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आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील चमोली की पिंडर घाटी में मानसून की आहट से सक्रिय होने लगा प्रशासन भी

–थराली से हरेंद्र बिष्ट–

आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील क्षेत्रों में सुमार पिंडर घाटी में भी मानसून की सक्रियता को देखते हुए प्रशासन भी सक्रीय होने लगा हैं। इसके तहत बुधवार को थराली के उपजिलाधिकारी रविन्द्र जुंवाठा के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम ने थराली के पास सौगांव में माॅक ड्रिल कर अपने से निपटने का अभ्यास किया। आगामी 20 जून से उत्तराखंड में भी मानसून की दस्तक का मौसम विभाग ने पूर्वा अनुमान लगाया हैं।

आपदा की दृष्टिगत से संवेदनशील पिंडर घाटी में आपदा से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके तहत आज थराली तहसील प्रशासन ने आपदा प्रबंधन टीम के साथ थराली- देवाल मोटरमार्ग पर चेपडो के समीप सौगांव में मॉक ड्रिल का अभ्यास किया ,जिसमे तहसील प्रशासन, पुलिस ,स्वास्थ्य ,लोक निर्माण विभाग,जल संस्थान समेत अन्य विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया।

इसके बाद तहसील कार्यालय में आयोजित एक बैठक में एसडीएम थराली रविन्द्र जुंवाठा ने विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों को आपदा से निपटने के लिए तहसील स्तरीय आपदा प्रबंधन टीम का जल्द गठन करने के साथ ही डीजीवीआर को राष्ट्रीय राजमार्ग पर एवं लोनिवि थराली को राजमार्ग पर भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में मशीनें तैनात किए जाने, खाद्यान्न विभाग को चातुर्मास के दौरान तीन माह का रसद एवं अन्य दैनिक उपभोग की वस्तुओं का प्रयाप्त स्टाक रखने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों से आपस में सामंजस्य बिठा कर आपदा से निपटने पर जोर दिया इस अवसर पर एसडीएम ने बताया कि शैडो एरिया में आपदा के समय संचार की सुविधाएं दुरस्त करने के लिए भी विचार किया जा रहा है ताकि किसी भी तरह की आपदा की सूचना तत्काल स्थानीय प्रशासन को मिल सके जिससे रिस्पांस टीम मौके पर नियत समय मे पहुंच सके। इस मौके पर देवाल के नायब तहसीलदार अर्जुन सिंह बिष्ट, पटवारी राजकुमार सिद्ववान, पुलिस एसआई नवीन नेगी, देवाल के चौकी इंचार्ज यशपाल गुसाईं,जल संस्थान के अवर अभियंता कृष्णकांत आदि मौजूद थे।

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