आपदा/दुर्घटना

आपदाग्रस्त थराली देवाल की सड़कें एक सप्ताह के अंदर खुल जाएंगी

-रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट-

थराली, 26 अगस्त । पिछले 13 अगस्त को आई देवी आपदा से क्षतिग्रस्त थराली -देवाल -वांण एवं थराली -डुंग्री मोटर सड़कों को लोनिवि थराली एवं पीएमजीएसवाई कर्णप्रयाग ने खोलने की कवायद शुरू कर दी हैं। दोनों के विभागीय अधिकारियों ने कहा कि सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले एक सप्ताह के अंदर दोनों सड़कों को यातायात के लिए खोल दिया जाएगा।

दरअसल 13 अगस्त एवं उसके बाद 17 अगस्त को ब्रहमताल बुग्याल के आसपास के के क्षेत्र में फटे बादलों ने थराली ब्लाक में बहने वाली प्राणमती नदी एवं देवाल ब्लाक के वांण गांव के गद्देरों में भारी मात्रा में पत्थर,बोल्डरों,मलुवे के कारण मानव हानी को छोड़ पशुहानि के साथ ही भारी मात्रा में सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा जा। इसी दौरान थराली के सोल क्षेत्र के 16 गांव को जोड़ने वाली एक मात्र सड़क थराली -डुंग्री किमी 5 में वशआउट हो गई थी। यहां पर कठोर चट्टान होने की वजह से आज तक सड़क आवागमन के लिए नहीं खोली जा सकी हैं।इस संबंध में पूछे जाने पर पीएमजीएसवाई कर्णप्रयाग डिविजन जिसके अनुरक्षण में सड़क हैं के अधिशासी अभियंता शशांक कुमार सिंह ने बताया कि वाशआउट सड़क पर नई सड़क के स्थान पर नई सड़क बनाने की प्रक्रिया के तहत थराली की ओर से कंप्रेशर मशीन से होल किए जा रहे हैं। सड़क के दूसरे छोर डुंग्री की ओर दो जेसीबी मशीन हैं। किंतु खड़ी पहाड़ी होने के कारण मशीन काम नही कर पा रही हैं। थराली की ओर से पोकलैंड मशीन एवं ब्रेकर मशीन लगाएं जाने के लिए आपदा के तहत आगडन गठित कर जिला प्रशासन को भेजें दिया गया हैं। स्वीकृति मिलते ही सड़क खोलने की गति बढ़ा दी जाएगी।उधर देवाल -वांण मोटर सड़क जोकि कुलिंग -वांण के बीच किमी के बीच गद्देरे में सड़क बहजाने एवं इससे आगे सड़क के वाशआउट हो जाने के कारण सड़क आपदा के बाद बंद पड़ी है इसे खोलने के लिए लोनिवि थराली प्रयास तेज कर दिए हैं।इस संबंध में लोनिवि थराली के सहायक अभियंता निरंजन सिंह रावत ने बताया कि शुक्रवार को यहां पर पोकलैंड मशीन भेज कर गहरी खाई में तब्दील हो चुके गद्देरे को भरने का कार्य शुरू कर दिया गया हैं। उसके बाद लगभग वाशआउट हो चुकी सड़क पर निर्माण लिया जाएगा कि यहां पर पहाड़ी को काट कर सड़क बनाई जाएं अथवा पुलम भर कर सड़क का निर्माण किया जाएं। दोनों सड़कों के लंबे समय से बंद पड़े होने के कारण क्षेत्र के ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं।

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