वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, उत्तराखंड में एक एपीडा प्रमाणित प्रयोगशाला, जैविक उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलायेगी
हरिद्वार, 5 मई (उहि ) । केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग; उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने हरिद्वार में जिला अधिकारियों के साथ आकांक्षी जिला कार्यक्रम के बारे में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने अधिकारियों से एक ‘टूरिस्ट क्राफ्ट विलेज’ के लिए उपयुक्त भूमि की पहचान करने को कहा, जहां कारीगर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के समक्ष अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से पर्यटकों के ठहरने की अवधि में विस्तार होगा और आर्थिक गतिविधियों का एक लाभकारी चक्र बनेगा।
केन्द्रीय मंत्री ने अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों से फीडबैक प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से ‘दिशा’ की बैठकें आयोजित करने का निर्देश दिया। समयबद्ध विकास के लिए सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के बीच समन्वय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) का गठन किया गया है। केन्द्रीय मंत्री ने अधिकारियों से पारदर्शिता और सार्वजनिक जवाबदेही को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से परियोजनाओं का विवरण परियोजना स्थलों पर प्रस्तुत करने का भी आह्वान किया।
राज्य में जैविक खेती की प्रगति के बारे में जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री ने सुझाव दिया कि जैविक उत्पादों की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए उत्तराखंड में एक एपीडा प्रमाणित प्रयोगशाला की स्थापना की जानी चाहिए। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस तरह के प्रमाणीकरण से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निर्यात में वृद्धि के रूप में मिलने वाले लाभ का अधिक होना तय है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के बारे में बोलते हुए, केन्द्रीय मंत्री ने बैठक में उपस्थित लोगों को सूचित किया कि 2021 की जनगणना पूरी होने के बाद पूरे देश में राशन कार्डों का एक संशोधित तरीके से आवंटन किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि उत्तराखंड में बड़ी संख्या में प्रवासी आबादी है, इसलिए इसे ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना के सघन कार्यान्वयन से काफी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि बायोमेट्रिक-आधारित ओएनओआरसी योजना ने कागजी राशन कार्ड की जरूरत को समाप्त कर दिया है। उन्होंने अधिकारियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अत्यंत संवेदनशीलता के साथ लागू करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि समाज के वंचित वर्गों को लाभान्वित करने वाली ऐसी योजनाओं में भ्रष्टाचार बिल्कुल सहन नहीं किया जाना चाहिए और इसके प्रति पूरी तरह से जीरो टॉलरेंस होना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिया कि पीएम-किसान योजना के तहत पात्र किसानों का पंजीकरण करने के लिए एक तीव्र अभियान चलाया जाना चाहिए। ‘मुद्रा योजना’ की प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने उभरते हुए उद्यमियों को अधिक से अधिक पूंजी उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों से और मेहनत करने का आग्रह किया।
केंद्रीय मंत्री ने इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी, रोटरी क्लब, पीरामल फाउंडेशन, एसयूपीए कृषि अनुसंधान समूह और प्लान इंटरनेशनल जैसे सरकार का समर्थन करने वाले संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। श्री गोयल ने लोगों की आजीविका को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कौशल और राहत प्रदान करने के लिए इन संगठनों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
अपनी दो दिवसीय यात्रा के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने शिक्षा, वित्तीय समावेश और कृषि के क्षेत्र में पिछले चार वर्षों में हरिद्वार की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि पोषण एक ऐसा क्षेत्र है, जहां सुधार करने की जरूरत है।