शिक्षा/साहित्य

दून यूनिवर्सिटी में सात दिवसीय स्तुति कार्यक्रम के दूसरे दिन एयरोस्पेस एवं ड्रग डिलीवरी प्रणाली का प्रशिक्षण दिया गया

—-uttarakhandhimalaya.in —-
देहरादून, 28   जनवरी।  दून विश्वविद्यालय में  भारत सरकार द्वारा समर्थित ‘सिनर्जिस्टिक ट्रेनिंग प्रोग्राम यूटिलाइज़िंग द साइंटिफिक एंड टेक्नोलॉजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर’ (स्तुति) योजना कार्यक्रम के तहत रसायन विज्ञान, भौतिकी और पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन विभाग में ” एडवांस्ड इंस्ट्रुमेंटल टेक्निक्स ऑफ़ सिंथेसिस एंड फैसिकोकेमिकल एनालिसिस ऑफ़ ननोमाटेरिअलस ” पर सात दिवसीय व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा  है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार की पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में स्तुति की परियोजना प्रबंधन इकाई के  सौजन्य से आयोजित  कार्यक्रम  के दूसरे दिन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) रुड़की के प्रख्यात वैज्ञानिक एवं महान शिक्षाविद् प्रोफेसर डॉ कौशिक पाल ने केमिकल वेपर डेपोज़िशन तकनीक पर व्याख्यान दिया। उन्होंने इस  प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे  उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल और तमिलनाडु सहित विभिन्न राज्यों के कई संस्थानों के प्रतिभागियों को बताया की इस तकनीक का इस्तेमाल न केवल मटेरियल साइंस बल्कि एयरोस्पेस इंडस्ट्री, ड्रग डिलीवरी प्रणाली इत्यादि में भी किया जा रहा है।

डॉक्टर पाल ने कहा कि शोध की गुणवत्ता के लिए आवश्यक है कि शोधार्थी को परीक्षण विधियों एवं प्रयोग होने वाले उपकरणों की विस्तृत जानकारी एवं प्रयोग विधियों का ज्ञान होना चाहिए। इस सत्र में प्रतिभागियों  ने सक्रिय  सहभागिता के साथ अपनी जिज्ञासा एवं संशय पूर्ण कर लाभ उठाया।

सत्र के दूसरे भाग में दून यूनिवर्सिटी की फिजिक्स विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ हिमानी शर्मा एवं शोधार्थी सौरभ रावत ने प्रतिभागियों  को इस  भौतिक विज्ञान में प्रयोग होने वाले उपकरणों की तकनीक एवं प्रयोगात्मक विधियों पर प्रशिक्षण दिया  डॉक्टर हिमानी ने कहा कि इस कार्यक्रम के सब प्रतिभागी कभी भी इस तकनीक का प्रयोग अपने रिसर्च कार्यों के लिए दून यूनिवर्सिटी में कर सकते हैं ।

आज के सत्र  की शुरुआत स्तुति कार्यक्रम की संयोजक डॉ चारू द्विवेदी ने अतिथियों का परिचय एवं तकनीकी सत्रों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कर किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ अरुण कुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ विपिन सैनी ने किया। इस अवसर पर  डॉ अर्चना शर्मा, डॉ शिवा अग्रवाल, डॉ अमिता सती, शिक्षक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।

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