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7वां सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस देश भर में मनाया गया; रक्षा मंत्री ने देहरादून में मुख्य समारोह की अध्यक्षता की

  • IT IS OUR DUTY TO ENSURE THE WELL-BEING OF EX-SERVICEMEN, THEY ARE THE NATION’S ASSETS: SHRI RAJNATH SINGH AT VETERANS’ RALLY
  • DEDICATES SHAURYA STHAL TO THE ARMED FORCES AT DEHRADUN CANTT
  • RM LAUNCHES ‘SOUL OF STEEL’ ALPINE CHALLENGE TO PROMOTE TOURISM IN BORDER AREAS

 As a mark of respect to the selfless duty of the ex-servicemen & their sacrifices towards the Nation and solidarity towards the Next of Kin of the Bravehearts, the seventh Armed Forces Veterans’ Day was celebrated across the country on January 14, 2023. The celebrations were held at nine locations, with Raksha Mantri Shri Rajnath Singh presiding over the main function in Dehradun. Addressing a huge rally of veterans as part of the event, the Raksha Mantri expressed gratitude to the soldiers who have protected the sovereignty, unity and integrity of the country with unmatched courage & sacrifice and paid rich tributes to those who laid down their lives in the line of duty. He commended the serving as well as retired Armed Forces personnel who ensure the country’s national security.

-उत्तराखंड हिमालय ब्यूरो –

देहरादून,14 जनवरी ।  पूर्व सैनिकों के निस्वार्थ कर्तव्य और राष्ट्र के प्रति उनके बलिदान के प्रति सम्मान और वीरों के परिजनों के प्रति एकजुटता के प्रतीक के रूप में 14 जनवरी, 2023 को देश भर में सातवां सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस मनाया गया। यह समारोह नौ स्थानों पर मनाया गया जबकि देहरादून में आयोजित मुख्य समारोह की अध्यक्षता रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की। आयोजन के हिस्से के रूप में पूर्व सैनिकों की एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने उन सैनिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की, जिन्होंने अद्वितीय साहस और बलिदान के साथ देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा की और उन लोगों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने इस युद्ध में अपने कर्तव्‍यों के निर्वाह के लिए अपने प्राणों को न्‍यौछावर किया। उन्होंने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले सशस्त्र बल के सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों की सराहना की।

श्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के स्वतंत्रता सेनानियों, सैनिकों और पूर्व सैनिकों का विशेष रूप से उल्लेख किया, जिन्होंने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए अदम्य साहस और समर्पण का परिचय दिया। उन्‍होंने कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी जैसे नायक जिन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों की सहायता की, उत्तराखंड के रहने वाले थे। कारगिल युद्ध के दौरान, राज्य के सैनिकों ने शत्रु के विरूद्ध मजबूती से खड़े होकर और अडिग भावना के साथ देश की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

रक्षा मंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों के जवानों की निस्वार्थ भक्ति और बलिदान के कारण, हमारे नागरिक सुरक्षित महसूस करते हैं और अपना सिर ऊंचा करके चलते हैं। उन्‍होंने कहा कि हमारे वीर सैनिकों ने विश्‍वभर में भारत की छवि को एक शक्तिशाली और सम्मानित राष्ट्र के रूप में रूपांतरित करने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। आप सभी हमारी एकता और अखंडता के रक्षक हैं। आप राष्ट्र की परिसंपत्ति हैं। हम शांति से सोते हैं क्योंकि आप सीमा पर जाग रहे होते हैं।

श्री राजनाथ सिंह का मानना था कि पूर्व सैनिकों को प्रदान की जा रही पेंशन, चिकित्सा और अन्य सुविधाएं उनके द्वारा किए गए बलिदान और प्रतिबद्धता के प्रति देश के सम्मान का एक छोटा सा प्रतीक है, जो उन्हें उनके कल्याण के लिए सरकार की पूरी सहायता का भरोसा दिलाता है। उन्‍होंने कहा कि आज का हर सैनिक कल का सम्मानित पूर्व सैनिक है। उनका कल्‍याण और संतुष्टि सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है।

पूर्व सैनिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, रक्षा मंत्री ने पूर्व सैनिकों की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए रक्षा पेंशन शिकायत निवारण पोर्टल लॉंच किए जाने पर प्रकाश डाला। उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में लॉन्‍च किए गए मां भारती के सपूत‘ वेबसाइट का भी उल्‍लेख किया, जिसमें कहा गया है कि लोग पोर्टल के जरिए सशस्त्र सेना युद्ध हताहत कल्याण कोष में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने इसे पूर्व सैनिकों के कल्याणकारी प्रयासों से नागरिकों को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बताया। उन्होंने सभी भूतपूर्व सैनिकों और सशस्त्र सेना के सेवारत कर्मियों को उनके समर्पण और बहादुरी के लिए धन्यवाद देते हुए अपने संबोधन का समापन किया।

रैली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल अनिल चौहान भी सम्मिलित हुए। इस अवसर पर मध्य कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी;  जीओसी, उत्तर भारत क्षेत्र लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू; जीओसी, उत्तराखंड सब एरिया, मेजर जनरल संजीव खत्री; अध्यक्ष, उत्तराखंड पूर्व सैनिक लीग मेजर जनरल मोहन लाल असवाल (सेवानिवृत्त) और उत्तराखंड सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी और अन्‍य कई पूर्व सैनिक भी उपस्थित थे।

