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महावीर स्वामी के जयकारों से गूंजा टीएमयू

ख़ास बातें

  • दिव्य घोष के बीच निकली धूमधाम से महावीर स्वामी की रथयात्रा
  • 108 रजत और 04 स्वर्ण कलशों से हुआ भगवान श्रीजी का अभिषेक
  • स्वर्ण कलश का पहला अवसर डॉ. विनीता जैन की झोली में
  • श्रावकों को स्वर्ण और रजत कलश से शांतिधारा का मिला सौभाग्य
  • कुलाधिपति श्री सुरेश जैन और जीवीसी श्री मनीष जैन की रही उल्लेखनीय मौजूदगी
  • संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री सुरेश जैन रहे बतौर विशिष्ट अतिथि

 

–प्रो. श्याम सुंदर भाटिया/ श्री अरिन्जय जैन  

24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का 2621वां जन्मकल्याणक महोत्सव तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में धूमधाम से आस्था के संग मनाया गया। यूनिवर्सिटी जिनालय से प्रातः 06. 30 बजे भव्य रथयात्रा निकली, जो दिव्य घोष की धार्मिक संगीतमय धुनों के बीच श्रीजी को लेकर रिद्धि-सिद्धि भवन पहुंची। श्रीजी के रिद्धि-सिद्धि भवन में विराजमान होने के बाद 108 रजत और 4 स्वर्ण कलशों के जरिए श्रीजी का अभिषेक हुआ, जबकि शांतिधारा स्वर्ण और रजत झारी से की गई।

रथयात्रा में टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, ग्रुप वाइस चेयरमैन श्री मनीष जैन के संग सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं श्रीजी की भक्ति में सराबोर नजर आए। टीएमयू कैम्पस में त्रिशला नंदन वीर की भव्य शोभायात्रा निकाली गयी। भगवान महावीर की प्रतिमा को डॉ. एसके जैन ने अपने मस्तिष्क पर सुशोभित कर जिनालय से रथ तक लाए और उन्हें रथ में विराजमान किया। दिव्य घोष के साथ भगवान महावीर का रथ जिनालय से चलकर मेडिकल हॉस्टल, मेडिकल कॉलेज, इंडोर स्टेडियम, फॉर्मेसी ब्लॉक, इंजीनियरिंग ब्लॉक, आर्मी मिल्ट्री टैंक, क्रिकेट पवेलियन, नवीन एडमिन ब्लॉक होते हुए रिद्धि-सिद्धि भवन पहुंची। दो घंटे की इस रथयात्रा के दौरान श्रावक और श्राविकाएं भक्ति में लीन नजर आए। रथ यात्रा में सबसे आगे घोड़े, बग्गी, कलश के साथ श्राविकाएं और दिव्य घोष की गूँज रही तो टीएमयू कुलाधिपति सुरेश जैन, ग्रुप वाइस चेयरमैन श्री मनीष जैन के अलावा समस्त टीएमयू जिनालय परिवार रथयात्रा में नंगे पांव भक्ति में झूमते नजर आए। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवम् भारत विकास परिषद के अखिल भारतीय महामंत्री श्री सुरेश जैन की बतौर विशिष्ट अतिथि इस मौके पर मौजूदगी रही। उन्होंने श्रीजी को श्रीफल अर्पित अर्घ्य चढ़ाया।

श्रीजी की प्रतिमा को भक्तिमय माहौल में रिद्धि-सिद्धि भवन में विराजमान किया। सभी श्रावक-श्राविकाओं ने निर्मल जल और अक्षत से अपनी और अपने स्थान की शुद्धि की। इसके पश्चात स्वर्ण कलश शान्तिधारा और दीपक स्थापना के लिए वहां मौजूद भक्तों ने सौभाग्य प्राप्त किया। स्वर्ण कलश का पहला अवसर डॉ. विनीता जैन को मिला। दूसरा श्री अर्पित जैन, तीसरा श्री आर्यंन जैन जबकि चौथा अवसर श्री हर्ष जैन को प्राप्त हुआ। इसके अलावा शांतिधारा का स्वर्णिम अवसर स्वर्ण कलश से श्री अक्षत जैन, श्री पलाश जैन, श्री अनमोल जैन, श्री सरस जैन, श्री चेतन जैन, श्री अक्षत जैन और श्री संकेत चौधरी को मिला। ये श्रावक बीटेक-सीएस और बीबीए के हैं। इसी के साथ रजत कलश से अभिषेक करने का सौभाग्य डॉ. अश्विनी जैन को प्राप्त हुआ।  शांतिधारा के पश्चात भगवान महावीर का अष्ट द्रव्यों से पूजन किया गया। इसमें उनके गुणों के गुणगान के संग-संग भगवान महावीर के जीवन की कुछ उल्लेखनीय घटनाओं और उनके चरित्र का वर्णन किया गया। दिव्य घोष की मधुर ध्वनि के साथ भगवान महावीर जन्मकल्याणक का अर्घ्य चढ़ाया गया। इस दृश्य की शोभा देखते ही बनती थी।

