भाजपा सरकार द्वारा गैरसैण की उपेक्षा से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत हतप्रभ : पूछा 25 हजार करोड़ की योजना कहाँ गयी ?
देहरादून, 20 जून (उहि )। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के अवस्थापना विकास को मास्टर प्लान जल्द बनना चाहिए। उन्होंने बजट में गैरसैंण के विकास के लिए प्रावधान न किए जाने को चिंताजनक बताया।
एक साचार पत्र से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि पिछले साल गैरसैंण बजट सत्र में ग्रीष्मकालीन राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए 25 हजार करोड़ का ऐलान किया था। इसके तहत गैरसैंण में ई विधानसभा, सचिवालय, जिला अस्पताल, पानी की आपूर्ति के साथ गैरसैंण से कर्णप्रयाग, द्वाराहाट और बागेश्वर की सड़क को दो लेन करने का प्रावधान था, लेकिन बजट में इस बार कोई राशि नियत नहीं की गई, जो उचित नहीं है।
रविवार को हुयी इस बातचीत में उन्होंने कहा कि गैरसैंण में सत्र आहूत होने पर देहरादून सचिवालय से बंडल की बंडल फाइलें एक हफ्ते पहले ही पहुंचानी पड़ती हैं। इससे दस्तावेजों के खराब होने की संभावना रहती है। इसी वजह से उन्होंने ई विधान सभा की परिकल्पना की थी। एक हाईटेक विधानसभा से दून से गैरसैंण फाइलों का बंडल ले जाने की जरूरत नहीं पड़ती और अफसर और कर्मचारियों का अनाश्वयक समय भी बचता। त्रिवेंद्र ने कहा कि गैरसैंण उत्तराखंड की भावनाओं से जुड़ा है लिहाजा वहां पूरी तरह से अवस्थापना विकास संबंधी सुविधाएं जुटाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि राजधानी क्षेत्र गैरसैंण के मास्टर प्लान एक कमेटी का भी गठन होना था, जिसमें आईएएस, आईपीएस, आईएफस समेत टाउन प्लानर की एक कमेटी का गठन किया जाना था, लेकिन इसका भी जीओ नहीं हो पाया है।
त्रिवेंद्र इन दिनों पार्टी में अपनी उपेक्षा से नाराज बताये जा रहे हैं। वजह यह की पार्टी ने उनको पद से तो हटाया मगर उनका सम्मानजनक पुनर्वास नहीं किया। जिससे सन्देश गया की पार्टी नेतृत्व की उनसे नाराजगी अभी दूर नहीं हुयी।