रैली के दौरान जसवंत मैदान में कई स्टॉल लगाए गए। श्री राजनाथ सिंह ने अपने दौरे के दौरान पूर्व सैनिकों और वीर नारियों के साथ परस्‍पर बातचीत की। उन्होंने बहादुरी और समर्पण की सराहना करते हुए शहीद हुए सैनिकों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने वीर सैनिकों के परिवारों और आश्रितों को सहायता प्रदान करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

इससे पूर्व, एक पुष्पांजलि समारोह में  रक्षा मंत्री ने देहरादून छावनी में सशस्त्र बलों को शौर्य स्थल समर्पित किया। नागरिक और सैन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ-साथ पूर्व सैनिकों के साथ, श्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के वीर सशस्त्र बलों के जवानों के सर्वोच्च बलिदान का सम्मान करने के लिए पुष्पांजलि अर्पित की। उत्तराखंड के 2,300 से अधिक सेवा कर्मियों ने कर्तव्‍य के दौरान अपने जीवन का बलिदान दिया है। भारतीय सेना और छावनी बोर्ड शौर्य स्थल के पूर्ण प्रबंधन और रखरखाव और सभी गतिविधियों तथा समारोहों के संचालन के लिए उत्‍तरदायी होंगे।

रक्षा मंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक पहल ‘सोल ऑफ स्टील’ अल्पाइन चैलेंज को भी लॉन्‍च किया। उन्होंने भारतीय सेना और पूर्व सैनिकों के एक संगठन के क्‍लॉ ग्लोबल की इस संयुक्त पहल के तहत विभिन्न रोमांचक कार्यकलापों के लिए इस पर हस्‍ताक्षर करने के लिए स्वयंसेवकों के लिए एक वेबसाइट लॉन्च की। भारतीय सेना और क्‍लॉ के एक संयुक्त अभियान दल के हिस्‍से के रूप में श्री राजनाथ सिंह ने 460 किलोमीटर लंबी कार रैली ‘रोड टू द एंड’ को भी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रैली अगले तीन दिनों में चमोली जिले के नीती गांव के पास गढ़वाल हिमालय में अपने गंतव्य स्‍थल तक पहुंचेगी।

चेन्नई में पूर्व सैनिक दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने की। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित कई पूर्व सैनिकों के साथ परस्‍पर बातचीत की।

नई दिल्ली में आयोजित समारोह में वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार, चीफ ऑफ आर्मी स्‍टाफ जनरल मनोज पांडे, सचिव (पूर्व सैनिक कल्याण) श्री विजय कुमार सिंह और चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के अध्यक्ष, चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) एयर मार्शल बीआर कृष्णा उपस्थित रहे। इस अवसर पर सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारी, उनके निकट संबंधी, भूतपूर्व सैनिक और विभिन्न पूर्व सैनिक संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

तीनों सेना प्रमुखों ने सशस्त्र बलों के पूर्व सैनिकों से संबंधित विभागों के तहत विभिन्न कल्याण विभागों द्वारा शुरू किए गए महत्वपूर्ण कल्याणकारी उपायों को रेखांकित किया। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में पूर्व सैनिकों द्वारा की गई निस्वार्थ सेवा की सराहना की। इस कार्यक्रम के दौरान सम्मान पत्रिका का विमोचन किया गया, जो भारतीय सेना के पूर्व सैनिक निदेशालय (डीआईएवी) द्वारा प्रकाशित एक वार्षिक पत्रिका है, जिसमें सूचनात्मक लेख और पूर्व सैनिक समुदाय के लिए रुचि के विभिन्न विषय शामिल हैं। भारतीय वायु सेना ने वायु समवेदना पत्रिका का भी अनावरण किया।

प्रात: काल, समारोह के हिस्से के रूप में, नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, तीनों सेना प्रमुखों, सीआईएससी और कुछ पूर्व सैनिकों ने पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

अन्य स्थान जहां तीनों सेना मुख्यालयों द्वारा समारोह आयोजित किए गए थे, झुंझुनू, जालंधर, चंडीगढ़, पानागढ़, भुवनेश्वर और मुंबई हैं। आयोजनों के दौरान, पूर्व सैनिकों को राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्र निर्माण में उनके अमूल्य योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रमों के दौरान पूर्व सैनिकों के शौर्य और बलिदान को याद करने के लिए उनके सम्मान में ‘वी फॉर वेटरन्स’  राष्‍ट्रगान भी बजाया गया।

सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस प्रतिवर्ष 14 जनवरी को मनाया जाता है, क्योंकि 1953 में इसी दिन, भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल केएम करियप्पा, जिन्होंने 1947 के युद्ध में भारतीय सेना को जीत दिलाई थी, औपचारिक रूप से सेना से सेवानिवृत्त हुए थे। यह दिन देश के सम्मानित पूर्व सैनिकों को समर्पित है। पूर्व सैनिक दिवस का आयोजन 2017 से ही सेवानिवृत्त, सेवारत और राष्ट्र के बीच परस्‍पर सौहार्द की पुष्टि करने और सर्वोच्च बलिदान देने वाले तथा नि:स्वार्थ रूप से देश की सेवा करने वाले नायकों का स्‍मरण और उनका सम्मान करने के लिए किया जाता है।

 

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