के आधार पर गृह जनपदों पर नियुक्ति दी जाएगी
3-मनरेगा कर्मियों को हड़ताल की अवधि का वेतन भुगतान किया जाएगा।
4-पुलिसकर्मियों के ग्रेड वेतन और नियमावली का परीक्षण किया जाएगा।
5-जिला रोजगार कार्यालय में जनपद की आउटसोर्सिंग एजेंसी के रूप में स्थापित किया जाएगा।
6-विभिन्न विभागों में लगभग 20-22 हजार रिक्त पदों और बैकलॉग के रिक्तियों सहित समस्त रिक्त पदों पर भर्ती करने का निर्णय लिया गया है।
7-प्रदेश में 8 वर्ष से 14 वर्ष तक की आयु के 50-50 बालक बालिकाओं को उनकी खेल प्रतिभा के अनुसार चिन्हित कर उन्हें प्रति वर्ष मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी
8-खिलाड़ियों का दैनिक भत्ता बढ़ाकर रू. 225/- किया जायेगा।
9-महिला खिलाड़ियों के खेल कौशल विकास हेतु जनपद उधमसिंह नगर में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज स्थापित किया जाएगा।
10-नेशनल गेम्स में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को उत्तराखंड राज्य परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान की जाएगी।
नेताओं का काम सिर्फ लोकलुभावन वादों एवम घोषणाओं तक सीमित रह गया है , वित्तीय प्राविधानों की चिंता तब हो जब उनको पूरा करने की नीयत हो ।प्रदेश कर्ज के बोझ तले दबे , किसी को क्या लेना देना । पिछली घोषणाओं का 75% पूरा होने तक नई घोषणाओं पर वैधानिक रोक होनी चाहिए ।
Thanks Bhai Sahab