बच्चों की कोरोना वैक्सीन के लिए करना पड़ेगा इंतजार: मंत्री ने कहा- अभी इस पर फैसला नहीं
नई दिल्ली12 अक्टूबर।
देश में बच्चों की वैक्सीन को लेकर अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। सुबह खबर आई कि केंद्र सरकार की एजेंसी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 2 से 18 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए स्वदेशी कोवैक्सीन को मंजूरी दे दी है। हालांकि बाद में खुद स्वास्थ राज्य मंत्री ने इससे इनकार कर दिया।
बच्चों की कोरोना वैक्सीन पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि अभी इस पर काम चल रहा है। मुझे लगता है कुछ कन्फ्यूजन सामने आ रही है। अभी DCGI की भी मंजूरी नहीं मिली है। विशेषज्ञ निर्णय लेंगे उसके बाद वैक्सीन आएगी। प्रक्रिया चल रही है और हम उसमें हस्तक्षेप नहीं करते हैं।
अंतिम मंजूरी पर नहीं लगी मुहर
DCGI की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने तीसरी लहर की चेतावनी के बाद 12 मई को बच्चों पर कोवैक्सिन के ट्रायल की सिफारिश की थी। इसे मानते हुए DCGI ने ट्रायल की मंजूरी दी थी। भारत बायोटेक ने बच्चों पर कोवैक्सिन का ट्रायल जून में शुरू किया था। हालंकि अभी इसकी अंतिम मंजूरी बाकी है। दुनिया के अलग-अलग देशों में भी इसी तरह के ट्रायल्स के बाद बच्चों के लिए वैक्सीन को अप्रूवल दिया गया है।
- यूरोप में मॉडर्ना की वैक्सीन को बच्चों के लिए अप्रूव करने से पहले 12 से 17 साल के 3,732 बच्चों पर ट्रायल किया गया था। ट्रायल के नतीजों में सामने आया था कि वैक्सीन ने बच्चों में भी बड़ों के बराबर ही एंटीबॉडी प्रोड्यूस की है। ट्रायल के दौरान 2,163 बच्चों को कोरोना वैक्सीन दी गई थी और 1,073 को प्लास्बो। जिन 2,163 बच्चों को वैक्सीन दी गई थी, उनमें से किसी को भी न तो कोरोना हुआ और न ही कोई गंभीर साइड इफेक्ट।
- चीनी वैक्सीन कोरोनावैक भी 3 से 17 साल तक के बच्चों पर असरदार पाई गई है। कंपनी ने दो फेज में 550 से ज्यादा बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल किया था। कंपनी ने बताया कि ट्रायल में शामिल केवल दो बच्चों को ही वैक्सीनेशन के बाद तेज बुखार आया था। बाकी किसी में भी कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया। वैक्सीनेशन के बाद 98% बच्चों में एंटीबॉडी भी प्रोड्यूस हुई।
- फाइजर ने बच्चों पर अपनी वैक्सीन की इफेक्टिवनेस पता करने के लिए 12 से 15 साल के 2,260 बच्चों पर ट्रायल किया था। इनमें से 1,131 को वैक्सीन और बाकी 1,129 को प्लास्बो दिया गया था। वैक्सीन लेने वाले 1,131 बच्चों में से किसी में भी कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं देखे गए। ट्रायल के नतीजों के बाद फाइजर ने कहा था कि उसकी वैक्सीन बच्चों में 100% इफेक्टिव है।(News input Dainik Bhaskar)