जगहों पर लोगों को परेशानी का शबब बन रही है ऋषिकेश बद्रीनाथ आल वेदर रोड
–गौचर से दिगपाल गुसाईं —
ऋषिकेश बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को भले ही केंद्र सरकार अपनी उपल्ब्धि मानकर अपनी पीठ थपथपा रही हो लेकिन यह मार्ग कई जगहों पर लोगों को परेशानी का शबब भी बन गया है। ताजुब तो इस बात का है कि एन एच डी सी एल के अधिकारी किसी की सुनने को तैयार ही नहीं हैं।
बारह हजार करोड़ की लागत से बनाई जा रही ऋषिकेश बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को कई जगह पर मनमाने ढंग से बनाए जाने से क्षेत्रीय जनता को सुविधा के बजाय परेशानी खड़ी कर दी गई है। पिछले तीन चार सालों से निर्माणधीन इस मार्ग पर बाजारों में आधी अधूरी बनाई गई नालियों का डिजाइन इस तरह से किया गया है कि इन नालियों को जहां सड़क लेबल से ऊपर किया गया है वहीं नालियों पर ढलान न होने से पानी बहने के बजाय इकठ्ठा हो रहा है। इससे जहां गंदगी का वातावरण बन गया है वहीं वाहनों को खड़ा करने में भी दिक्कत हो रही है। कई जगहों पर कलबट ऐसे जगहों पर बनाए गए हैं जो बरसात के दिनों में स्थानीय जनता को खतरे का कारण भी बन गए हैं।
गौचर के मुख्य बाजार में लगातार मांग करने के बाद भी अभी तक एक ओर की नाली बनाई ही नहीं गई है।जो नाली बनाई गई है उसमें पानी की निकासी की समस्या खड़ी हो गई है। विगत दिनों जिला योजना समिति के सदस्य अनिल नेगी के आग्रह पर एन एच डी सी एल के अधिकारियों ने 10 दिन के भीतर समस्या का समाधान करने का आस्वासन दिया था। लेकिन ताजुब तो इस बात का है कि अब विभागीय अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ने लगे हैं कि टेंडरों के मानकों के हिसाब से नालियों का निर्माण किया गया है।
दूसरी ओर कालेश्वर में आवादी के बीचों बीच बनाया गया कलबट स्थानीय जनता को खतरे का कारण बन गया है। कालेश्वर निवासी हरेंद्र बिष्ट, विपिन रावत, रमेश सती, दीपक डिमरी, देवेंद्र रावत, राकेश बिष्ट, आदि का कहना है कि तमाम विरोध करने के बाद भी एन एच डी सी एल के अधिकारियों ने कलबट आबादी के बीचों बीच बना दिया।इस कलबट से निकलने वाले पानी से जहां कृषि योग्य जमीन बरवाद हो रही है वहीं मकानों को भी खतरा पैदा हो गया है। सी एम पोटल पर शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाही न किए जाने से वे अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।