 

इस अवसर पर इन्द्रों ने धारा बहाई…,न्वहन कराओ माता त्रिशला के लाल को…., बड़े अच्छे लगते हैं ये पिच्छी, कमंडल, दर्शन और तुम…,. विद्या सागर तेरे दीवाने आए हैं….,. जब से गुरू दर्श मिला….., वर्तमान को वर्धमान की आवश्यकता है…., जैसे भजनों में पूरा रिद्धि सिद्धि भवन झूम उठा। वहां मौजूद सभी श्रावक-श्राविकाओं ने जमकर भक्ति की। रथयात्रा में सौधर्म इन्द्र बनने का सौभाग्य डॉ. एस के जैन जबकि कुबेर इन्द्र बनने का सौभाग्य श्री अतिशय जैन को प्राप्त हुआ। इन्द्र बनने का सौभाग्य निदेशक अस्पताल पीएनडी डॉ. विपिन जैन, श्री रिषभ जैन, श्री सम्यक जैन और श्री आर्जव जैन को प्राप्त हुआ। इसी कडी में सारथी का सौभाग्य श्री आर्यन जैन, रथ को खींचने का सौभाग्य श्री हर्ष जैन, श्री अक्षत जैन, श्री मुदित जैन, श्री संस्कार जैन, श्री तन्मय जैन, श्री संयम जैन, मिस आशी जैन, श्री संयम जैन आदि को प्राप्त हुआ। भगवान महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव में मेडिकल कॉलेज वाइस प्रिसिंपल प्रो. एसके जैन, डॉ. हर्षित जैन, निदेशक टिमिट प्रो. विपिन जैन, निदेशक अस्पताल पीएनडी श्री विपिन जैन, एजुकेशन कॉलेज की प्राचार्या दीदी कल्पना जैन, डॉ. अर्पित जैन, श्री पवन जैन, डॉ. अर्चना जैन, डॉ. विनोद जैन, श्री संजय जैन, डॉ. आरके जैन, श्री आशीष सिंघई, श्री अरिन्जय जैन, श्री आदित्य विक्रम जैन आदि भी शामिल रहे। इनके अलावा श्रावक-श्राविकाओं में धार्मिक जैन, वैभव जैन, संकल्प जैन, विराग जैन, प्रयास जैन, वैभव जैन आदि भी मौजूद रहे। अंत में प्रसाद वितरण किया गया।

 

संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री सुरेश जैन बोले, टीएमयू

का भगवान महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव अनूठा

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवम् भारत विकास परिषद के अखिल भारतीय महामंत्री श्री सुरेश जैन ने तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के भगवान महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव अनूठा है। देश-प्रदेश की यूनिवर्सिटीज में जाने का सौभाग्य मिला, लेकिन टीएमयू जैसा महोत्सव देखने को नहीं मिला। इसके लिए न केवल श्रावक-श्राविकाएं तो बधाई के पात्र हैं ही, लेकिन यूनिवर्सिटी का आला प्रबंधन भी साधुवाद का पात्र है। श्रावक-श्राविकाओं को रिद्धि-सिद्ध भवन में संबोधित करते वरिष्ठ प्रचारक बोले, टीएमयू एक अनोखा विश्वविद्यालय है, जहां स्टडी के संग-संग स्टुडेंट्स आस्था और अनुशासन का पाठ भी पढ़ते हैं। उन्होंने कहा, जब पूरी दुनिया में हिंसा का चौतरफा वातावरण था और पशुओं की बलि दी जाती थी तो महावीर स्वामी ने अहिंसा परमो धर्म का सिद्धांत स्थापित किया। उन्होंने कहा, स्टुडेंट्स भगवान महावीर के गुणों को अपने जीवन में आत्मसात करें। जैन समाज के पास हर वैश्विक समस्या का समाधान है। यह पूरी दुनिया को अहिंसा और प्रेम का मार्ग दिखा सकता है।

 

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